नई दिल्ली. सरकार पशुपालन को लेकर काम कर रही है. सरकार चाहती है कि पशुपालन के जरिए किसानों की इनकम बढ़ाई जाए, इसलिए पपशुपालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ पशुओं की बीमारियों पर भी नियंत्रण करने का काम किया जा रहा है. सरकार की ओर हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों पर गौर किया जाए तो साल 2019 से 6 राउंड में 108 करोड़ मवेशियों को वैक्सीनेट किया गया है. जिससे 7.37 करोड़ किसानों को सीधे तौर पर इसका फायदा मिला है. मवेशियों और भैंसों में FMD के असर की बात की जाए 2018 में 227 से घटकर सितंबर 2024 तक 41 हो गया है. इसका मतलब ये है कि बीमारी की गंभीरता भी कम हुई है.
सरकार की ओर से कहा गया है कि जागरूकता बढ़ने के साथ सुधार हुआ है. हालांकि एफएमडी टीकाकरण के पहले और दूसरे दौर को 2020 और 2021 में कोविड से नकारात्मक रूप से प्रभावित किया गया और तीसरा दौर 2022-23 में लम्पी स्किन रोग के प्रकोप के कारण धीमा हो गया.
मवेशियों में एंटीबॉडी का बढ़ गया लेवल
बता दें कि साल 2023-24 में, वैक्सीनेश में तेजी आई और चौथा दौर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पूरा हुआ. पांचवें दौर 13 राज्यों में पूरा हुआ और छठा दौर हरियाणा, कर्नाटक और तमिलनाडु में शुरू हुआ. टीकाकरण तीसरे राउंड के बाद नियमित हो गया है, यानी 6 महीने के अंतराल के बाद और एक अभियान मोड में आ गया. गौरतलब है कि मवेशियों की रोग प्रतिरोधकता का विकास टीकाकरण के बाद के नमूनों की सीरो-निगरानी द्वारा मापा जाता है. राउंड 4 के बाद, सीरोटाइप O, A और एशिया 1 के लिए क्रमशः 82.26%, 76.68% और 78.69% जानवरों में सुरक्षात्मक एंटीबॉडी स्तर पाया गया है. एफएमडी सीरो-मॉनिटरिंग डेटा टीकाकरण दौर के आखिरी के बाद जानवरों में एंटीबॉडी का लेवल बढ़ा है.
एफएमडी मुक्त होगा देश
देश को एफएमडी मुक्त बनाने के लिए 9 राज्यों को शामिल किया गया है. इसमें पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात और महाराष्ट्र में पहले चरण वैक्सीनेशन होगा. देश में एफएमडी रोग के नियंत्रण के लिए, सभी मवेशियों, भैंसों (भेड़, बकरियों और सूअरों के चयनित क्षेत्रों में) में 2030 तक एफएमडी को समाप्त करने के लिए 4 से 6 और टीकाकरण राउंड की आवश्यकता होगी. वैक्सीन आपूर्ति में सुधार के साथ, जुलाई 2024 में प्रवासी जनसंख्या वाले राज्यों में भेड़ों और बकरियों का टीकाकरण शुरू किया गया है. वहीं ब्रुसेलोसिस टीकाकरण की बात की जाए तो साल 2020 से, 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 5.43 करोड़ ब्रुसेला वैक्सीन प्रदान की गई है और 4.29 करोड़ मादा बछड़ों का टीकाकरण किया गया है और इसमें कमी आई है.
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