Home डेयरी Milk: 2033 से हर साल भारत को चाहिए होगा इतने करोड़ लीटर दूध, अभी है बहुत पीछे
डेयरी

Milk: 2033 से हर साल भारत को चाहिए होगा इतने करोड़ लीटर दूध, अभी है बहुत पीछे

हरित प्रदेश मिल्क प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन सदस्यों को बोनस का तोहफा दिया जा रहा है.
प्रतीकात्मक फोटो. livestock animal news

नई दिल्ली. भारत भले ही दुनिया में दूध उत्पादन के मामले में सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है लेकिन भारत की दूध उत्पादन की सालाना रफ्तार बेहद ही कम है. जिसे बढ़ाने की जरूरत है. इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी गई है. इसी के तहत आईसीएआर-राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई), करनाल ने 1 जून, 2025 को अपने परिसर में विश्व दुग्ध दिवस 2025 को बड़े उत्साह और छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों की भागीदारी के साथ मनाया. इस वर्ष का विषय, “आइए डेयरी की शक्ति का जश्न मनाएं”, दुनिया भर में डेयरी क्षेत्र के पोषण संबंधी लाभों, सामाजिक-आर्थिक महत्व और पर्यावरणीय प्रगति को बढ़ावा देने पर केंद्रित है.

आईसीएआर-एनडीआरआई के निदेशक और कुलपति डॉ. धीर सिंह ने कहा कि आजादी के शुरुआती दौर में दूध की कमी वाला देश भारत दुनिया में सबसे बड़ा दूध उत्पादक बनकर उभरा. डॉ. सिंह ने यह भी बताया कि भारतीय डेयरी क्षेत्र में लगभग 45 करोड़ छोटे और सीमांत किसान शामिल हैं और भारत के सकल घरेलू उत्पाद में डेयरी और पशुपालन क्षेत्र का योगदान 4.5 प्रतिशत है और कृषि क्षेत्र में डेयरी क्षेत्र का योगदान 24 प्रतिशत है, जिसका मूल्य लगभग 10 लाख करोड़ रुपये है और यह दुनिया में सबसे अधिक है. उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि आईसीएआर -एनडीआरआई ने गुणवत्ता वाले जर्म प्लाज्म, उत्कृष्ट नस्लों, कुशल जनशक्ति और बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और समय पर इनपुट का उत्पादन करके राष्ट्र की श्वेत क्रांति का समर्थन किया है. इन सामूहिक प्रयासों के कारण, भारत 1998 से दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादक के रूप में राज कर रहा है. भारत में दूध की प्रति व्यक्ति उपलब्धता विश्व की औसत प्रति व्यक्ति उपलब्धता से अधिक है, अर्थात 471 ग्राम प्रति दिन है.

14 फीसद की रफ्तार से बढ़ने की जरूरत
उन्होंने कहा कि आगे बढ़ने के लिए इन लक्ष्यों को प्राप्त करना बहुत जरूरी है. भारत अब दुनिया में सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन गया है और हमारी आबादी में वृद्धि होने की उम्मीद है. बढ़ती आबादी के परिणामस्वरूप, दूध और दूध उत्पादों की मांग भी लगातार बढ़ रही है. एक अनुमान के अनुसार, देश की दूध और दूध उत्पादों की मांग को पूरा करने के लिए भारत को 2033 तक प्रति वर्ष 33 करोड़ टन दूध का उत्पादन करने की आवश्यकता है. हाल के दशक में, दूध उत्पादन में वृद्धि औसतन 6.6 फीसद प्रतिशत थी, लेकिन टारगेट 330 एमएमटी को प्राप्त करने के लिए, हमें कम से कम 14 फीसद वार्षिक वृद्धि दर हासिल करने की आवश्यकता है.

ये हैं रुकावटें
कुलपति ने कहा कि चारे की बढ़ती लागत, घटती कृषि भूमि, उभरती हुई बीमारियां आदि जैसी बाधाएं लक्ष्य को प्राप्त करने में बाधा बन रही हैं. उत्पादन लागत और मीथेन उत्पादन को कम करने के लिए स्वदेशी दुधारू नस्लों की उत्पादकता बढ़ाना एक और क्षेत्र है जिस पर गंभीरता से ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए. वर्तमान में भारत का दूध निर्यात लगभग 2269 करोड़ रुपये का है, जो दुनिया के दूध उत्पाद निर्यात का केवल 2.6 फीसद है. फिर भी, हमें अपने दूध उत्पादों की निर्यात क्षमता बढ़ाने के लिए और अधिक काम करने की आवश्यकता है, जो किसानों को उनकी आजीविका बढ़ाने के लिए अच्छा रिटर्न दिलाने के लिए महत्वपूर्ण है. गुणवत्ता में सुधार के अलावा, हमारी निर्यात क्षमता को बढ़ाने के लिए भारतीय दूध निर्यात के लिए नए रास्ते तलाशने की आवश्यकता है.

एनडीआरआई कर रहा है काम
डॉ. सिंह ने यह भी बताया कि आईसीएआर-एनडीआरआई इन मुद्दों को हल करने के लिए डेयरी के विभिन्न पहलुओं पर काम कर रहा है. जैसे कि उच्च दूध उत्पादन के लिए नई पोषण रणनीति और बेहतर प्रजनन पद्धतियाँ; दूध की गुणवत्ता में सुधार के लिए नई पशुधन प्रबंधन पद्धतियाँ, स्वच्छ दूध पद्धतियाँ, मिलावट का पता लगाने वाली किट और कोल्ड चेन पद्धतियाँ, जिससे निर्यात क्षमता में वृद्धि होती है. किसानों को बेहतर रिटर्न के लिए अभिनव डेयरी उत्पाद और ऊर्जा कुशल प्रोसेसिंग मेथड गैर-गोजातीय दूध एक ऐसा विशिष्ट क्षेत्र है जिसमें एनडीआरआई काफी काम कर रहा है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

सामान्य तौर पर गाय ढाई से 3 वर्ष में और भैंस तीन से चार वर्ष की आयु में प्रजनन योग्य हो जाती हैं. प्रजनन काल में पशु 21 दिनों के अंतराल के बाद गाभिन करा देना चाहिए.
डेयरी

Milk Production: किन वजहों से साफ दूध हो जाता है गंदा, जानें यहां

दूध की पीने से होने वाली बीमारियों से उपभोक्ताओं को बचाने तथा...

चारे की फसल उगाने का एक खास समय होता है, जोकि अलग-अलग चारे के लिए अलग-अलग है.
डेयरी

Milk: दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए डेयरी पशुओं क्या खिलाएं, जानें यहां

डेयरी फार्मिंग के बिजनेस में अगर पशु ज्यादा दूध का उत्पादन करता...

Animal Husbandry: Farmers will be able to buy vaccines made from the semen of M-29 buffalo clone, buffalo will give 29 liters of milk at one go.
डेयरी

Dairy Animal: डेयरी पशुओं के पेट के कीड़े का जानें इलाज, चारा फसल के बारे में भी अहम बातें पढ़ें यहां

मई-जून माह में मक्का, ज्वार, बाजरा आदि सितम्बर-अक्टूबर में बरसीम सरसों, जई,...