Home लेटेस्ट न्यूज Adulteration: तरबूज खाने के बाद उल्टी-दस्त से युवती की मौत, ऐसे करें मिलावट की पहचान
लेटेस्ट न्यूज

Adulteration: तरबूज खाने के बाद उल्टी-दस्त से युवती की मौत, ऐसे करें मिलावट की पहचान

livestock animal news
मिलावटी तरबूज खाने से इसी युवती हुई है मौत.

नई दिल्ली. यूपी के मुरादाबाद से बहुत ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक युवती की तरबूज खाने के बाद मौत हो गई है. दरअसल, गर्मियां शुरू होते ही बाजार में तरबूज खूब बिक रहे हैं और खुद को राहत देने के लिए लोग तरबूज खा रहे हैं लेकिन अब यही तरबूज लोगों की जान का दुश्मन बन गया है. दरअसल, लाल रंग दिखाकर बेचने की चक्कर में फल बेचने वाले इसमें मिलावट कर रहे हैं. जिसके चलते बाजार में ये नकली तरबूज लोगों की सेहत के लिए खतरा बन गया है.

मुरादाबाद का कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले कानपुर में मिलावटी तरबूज खाने के बाद बेतहाशा उल्टियां युवतियों युवती को हुई. बमुश्किल उनकी सेहत में सुधार हो सका. वहीं सोमवार को मुरादाबाद के बिलारी ऋषिपुरम की रहने वाली 20 वर्षीय अलका सैनी को कई उल्टियां हुईं. उसे सीएचसी बिलारी में ले जाया गया. जहां उसकी हालत गंभीर देख हायर सेंटर के लिए रेफर करना पड़ा. जिसके चलते युवती की रास्ते में ही मौत हो गई. घर वालों ने बताया कि तरबूज खाने के बाद युवती की मौत हुई है.

लोगों में है खौफ
मौत की खबर फैलने के बाद हर कोई हैरान रह गया. वहीं असली-नकली को लेकर लोगों में खौफ देखा गया. युवती को अंतिम संस्कार के लिए कुंदरकी लाल मस्जिद पैतृक आवास ले जाया गया. मां राजकली के अनुसार सुबह 10 बजे चाय पीने के बाद सेब खाया था. इसके कुछ देर बाद तरबूज का सेवन किया था. इसके बाद पेटदर्द हुआ. इसके बाद उल्टी-दस्त लग गए. बड़ी बहन की मौत से तीन भाई-बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है. अलका बिलारी में ही ब्यूटी पार्लर का कोर्स सीख रही थी.

ऐसे करें मिलावट की पहचान
जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. रामकिशोर न बताया कि तरबूज में अगर एरिथ्रोसिन केमिकल मिला है. वह आपने खा लिया है तो पेट दर्द, उल्टी- दस्त, जी मिचलाना, भूख न लगना आदि समस्या का सामना करना पड़ेगा. इस केमिकल वाले तरबूज के सेवन से थायराइड की भी समस्या हो सकती है. इसलिए इसकी पहचान करके ही खाएं. अपर आयुक्त ग्रेड-टूखाद्य सुरक्षा राजवंश प्रकाश ने बताया कि तरबूज की जांच करने का साधारण तरीका है. किसी भी साधारण काटन के जरिये तरबूज की पहचान की जा सकती है. सबसे पहले तरबूज को आधा काटें और फिर रुई को तरबूज के कटे हुए हिस्से पर रगड़ें. अगर रूई में रंग लग जाए तो फिर समझ लें कि तरबूज में मिलावट हैं. मिलावटखोर इंजेक्शन के जरिए एरिथ्रोसिन नाम का केमिकल मिलाते हैं.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

लेटेस्ट न्यूज

Water: पानी से होने वाली बीमारियों से बचाव के क्या टिप्स पढ़ें यहां

खासकर बरसात के मौसम में. संक्रमण आमतौर पर तब होता है जब...

लेटेस्ट न्यूज

FPO: एफपीओ की मदद से सीधे किसानों से उनका प्रोडक्ट खरीद रही हैं बड़ी कंपनियां, मिल रहा फायदा

इन कं​पनियों ने किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) से सीधे कृषि उपज खरीदना...