Home पशुपालन Goat Farming: बकरा-बकरी अलग है आहार, जानिए किसे कौन सा खाना खिलाएं जिससे बढ़े दूध और कमाई
पशुपालन

Goat Farming: बकरा-बकरी अलग है आहार, जानिए किसे कौन सा खाना खिलाएं जिससे बढ़े दूध और कमाई

घर पर बकरी पालन शुरू करने से पहले आपके घर में बकरियों के लिए जगह बनानी होगी और आपके घर में ज्यादा जगह है तो आप बकरियों के लिए अधिक जगह बना सकते हैं.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली। बकरियों और बकरा का आहार अलग अलग होता है. कभी−कभी एक जैसा ही चारा या फिर आहार हम सभी बकरियों को देने लगते हैं. जिससे उनकी ग्रोथ रुक जाती है. जिसके कारण बकरी पालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ जाता है. मादा ग्याभिन को किस प्रकार का आहार दें और कितनी मात्रा में दें, ये जानकारी बहुत उपयोगी है. वहीं जो बकरी दुधारू है, उसे क्या दें ये भी उपयोगी है. इस लेख के जरिए जानिए कैसा फूड कब दें. बकरियां पूरा खाना एक बार में नहीं खाती हैं, ये थोड़ा−थोड़ा खाना हर समय खाना पसंद करती हैं. इसीलिए जरूरी है कि एक अच्छे मुनाफा के लिए इसके फूड का उचित इंतजाम किया जाए. मादा बकरी, दुधारू बकरी, प्रजनन में काम आने वाला बकरा सभी को कैसा आहार दें, जानिए यहां.

मादा बकरियों को ग्याभिन कराने के समय पोषण व्यवस्था उत्तम प्रकार की होनी चाहिए. आमतौर पर देखा गया है कि दूध देने के कारण या उत्तम प्रकार के पोषण न होने के कारण बकरियों का स्वास्थ्य कमजोर हो जाता है. आमतौर से देखा जाता है कि जो खुराक अन्य बकरियों को दी जाती है. यही गाभिन बकरियों को भी दी जाती है. व्यापार की दृष्टि से ऐसा करना उचित नहीं है. इस प्रकार की बकरियों में गर्भधारण की क्षमता कम हो जाती है.

गाभिन बकरी के लिए आहारः इसलिए बकरी पालकों को चाहिए कि इस प्रकार की बकरियों को ग्याभिन कराने के करीब दो सप्ताह पूर्व लगभग 100-200 ग्राम दाना अतिरिक्त देना चाहिए, जिससे कि इन बकरियों की गर्भ धारण करने की क्षमता में सुधार आ सके। गर्भावस्था के अंतिम छठे से सातवें सप्ताह के अंदर बच्चे की 70-80 प्रतिशत वृद्धि होती है। इसलिए इस दौरान बकरी की अच्छे किस्म का हरा चारा खिलाएं। जब बकरी के ब्याने के करीब 4 से 5 दिन रह जाएं उस समय जो सामान्य पोषण चल रहा है, उससे अतिरिक्त 300-400 ग्राम दाना प्रति दिन प्रति बकरी को देना आवश्यक है।

दुधारू बकरी का आहार दुधारू बकरियों को सामान्य बकरियों से अधिक पौष्टिक और संतुलित आहार की आवश्यकता होती है. औसतन एक दुधारू बकरी दिन में 3 से 4 किलोग्राम हरा चारा और सूखा चारा खा सकती है. इसके अतिरिक्त प्रति एक किलो ग्राम दूध के लिए 300 ग्राम तक दाना दें. दाना की मात्रा को दिन मे दो बार बराबर मात्रा में दें.

बकरा का आहार प्रजनन में काम आने वाले बकरे (बोका) को अच्छे और संतुलित आहार की जरूरत होती है. ऐसे बकरे आमतौर पर चरने नहीं जाते है. इसलिए बकरों को हरा और सूखा चारा के अलावा 400 से 600 ग्राम तक दाना प्रतिदिन देना आवश्यक है. बोका को उपयोग में नहीं लाने के समय उसको आहार में दाना की मात्रा कम कर दें. अगर बोका ज्यादा जींदार या मोटा हो गया तो उसे कम चारा खिलाए यानी आधा कर दें साथ ही ताकत पैदा करने वाली चीजें जैसे मकई, चावल और गेहू की मात्रा भी कम कर दें.

बकरियों के चारा खिलाने में कुछ सावधानी

सभी हरे चारे को बंडल बनाकर लटकाकर रखें
चारे को खराब होने से बचाएं
चारा रोजाना थोड़ा-थोड़ा 3-4 बार में दें
एक या दो घंटे की गीली घास न दें
धूप में सुखी पत्तियां भी दे सकते हैं
वासी हरा चारा हरगिज न दें, इनमें फफूंदी और कीड़े लग जाते हैं

पानी : चारा और दाना की तरह पानी की व्यवस्था करनी भी जरूरी है. पानी कम होने पर आहार नहीं पचेगा, वजन में अनुरूप वृद्धि नहीं हो पाएगा. सामान्य मौसम में एक 20 किलो वजन की बकरी को करीबन 700 मिलीलीटर पानी कि जरूरत होती है. गर्मी के मौसम में इससे डेढ़ गुणा पानी की जरूरत होती है. गंदा पानी अक्सर कई तरह की बीमारियों के कीटाणु पैदा करता है, इसलिए हमेशा साफ पानी ही पिलाएं.

आहार कैसे दें

बच्चों को अधिक मात्रा में दाना नहीं खिलाना चाहिए
दिए जाने वाले आहार की बर्बादी से बचाने के लिए बच्चों को कई बार में देना चाहिए
बकरी पालकों को आहार को बारिश से से बचाव के इंतजाम करना चाहिए
बकरी पालकों को आहार/आहार घटकों को उपलब्धता के समय खरीदना चाहिए क्योंकि इस समय सस्ते होते हैं
आहार अवययों का स्टोर 12 प्रतिशत नमी से कम पर करना चाहिए, नमी की अधिकता में फफूंदी का प्रकोप हो सकता है

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

CIRB will double the meat production in buffaloes, know what is the research on which work is going on. livestockanimalnews animal Husbandry
पशुपालन

Animal Husbandry: आपदा के दौरान इस तरह करें पशुओं की हिफाजत, यहां पढ़ें टिप्स

बाढ़ के पानी के बाद जल भराव के कारण परजीवियों की संख्या...

The Central Government has notified the Animal Birth Control Rules, 2023 in supersession of the Animal Birth Control (Dogs) Rules, 2001 to strengthen the implementation of the animal birth control programme.
पशुपालन

Animal News: ‘अगर इस तरह के कदम उठाए जाएं तो इंसानों के साथ कुत्तों को भी किया जा सकता है सेफ’

उन्होंने कहा कि ये मामले हमें रोकथाम, प्रतिक्रिया और जागरूकता की उन...

Animal husbandry, heat, temperature, severe heat, cow shed, UP government, ponds, dried up ponds,
पशुपालन

Animal Husbandry: बाढ़ की स्थिति में कैसे करें पशुओं के लिए चारा प्रबंधन, एक्सपर्ट ने बताया तरीका

ये जानकारियां बेहद ही अहम हैं, जिससे आपको इस मुश्किल घड़ी में...

goat farming sheep farming
पशुपालन

Flood: बाढ़ के दौरान बकरियों के झुंड और भेड़ों को बीमारियों से बचाने के लिए उठाएं ये जरूरी कदम

अगर बकरियों का फूट-एंड-माउथ डिजीज और हीमोरेजिक सेप्टिसीमिया के खिलाफ टीकाकरण नहीं...