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Fisheries: इन राज्यों में ऑनलाइन बिक रही है ताजा मछली, सरकार ने शुरू किया है डिजिटल प्लेटफार्म

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मछलियों की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. अब देश में कई राज्यों के उपभोक्ताओं को ताजा मछली मिल रही है तो वहीं उपभोक्ताओं को ताजा मछली बेचने की वजह से मछली पालकों को भी अच्छा दाम मिल रहा है. दरअसल ये इस वजह से संभव सका है कि, देश के 10 बड़े राज्यों में मछली पालक ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) पर ऑनलाइन मछली बेच रहे हैं. दरअसल, केंद्रीय मत्स्य पालन की मदद से या योजना शुरू हुई है. आधिकारिक रूप से इसको अभी-अभी शुरू भी किया गया है, लेकिन मछली पलकों ने कई महीने पहले ही ओएनडीसी पर रजिस्ट्रेशन करा कर मछली बेचना शुरू कर दिया था. 19 फरवरी को ओएनडीसी के अधिकारियों और केंद्रीय मत्स्य पशुपालन और डेयरी मंत्रालय पुरुषोत्तम रूपाला ने इस योजना में से संबंधित एमयू पर भी साइन किया था.

बढ़ जाएगा मछली का घरेलू बाजार
बता दें कि काफी समय से मछली पालन करने वाले और मछली पकड़ने वालों मछुआरे समुदाय की शिकायत थी कि उन्हें उनके प्रोडक्ट का वाजिब दाम नहीं मिल पाता है. जबकि मछली की खरीदारों की शिकायत थी कि बाजार में ताजा मछली नहीं मिलती. हालांकि फिर भी सेक्टर में 2014-15 से 10.87 फ़ीसदी की दर से बढ़ोतरी जरूर दर्ज की गई. यह बढ़ोतरी देशभर में फैले मछुआरों, 2000 से ज्यादा मछली किसान, उत्पादक संगठनों, सहकारी समितियां की वजह से हुई है. केंद्रीय मत्स्य एवं मंत्रालय ने ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) के साथ मिल शुरू की गई इस योजना की मदद से मछली खाने की शौकीनों को अलग-अलग वैरायटी की ताजा मछली बाजार में खाने की मिलेगी. वहीं मछली का घरेलू बाजार भी बढ़ाने की बात कही जा रही है.

बिक रही ऑनलाइन मछली
ओएनडीसी के तहत देश के 10 राज्यों आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में ऑनलाइन मछली बेची जा रही है. संयुक्त सचिव पशुपालन सागर मेहरा ने इसको लेकर बताया कि मछली पालन से जुड़े करीब 35 एफएफपीओ, पहले ही इस नेटवर्क में शामिल हो चुके हैं. मत्स्य पालन विभाग ओएनडीसी के तहत मिलकर मछली पालन के डिजिटल प्लेटफॉर्म प्रदान करना चाहता है. वहीं पारंपारिक मछुआरों मछली किस उत्पादकों को संगठन और मत्स्य पालन क्षेत्र के कारोबारी को ही मार्केट प्लेस की मदद से अपने प्रोडक्ट को खरीदने और बेचने के लिए जागरूक बनाना भी मकसद है.

इस कोशिश से कई फायदे होंगे
ओएनडीसी की मार्केटिंग का एक अनूठा मंच है, जो मछुआरों मछली किसनों एफएफपीओ, स्वयं सहायता समूहों और अन्य मछुआरा सहकारी समितियां को जोड़कर मत्स्य पालन और क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. मंत्रालय के राज्यमंत्री डॉ. मुरुगन ने बताया कि ओएनडीसी के में के साथ मिलकर मत्स्य पालन विभाग की कोशिशें के कारण इस पहल से मछली पालन से जुड़े वैल्यू एडेड प्रोडक्ट को बढ़ावा देने में यह प्लेटफॉर्म मदद करेगा. रेडी टू ईट रेडी टू कुक को बढ़ावा मिलेगा. घरेलू मछली की खपत बढ़ने और मछली उत्पादन को खरीदने और बेचने के लिए सभी पारंपरिक मछुआरों, डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जोड़ने की इस पहल से घरेलू बाजार में मछली की खपत को बढ़ाने में मदद मिलेगी.

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