नई दिल्ली. पशुपालन का फायदा इस बात पर भी टिका होता है कि पशु की देखभाल किस तरह से हो रही है. वहीं खेती-किसानी के अलावा पशुपालन पर ध्यान देकर किसान अपनी आजीविका अच्छे से चला पा रहे हैं. सरकार भी पशुपालन को लेकर नई-नई योजनाएं लाती रहती है. ताकि किसानों को पशुपालन से फायदा हो सके. एक तरफ भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में तमाम पशुओं को पाला जा रहा है तो वहीं इसमें बकरी पालन रोजगार का बेहतर जरिया बनता जा रहा है. इस व्यवसाय से जुड़कर किसान अपनी आर्थिक स्थिति को और ज्यादा मजबूत कर रहे हैं. जबकि उनके जीवन में बदलाव भी देखने को मिल रहा है.
बकरी पालन में बकरी की देखभाल के बारे में गोट फॉर्मर के लिए जानना बेहद जरूरी होता है. अगर सही ढंग से बकरी की देखभाल नहीं की गई तो इसका नुकसान भी उन्हीं को उठाना पड़ता है. कई बार संबंधित विभाग जरूरी टिप्स भी जारी करता रहता है. वहां से भी मौसम के लिहाज से जानकारी कर सकते हैं. ताकि बकरी पालन में घाटा न हो और सिर्फ मुनाफा ही हासिल हो. इस खबर में हम आपको जब बकरी जब गर्भकाल में हो तो उस समय क्या-क्या सावधानी बरती जाए इसके बारे में बताते हैं.
- सुस्त और बेचैन रहती है बकरी: गोट एक्सपर्ट कहते हैं, कि गर्भावस्था में बकरी सुस्त और बेचैन रहती है. वहीं खाना-पीना कम कर देती है. ऐसे में उसका विशेष ख्याल रखने की जरूरत होती है. ताकि उसे तमाम जरूरी मिनरल्स मिलते रहें.
- गर्भवती बकरी के बारे में उनके बैठने और सोने की जमीन पर मोटे घास का बिछौना तैयार करना चाहिए. ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो और वह आराम से रहें. खेत और चारागाह में रहने का समय धीरे-धीरे कम कर देना चाहिए.
- गर्भावस्था में दो से तीन घंटे के लिए ही बाहर चराने के लिए ले जाना बेहतर माना जाता है.
- अगर आप उन्हें बाहर चरने के नहीं ले जा रहे हैं तो तो घर पर ही उत्तम पौष्टिक हरा चारा उन्हें खिलाना चाहिए.
सफाई है बेहद जरूरी: गर्भवती बकरियों को रखने के लिए अलग जगह बनाना चाहिए. उस जगह की अच्छे से साफ-सफाई करना बेहद जरूरी है. क्योंकि नवजात बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, उसे बहुत जल्दी रोग लग सकता है. इसके अलावा बकरियों को साफ करते रहना चाहिए और धोते रहना चाहिए. उनके बैठने के लिए मोटी बोरी बिछावन नहीं चाहिए.
प्रसव के समय बाहर ना निकालें: बकरी को खाने में मिनरल्स मिक्चर, विटामिन युक्त दाना देना बहुत ही जरूरी होता है. जिससे उनकी ताकत बनी रहती है और स्वस्थ बच्चा पैदा होता है. गर्भवती बकरी को हमेशा साफ सुथरा पानी पिलाना चाहिए. ध्यान दें कि गंदा पानी न हो. इससे बकरी और उसके पेट में पल है बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है. गर्भवती बकरी जब एक सप्ताह में बच्चे देने वाली हो, तो उसे बाहर चरने बिल्कुल नहीं लेकर जाएं. अगर बकरी को प्रसव में कठिनाई हो रही है तो तत्काल पशु चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. ताकि जो दिक्कत है उसे दूर किया जा सके. ऐसे करके आप गर्भवती बकरी को अच्छे से देखभाल कर सकते हैं.
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