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Goat Farming: इन तरीकों को अपनाएंगे तो बढ़ जाएगा बकरी का दूध, जा​नने को करें इस खबर पर क्लिक

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बरबरी बकरी की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. भारत में बड़े पैमाने पर बकरी पालन किया जा रहा है. बकरी पालन से लोग जुड़कर लाखों में कमा रहे हैं.बकरी पालन खास तौर पर लघु और सीमांत किसानों के लिए एक बेहतरीन व्यवसाय का जरिया बनकर उभरा है. क्योंकि बकरी पालन को कम लागत में भी किया जा सकता है. इस वजह से ग्रामीण अंचलों में खास तौर पर लघु और सीमांत किसान कम लागत में 5 से 10 बकरी बकरों को पालकर अपनी आमदनी का एक और जरिया बना रहे हैं. इसमें भी बकरी की कुछ नस्ल ऐसी हैं, जिन्हें पालकर मोटी कमाई कर सकते हैं. इनमें भी आपको बता दें कि अगर बकरी का दूध बढ़ाना है तो नीचे दिए गए कुछ टिप्स को अपनाकर एक लीट तक दूध बढ़ा सकते हैं. इसलिए नीचे दी जानकारी को ठीक से पढ़ें और दूसरों को भी इस बारे में जरूर बताएं. बता दें कि देश में बकरी की 37 नस्ल होती हैं.

भारत में बकरी पालन बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. खासतौर पर ग्रामीण इलाके में लोग अपने घरों में खेत में बकरियों को पलते हैं और उनकी देखभाल करते हैं. समय-समय पर उन्हें चारा पानी दिया जाता है. जब पैसों की कमी होती है तो वह 1 से 2 बकरियों को बेच देते हैं. ताकि उनकी ज़रूरतें पूरी हो सके. इतना ही नहीं अगर ठीक से इन बकरियों का पालन किया जाए तो ये बहुत ही मुनाफा कमाकर अपनी आर्थिक स्थिति को और भी मजबूत कर सकते हैं.

ऐसे बढ़ाएं बकरी का दूध और वजन
बकरियों को नीम, बेर, स्ट्रॉबेरी, आम, जामुन, इमली, पीपल, कटहल, बबूल, महुआ आदि पेड़ों की पत्तियाँ बहुत पसंद होती हैं.
अगर आप ग्रामीण क्षेत्र में बकरी पालन करते हैं तो उन्हें पेट भरने के लिए चारा खिलाएं.
बकरियों को इधर-उधर घूमाएं और झाड़ियों और छोटे पेड़ों की पत्तियां खिलाएं.
बकरियों को चारे के रूप में फलियां वाली फसलें खिलाएं. बकरियां ज्वार, मक्का और भूसा कम पसंद करती हैं.
बकरियों को चारा देने से पहले सभी प्रकार के चारे को एक बंडल में लटकाकर रखना चाहिए. इसे किसी ऊंचे मंच पर रखना चाहिए और जहां तक संभव हो बकरियों को धूप में रखे पत्ते ही देने चाहिए.
बकरियों को ऐसा चारा न खिलाएं कि जो दूषित हो और खराब हो.
बकरियों को हरी पत्तागोभी और फूलगोभी की पत्तियां खिलाएं, जो बकरियों को बेहद पसंद करती हैं.

कम जगह में ऐसे करें बकरी पालन
राजस्थान गोट फार्मिंग के संचालक विवेक सिंह बताते हैं कि बकरी पालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ होती है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बकरी पालन लाभकारी है. एक बकरी को करीब एक वर्ग मीटर जगह की आवश्यकता होती है. इसे खुले में चरा सकते हैं. बकरियों की कीमत किसी भी अन्य जानवर की अपेक्षा में कम होती है. आमतौर पर एक बकरी 1-2 किलो चारा खाकर गुजारा कर सकती है.

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