नई दिल्ली. पूरी दुनिया में मत्स्य पालन 7.1 प्रतिशत की वार्षिक औसत दर की बढ़त के साथ सबसे तेजी से बढ़ रहा फूड प्रोड्यूसर क्षेत्र है. बढ़ती जनसंख्या तथा फूड आइटम्स में कमी होने के कारण मत्स्य पालन उद्योग के साथ-साथ अन्य उद्योगों जैसे कि मुर्गीपालन और पशुपालन इत्यादि को भी पर्याप्त बढ़ावा मिल रहा है. मत्स्य पालन में होने वाले खर्चों में आहार पर ज्यादा खर्च होता है. बाजार में उपलब्ध मत्स्य आहार मछली विशेष होने के कारण सभी प्रकार की मछलियों के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं. इसलिए मत्स्य आहार के लिए नये एवं गैर पारंपरिक फूड आइटम्स सोर्स खोजना एवं उपयुक्त आहार चयन अति आवश्यक है.
एक्सपर्ट का कहना है कि मत्स्य आहार प्रबंधन एक महत्वपूर्ण विषय मछली के उचित विकास और इजाफे के लिए उसे संतुलित आहार प्रदान करना आवश्यक होता है. प्राकृतिक वातावरण में पालन की गयी मछली पोषक तत्वों के लिए तालाब में उपलब्ध प्राकृतिक आहार जैसे-प्लवक तथा उसको दिए गए आहार पर निर्भर करती है. मछली, जो आहार ग्रहण करती है उसका प्रभाव उसके स्वास्थ्य एवं वृद्धि पर पड़ता है.
मछली पालकों होता है नुकसान
एक्सपर्ट का कहना है कि यदि मछली के आहार में जरूरी पोषक तत्वों की कमी होती है, तो मछलियों को ज्यादा देर तक जिंदा नहीं रखा जा सकता है. वो पोषक तत्वों की कमी के कारण जल्दी—जल्दी मरने लग जाएंगी. वहीं इसके चलते एक और समस्या ये होती है कि मछली की संख्या में इजाफा करने तथा प्रजनन करने में सक्षम नहीं होती है. मत्स्य पालन में आहार का आर्थिक महत्व भी होता है और पालन लागत में इसकी लगभग 50 प्रतिशत से अधिक भागीदारी होती है. इसलिए उचित मत्स्य आहार प्रबंधन के अभाव में मछली पालकों को नुकसान होता है.
मत्स्य आहार के प्रकार
एक्सपर्ट का कहना है कि मछली की पोषण की जरूरत को पूरा करने के लिए जलीय वातावरण में किस प्रकार का आहार उपलब्ध है इन दो प्वाइंट्स पर नजर रखते हुए मछली पालक मत्स्य आहार का चयन करते हैं. मछली के लिए जो आहार दिया जाए है उसमें प्रमुख तौर पर प्रोसेसिंग आहार होता है. जबकि फ्रोजन और जीवित आहार में क्लासीफाइड किया जाता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि मछली की जरूरत के मुताबिक उन्हें आहार दिया जाना चाहिए. ऐसा करने से उनका प्रोडक्शन भी अच्छा होता है और ग्रोथ भी ज्यादा होती है.
मछली के लिए प्रोसेस आहार
प्रोसेस आहार या निर्मित आहार, पालन योग्य एवं अलंकारी दोनों मछलियों के लिए उपयोगी रहता है. व्यावसायिक प्रसंस्करित आहार की लोकप्रियता उनकी उपलब्धता एवं गुणवत्ता के कारण बनी हुई है. प्रसंस्करित आहार की शेल्फ अवधि (निधानी आयु) लंबी होती है. अगर इसका भंडारण उचित प्रकार से किया जाये तो यह लंबे समय तक खराब नहीं होता है. परतदार (फ्लैक) आहार की तुलना में पेलेट (गुटिकाधारी) आहार की शेल्फ अवधि अधिक होती है. प्रसंस्करित मत्स्य आहार को निम्नलिखित वर्गों में विभाजित किया गया है.
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