नई दिल्ली. अगर आप बकरी पालन करना चाहते हैं तो ये जान लें बकरी पालन एक बेहतरीन काम है, जिसको करके आप खूब सारी कमाई कर सकते हैं. बकरी पालन कम लागत में किए जाने वाला आसान व्यवसाय है. बकरी को आप कहीं भी रख कर पाल सकते हैं और इससे कमाई भी कर सकते हैं. बकरी घर के आंगन में घर के बाहर और छत पर भी पाली जाती है. ग्रामीण परिवेश में तो इसे बेहद ही आसानी के साथ पाला जा सकता है और अच्छी खासी कमाई इससे की जा सकती है. कई सरकारें तो बकरी पालन को लेकर योजनाएं चला रही हैं. ताकि इसका फायदा किसानों को मिले.
राजस्थान सरकार की ओर से भी बकरी पालन से आर्थिक सोर्स का विकास करने के लिए बकरी विकास केंद्र पर बकरी पालकों को फ्री में ट्रेनिंग दी जाती है. सरकार की ओर से गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार को सिरोही नस्ल का बकरा 600 रुपए प्रति बकरा तथा अन्य बकरी पालकों को 800 रुपए प्रति बकरा किधर से उपलब्ध कराए जाते हैं.
बकरी पालकों के लिए चलाई जा रही है योजना
प्रदेश के बकरी पालन वाले क्षेत्र जैसे सिरोही, पाली, अजमेर, भीलवाड़ा, नागौर, उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़ में सिरोही नस्ल की बकरियों के विकास और बकरी पालकों के आर्थिक उत्थान के लिए राज्य सरकार द्वारा आजीविका मिशन योजना संचालित की जा रही है. इस योजना के तहत प्रत्येक जिले में 22 पंचायत समितियां से 6 क्लस्टर ग्राम पंचायत का चयन किया जाता है और हर कलस्टर में 30 ऐसे बकरा पालक सदस्यों को पंजीकरण किया जाता है, जो कम से कम 20 बकरियों को रखते हैं.
योजना का क्या है फायदा
रजिस्टर्ड बकरी पालक सदस्यों को नई तकनीकी जानकारी का दो दिवसीय फ्री ट्रेनिंग दी जाती है. हर बकरी पालक को 100 रुपए प्रतिदिन की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाती है.
बकरी पालकों द्वारा अधिकतम 3 हजार रुपए मूल्य का बीजू बकरा क्रय करने पर 50 प्रतिशत राशि (अधिकतम 1500 रुपए का अनुदान दिया जाता है. इस योजना के तहत बकरी पालकों को रेवड़ के अन्य नर बकरों का बधियाकरण कराना जरूरी होता है.
बीमा के लिए बीजू बकरे की कीमत राशि तीन हजार रुपए पर 5 प्रतिशत की दर से कुल 150 रुपए बीमा प्रीमियम देना होगा. बीमा प्रीमियम राशि का 50 प्रतिशत 75 रुपए का अनुदान राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा और बाकी बकरी पालक को खुद देना होता है.
ट्रेंड बकरी पालकों को बीमारी से बचाव के लिए 500 रुपए की एक किट कृमिनाशक दवा व टीके उपलब्ध कराए जाते हैं. जिस पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है.
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