मथुरा. उत्तर प्रदेश में मथुरा के फरह स्थित केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम में “बकरी नस्ल सुधार के लिए नवोत्थान प्रजनन तकनीकियों” पर दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन बुधवार को हो गया. इसमें देश के अलग-अलग क्षेत्रों से आए प्रशिक्षणार्थियों को प्रजनन तकनीकियों पर जानकारी दी गई.
कृत्रिम गर्भाधान एवं भ्रूण प्रत्यार्पन तकनीक से होगा नस्ल सुधार
ICAR– केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम में बकरी नस्ल सुधार के लिए नवोत्थान प्रजनन तकनीकियों पर पांच फरवरी से चल रहे दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का 14 फरवरी 2024 यानी बुधवार को समापन हो गया. इस कार्यक्रम में 14 राज्यों से आए हुए 4 वैज्ञानिक, 13 प्रोफेसर एवं 6 विषय विशेषज्ञों को बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान, बकरी नस्ल सुधार पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया.कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं मां शारदे वन्दना के साथ किया गया. संस्थान के कार्यवाहक निदेशक डॉ.एम.के सिंह ने कृत्रिम गर्भाधान एवं भ्रूण प्रत्यार्पन तकनीक द्वारा नस्ल सुधार पर चर्चा की.
कई राज्यों से आए वैज्ञानिक और प्रोफेसर
डॉ. मुकेश भकत, विभागाध्यक्ष, पशु दैहिकी एवं जनन विभाग ने प्रशिक्षिणार्थी के उज्जवल भविष्य की कामना की.पाठ्यक्रम निदेशक डॉ.रवि रंजन ने बताया कि 07 व्याख्यान देश के विभिन्न प्रशिक्षित वैज्ञानिकों द्वारा दिए गए. प्रशिक्षिणार्थियों ने पाठ्यक्रम को बेहद लाभकारी बताया.प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ.रवि रंजन द्वारा किया गया. कार्यक्रम में डॉ. रवीन्द्र कुमार, मनीष कुमार, प्रवीण कुमार, निकिता मित्तल एवं अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे.
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