Home मछली पालन Fish Farming: मछली के तालाब के लिए इन टिप्स को करें फॉलो, तेजी के साथ होगी मछलियों की ग्रोथ
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Fish Farming: मछली के तालाब के लिए इन टिप्स को करें फॉलो, तेजी के साथ होगी मछलियों की ग्रोथ

fish farming in pond
तालाब में मछलियों की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मछली पालन में ध्यान देने वाली बातों पर गौर किया जाए तो हर महीने में जाल चलाकर मछलियों की ग्रोथ एवं उनकी हेल्थ की जांच करते रहना चाहिए. एक्सपर्ट कहते हैं कि आमतौर पर हर महीने मछली की औसत ग्रोथ लगभग 75-100 ग्राम होनी चाहिए. मछलियों का नजदीक से निरीक्षण करने से उनकी बीमारी वगैहरा का भी पता लग जाता है. वहीं मछलियों को तालाब से एक वर्ष पर निकाला जाता है. तब तक मछलियां औसतन एक किलोग्राम की हो जाती हैं. तब इन्हें निकाल कर बेचा जा सकता हैं. निकालने के समय इनके बाजार भाव का ध्यान रखना उचित लाभ के लिए आवश्यक होगा.

बता दें कि एक हेक्टेयर के तालाब में 5 हजार मछलियों की फींगर्स के पोषण में, तालाब की तैयारी में औसतन एक लाख रुपया खर्च होता है. इसलिए उत्पादित 100 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचने पर फायदा दो से तीन लाख रूपया तक हो सकता है. हालांकि इसके पहले के प्रोसेस की बात की जाए तो मछ​ली उत्पादन तभी बेहतर होगा जब तालाब अच्छा होगा. मछली के तालाब में कुछ जरूरी चीजों का ख्याल रखना होता है. अगर ऐसा नहीं किया गया तो मछली पालन में नुकसान भी हो सकता है.

क्या हैं महत्वपूर्ण सुझाव

  • नर्सरी तालाब निचली भूमि में बनाना अच्छा रहता है.
  • नर्सरी तालाब के किनारे तिरछे रहने से पानी अधिक मात्रा में रह पाता है और हवा के लिए भी खुली सतह अधिक मिल जाती है.
  • स्पॉन संचय करने से 3 दिन पहले तालाब में 1 लीटर तेल का प्रयोग करते हैं या तेल/साबुन का घोल डालते हैं उससे कीड़ा तो मर जाता हैं पर स्पॉन नहीं मरता है.
  • यह छिड़काव तालाब में हर तीन दिन के गैप पर लगातार करते रहना चाहिए. जब तक कि स्पॉन जीरा न बन जाता हो.
  • स्पॉन का मुंह बहुत ही कम खुलता है. इसलिए इनको खाने के लिए बहुत ही बारीक पाउडर का छिड़काव करते हैं. राईस ब्रान (चावल का पॉलिस), चलनी से चाला हुआ सत्तु का प्रयोग फायदेमन्द होता है.
  • स्पॉन को मापने के लिए स्पॉन कूप आता है. जिससे मापकर स्पॉन को बेचते हैं और तालाब में भी डालते हैं.
  • कॉमन कार्प तालाब के रुके हुए पानी में ग्रोथ करती हैं लेकिन ये अंडा तभी देती हैं जब वहां कुछ चिपकने वाला चीज मौजूद हो जैसे-जलकुंभी के पौधे रख देने से अंडा जलकुंभी के पत्ते से चिपक जाती हैं और बाद में पत्तियों पर से इकट्ठा कर लेते हैं.
  • स्पॉन के वजन का 2 फीसदी के हिसाब से भोजन देते हैं. 1 स्पॉन का वजन 2 मिली ग्राम होता हैं. 1 लाख स्पॉन का वजन 200 ग्राम तो 1 लाख स्पॉन को 4 ग्राम भोजन देंगे.
  • झींगा का अंडा नमकीन पानी में ही जिंदा रह सकता है. ये 20-25 दिन तक नमकीन पानी में ही जिंदा रह सकते हैं.
  • इसके बाद मीठे पानी की ओर बढ़ने लगते हैं फिर मीठे पानी में आकर ग्रोथ हासिल कर लेता है. झींगा मांसाहारी होता है और ये घोघा, सीप को खाते हैं.

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