Home पोल्ट्री Poultry: अच्छी ग्रोथ और ज्यादा प्रोडक्शन के लिए मुर्गियों को दें संतुलित आहार, घर पर ही बनाएं
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Poultry: अच्छी ग्रोथ और ज्यादा प्रोडक्शन के लिए मुर्गियों को दें संतुलित आहार, घर पर ही बनाएं

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मुर्गियों की फॉर्म के अंदर की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मुर्गी पालन एक बेहद ही कम लागत के साथ किया जाने वाला कारोबार है. पोल्ट्री फार्मिंग हो या फिर पशुपालन बेहतर ग्रोथ के लिए खानपान पर ध्यान देना होता है. एक्स्पर्ट का कहना है कि अगर मुर्गियों की ग्रोथ अच्छी चाहते हैं और ये भी चाहते हैं कि उनका प्रोडक्शन बेहतर रहे तो जरूरी है कि उन्हें एक्स्पर्ट द्वारा बताए गए फीड को खिलाएं. इससे मुर्गियों की ग्रोथ भी बेहतर हो जाएगी और उत्पादन में अच्छा मिलने लगेगा. एक्सपर्ट का कहना है कि पोल्ट्री फार्मिंग में फायदा तभी होगा, जब मुर्गियों को संतुलित आहार मिलेगा.

बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग में मुर्गियां रसोई घर से निकले वेस्ट, जमीन पर पड़े अनाज और कीड़े, जैसे चींटी आदि को खाकर अपना पेट भरती हैं. इन्हीं फीड को खाने के बाद वो मीट और अंडों का प्रोडक्शन करती हैं. हालांकि पोल्ट्री फार्म में पाली जा रही मुर्गियों को मक्का, जौ, राइस, सोयाबीन मील, मछलियों का चूरा आदि दिया जाता है. इन्हें खाकर मुर्गियां बेहतर प्रदर्शन करती हैं. वहीं संतुलित आहार के साथ—साथ मुर्गियों के पानी की भी व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न होने पाए.

8 हफ्तों तक दें भरपेट खाना
एक्सपर्ट का कहना है कि घर आंगन में पाली जाने वाली मुर्गियों को भी संतुलित आहार दिया जा सकता है. संतुलित आहार के तौर पर उन्हें भी मक्का, चावल, बाजरा आदि अनाज का दलिया, चोकर, चावल की पलिश, खल, खनिज लवण मिश्रण आदि को उचित अनुपात में मिला कर घर पर ही तैयार किया जा सकता है. इससे उनका प्रदर्शन और अच्छा हो जाएगा. अगर पोल्ट्री अच्छा फीड खाएंगी तो उससे अच्छा रिजल्ट भी आएगा. वहीं चूजों को 8 सप्ताह की उम्र तक भरपेट संतुलित आहार देना चाहिये. ताकि उनकी बढवार अच्छी हो. 8 सप्ताह बाद दिन में उन्हें बाहर खुला छोड़ देना चाहिये. दिन भर वे घर के आंगन तथा खेतों में अन्न के दाने, बीज, कीड़े-मकोडे, घास की कोमल पत्तियाँ एवं घर की जूठन खाकर अपना पेट भर सकते हैं.

फीड में किस चीजा का कितना मिश्रण होना चाहिए
पोल्ट्री एक्सपर्ट के मुताबिक मुर्गियों को दिए जाने वाले आहार में अन्य चीजों को मिलने की बात की जाए तो इसमें पीली मक्का 60 फीसदी, राइस पॉलिश 50 फ़ीसदी, राइस कटिंग, व्हीट कटिंग 30 फीसदी, जौ 15 फीसदी, मूंगफली खल 35 फ़ीसदी, सोयाबीन मील के 30 फीसदी, मछली का चूरा 3.10 फ़ीसदी, मीट मील 0.10, शीरा 2.30 फीसदी, मेज ग्लूटिंग मील 0.15 फ़ीसदी, पैनसिलिन मायसेलिन 0.20, नामक एक बटस दो भाग, लाइन स्टोन 2.4 फ़ीसदी और मैगनीज सल्फेट 0.25 से 0.5 पैसे दिया जा सकता है. बताते चलें कि एक आडियल पोल्ट्र फार्म के लिये जरूरी प्रजनन व्यवस्था होना आवश्यक है. जिसमें अंडे सेने, चूजे पैदा होने के समय से लेकर अंडा उत्पादन चक्र की समाप्ति पर मुर्गियों की बिक्री होने तक का पूरा प्रबन्ध होना चाहिए.

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