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Goat farmimg: सरकार की इस स्कीम का लाभ लेकर करें बकरी पालन तो मिलेगी भारी छूट, जानिए योजना के बारे में

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फार्म पर चारा खाते बरबरे बकरे

नई दिल्ली. भारत में बड़े पैमाने पर बकरी पालन किया जा रहा है. बकरी पालन से लोग जुड़कर लाखों में कमा रहे हैं. बहुत से ऐसे किसान हैं, जिनके शेड में सैकड़ो की संख्या में बकरो-बकरी हैं और उनकी कमाई करोड़ों में भी होती है. बकरी पालन खास तौर पर लघु और सीमांत किसानों के लिए एक बेहतरीन व्यवसाय का जरिया बनकर उभरा है. क्योंकि बकरी पालन को कम लागत में भी किया जा सकता है. बकरी पालकर मोटी कमाई कर सकते हैं.एक बात और है कि पशुपालन में जितना लाभ है, उतना आर्थिक जोखिम भी है. अगर ठीक से पशुपालन नहीं किया गया तो पशुओं के मरने की आंशका बढ़ जाती है और किसान या पशुपालक को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है. इसी नुकसान से बचने के लिए अब उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य राष्ट्रीय पशुधन मिशन की जोखिम प्रबंधन और पशुधन बीमा योजना के तहत पशुओंके लिए बीमा योजना शुरू की है. इसके तहत सरकार पशुओं को एक तरह से सुरक्षा कवच दे रही है. इस बीमा योजना में यूपी सरकार पशुपालकों को बीमा प्रीमियम में 90 फीसदी तक की सब्सिडी दे रही है. इस योजना में 50 फीसदी प्रदेश सरकार का अंश है तो 25 से लेकर 40 परसेंट तक केंद्र सरकार का अंश होगा. पशुपालकों को पशुओंको एक से तीन साल तक सुरक्षित रखने के लिए महज बीमा प्रीमियम के तौर पर 376 रुपये देने होंगे.

देश की अर्थव्यवस्था में पशुधन बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं. खासतौर पर अगर हम ग्रामीण परिवेश की बात करें तो पशुपालन के जरिए से प्राप्त होने वाली अतिरिक्त आय किसान, पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाती है. सरकार द्वारा संचालित ये पशुधन बीमा योजना किसानों और पशुपालकों के पशुओं की मृत्यु की दशा में होने वाली आर्थिक क्षति को कम करके आर्थिक सुरक्षा भी प्रदान करती है. पशुओं के मरने की आंशका बढ़ जाती है और किसान या पशुपालक को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है. इसी नुकसान से बचने के लिए अब उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य राष्ट्रीय पशुधन मिशन की जोखिम प्रबंधन और पशुधन बीमा योजना के तहत पशुओंके लिए बीमा योजना शुरू की है. इसके तहत सरकार पशुओं को एक तरह से सुरक्षा कवच दे रही है.

यूपी के पशुपालक क्यों नहीं ले रहे बीमा योजना का लाभ
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से 11.78 करोड़ रुपये की सब्स्डिी सहायता किसानों को पशु बीमा के तौर पर मिली है. यूपीएलडीबी के सीईओ नीरज गुप्ता के अनुसार इस योजना के तहत दुधारू पशुओं की मृत्यु के नुकसान से बचने के लिए पशुपालक को केवल 376 रुपये वार्षिक प्रीमियम देना होगा. इस योजना का लाभ लेने से किसानों को लाभ हो रहा है. इसलिए पशुपालक और किसानों को अपने पशुओं का बीमा कराना चाहिए.

ऐसे करवाएं अपने पशुओं का बीमा
अगर आप अपने पशु का बीमा करवाना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने नजदीकी पशु अस्पताल में बीमा योजना की जानकारी देनी होगी.
पशुचिकित्सक और बीमा एजेंट किसान के घर आकर पशु के स्वास्थ्य की जांच करेंगे.
जांच होने के बाद पशु चकित्सक स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी करेगा.
बीमा एजेंट जांच होने के बाद पशु के कान में एक टैग लगाएगा, जिससे ये पता चल सकेगा कि पशु का बीमा हो चुका है.
किसान और पशु की एक साथ फोटो खींची जाएगी.
ये सब प्रक्रिया पूरी होने के बाद बीमा पॉलिसी जारी कर दी जाएगी.
अगर आपका पशु खो जाता है तो बीमा कंपनी को सूचित करना होगा.
अगर पशु का टैग गिर गया है तो भी बीमा कंपनी को सूचित करना होगा, जिससे नया टैग लगाया जा सके.

से लिया जा सकता है योजना का लाभ
पशुधन बीमा योजना का लाभ लेने के लिए बीमा कंपनियों ने कुछ क्राइटएरिया तय कर रखे हैं. बीमा राशि पशु विभाग के कर्मचारी स्वास्थ्य और दूध के हिसाब से कीमत तय करते हैं. अनुमानित भेड़ बकरी के 5 हजार और भैंस-गाय के दूध और स्वास्थ्य के हिसाब से एक लाख तक मिल सकता है.नीचे गए बिंदुओं में से किसी भी स्थिति मे अगर पशु मर जाता है तो बीमा कंपनी पशुपालक या किसान को हर हाल में मुआवजा देगी.

पशु को करंट लगने से.
नहर या जोहड़ में डूबने से.
बाढ़ के कारण मौत हो जाने से.
आग लगाने के कारण मर जाने से.
वाहन से टकराने के बाद मर जाने से.
प्राकृतिक आपदा के कारण मर जाने से.
बीमारी से मौत होने की स्थिति में.
किसी भी कारण हादसा हो जाने की स्थिति में.

Written by
Livestock Animal News Team

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