नई दिल्ली. गुरू अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, लुधियाना 21 और 22 मार्च को दो दिवसीय पशु पालन मेला आयोजित करेगा. किसानों के सवालों से स्पष्ट है कि इस मेले में भाग लेने के लिए किसानों में भारी उत्साह है. मेले के बारे में जानकारी देते हुए कुलपति डॉ. जतिंदर पाल सिंह गिल ने कहा कि यह मेला अन्य राज्यों के किसानों को भी आकर्षित कर रहा है. आसपास के राज्यों से कई लाइन और विकास विभाग और अन्य हितधारक भी इस मेले में हिस्सा ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि बेहतर नस्लों के साथ हम सकारात्मक तरीके से उपज में सुधार कर सकते हैं.
मेले का नारा भी इसी उद्देश्य पर आधारित है, ‘नसल सुधार है, पशु पालन कित्ते दी जान, वधेरे उत्पादन बनाए किसान की शान.’ राज्य में वैज्ञानिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए विश्वविद्यालय मेले में भैंस, मछली, सूअर और बकरी श्रेणियों में चार सर्वश्रेष्ठ किसानों को “मुख्यमंत्री पुरस्कार” भी प्रदान कर रहा है.
पशुपालन की मुश्किलों का मिलेगा जवाब
विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. रविन्द्र सिंह ग्रेवाल ने बताया कि पशु पालन मेले में विश्वविद्यालय अपनी तकनीक का प्रदर्शन करेगा तथा प्रदर्शनी और वैज्ञानिकों के साथ किसानों की बातचीत के माध्यम से जानकारी देंगे. दोनों दिन वैज्ञानिक पशुधन, मछली और मुर्गी पालन के विभिन्न पहलुओं पर तकनीकी व्याख्यान आयोजित किए जाएंगे, ताकि किसान अपने-अपने स्थानों पर उपयुक्त सर्वोत्तम प्रथाओं को अपना सकें. सभी दिनों में किसानों के लिए प्रश्न उत्तर सत्र भी आयोजित किए जाएंगे. मेले में विश्वविद्यालय के उत्कृष्ट पशुओं जैसे गाय, भैंस, बकरी, सुअर और मुर्गी का प्रदर्शन किया जाएगा, ताकि किसानों को विश्वविद्यालय से बेहतर जर्मप्लाज्म का चयन करके बेहतर पशुधन का प्रजनन करने के लिए प्रेरित किया जा सके.
इन बीमारियों की होगी जांच
पशुधन, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन से संबंधित विश्वविद्यालय का साहित्य और पशुपालन के लिए अभ्यास पैकेज और पत्रिका ‘वैज्ञानिक पशु पालन’ भी किसानों के लिए उपलब्ध रहेगी. डॉ. ग्रेवाल ने आगे बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा तैयार क्षेत्र विशेष खनिज मिश्रण, यूरोमिन लिक, बायपास वसा भी नाममात्र दरों पर बेची जाएगी. मेले में गेहूं के भूसे का यूरिया उपचार, यूरोमिन लिक, बाईपास फैट, टीट डिप प्रैक्टिस और एकारिसाइड दवा तैयार करने का प्रदर्शन किया जाएगा. पशुपालकों को स्तनदाह, आंतरिक परजीवी, दूध, चारे के नमूने और चारे में नाइट्रेट विषाक्तता की जांच की सुविधा दी जाएगी. किसान रक्त, मल, मूत्र और त्वचा के छिलकों के नमूने लाकर विभिन्न रोगों की जांच करवा सकते हैं. मेले के दिनों में जांच की सुविधा निशुल्क रहेगी.
किसान संगठन लगाएंगे स्टाल
पशुओं के साथ-साथ इंसानों में भी ब्रुसेलोसिस की जांच की जाएगी. चीनी, स्टार्च, यूरिया, न्यूट्रलाइजर और हाइड्रोजन पेरोक्साइड जैसे पांच आम मिलावटों की जांच के लिए दूध जांच किट भी बिक्री के लिए उपलब्ध रहेगी. पशुपालन से जुड़ी कंपनियां जैसे फार्मास्यूटिकल, पशु आहार, सीमेन, उपकरण, मशीनरी, चारा बीज, फीड सप्लीमेंट आदि प्रदर्शनी में अपने स्टॉल लगा रही हैं. यूनिवर्सिटी की ओर से विभिन्न किसान संगठन भी अपने स्टॉल लगाएंगे और अपनी गतिविधियों का प्रदर्शन करेंगे.
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