नई दिल्ली. भारत में बकरी पालन बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. ग्रामीण इलाकों में इसका चलन ज्यादा है. बकरी पालन करना, जहां एक फायदेमंद सौदा है तो वहीं अगर कुछ बातों का ध्यान न रखा जाए तो यह बकरी पलकों को नुकसान पहुंचा सकता है. भारत में बदलते मौसम के अनुसार बकरियों का ध्यान रखना ज्यादा जरूरी होता है. ताकि बकरियां बीमार होने से बचाया जा सके. क्योंकि ज्यादातर बीमारियां जलवायु परिवर्तन के कारण ही होती हैं. सर्दियों के मौसम में बकरियों के निमोनिया और गठिया रोग होने का खतरा अधिक रहता है. जबकि बारिश के मौसम बकरियां मुख्य रूप से गलाघोंटू और चिमोकन रोगों से ग्रसित रहती हैं. ऐसे में बकरी पालक को पता होना चाहिए कि किस मौसम में उसे क्या सावधानी बरतनी चाहिए. आइए यहां जानते हैं.
ठंड के मौसम में बकरियों का ध्यान कैसे रखें
एक्सपर्ट कहते हैं कि बाड़े में बकरियों के नीचे घास फूस का प्रयोग करें. खिड़कियों तथा रोशनदान से बाड़े में आने वाली ठंडी हवाओं को रोकना जरूरी होता है. बकरी के छोटे मेमन को धूप निकलने पर 10 से बजे से 2:00 बजे तक बाहर धूप में रखें. इस मौसम में बकरियों को चारे में खाने के लिए नीम और अरडू और खेजड़ी दें. बकरी को खूरपका और मुंहपका बीमारी से बचाव के लिए एफएमडी का टीका जरूर लगवाएं.
गर्मी के मौसम क्या करें
इस मौसम में बाड़े की मिट्टी बदल दें और सूखी मिट्टी चूना मिलाकर डालें. बकरियों को पीने के लिए शुद्ध पानी दें. दिन में बाड़े के अंदर छाया की व्यवस्था करें. चारे में खाने के लिए नीम, शहतूत, बेरी, बाबुल और पीपल आदि के पेड़ों के पत्ते दें. तालाब और अन्य पानी पीने से भरे गड्ढे के पास बकरियों को चारा खाने के लिए ना जाने दें. क्योंकि बकरियां घास के साथ-साथ घोंगे भी खा लेती हैं. जिससे बकरियां बीमार हो जाती हैं. इस मौसम में बकरियां गर्मी में आती हैं. इसलिए कमजोर बकरियों को अधिक मात्रा में चारा दाना दें. सभी बकरियों को सही समय में गाभिन कराएं.
बरसात में ऐसे रखे ख्याल
बात बारिश के मौसम की करें तो, बकरियों के बाड़े को सूखा रखना और सूखे चारे की व्यवस्था अति आवश्यक है. बकरियों के बारे में नमी होने पर 100 ग्राम प्रति वर्ग मीटर क्षेत्रफल में भुरकाव करें. वर्षा ऋतु के समय बकरियों का बाड़ा ऊंचे स्थान पर बनाएं. इस समय बकरियों को भीगने से बचाएं. क्योंकि बकरियों के बारिश में भीगने से वो बीमार हो जाती हैं. इस मौसम में बकरियों के बाड़े को आसपास ही चराएं. बकरियां भीगा हुआ चारा पसंद नहीं करतीं. इसलिए आप उन्हें सूखा चारा दें.
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