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AHIDF: 15 हजार करोड़ से डेयरी, मीट और इन सेक्टरों को मजबूत करेगी सरकार, जानें क्या-क्या होगा फायदा

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. हाल ही में प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत अभियान प्रोत्साहन पैकेज में 15 हजार करोड़ के पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (AHIDF) की स्थापना का ऐलान हुआ है. पशुपालन में AHIDF एकल उद्यमियों, निजी कंपनियों, MSME, कृषक उत्पादक संगठनों (FPO) और 8 कंपनियों को पशुपालन से जुड़े आठ कमों के लिए स्थापना के लिए मंजूरी दी है. इसके तहत डेयरी प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन इंफ्रास्ट्रक्चर, मीट प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन, पशु-आहार प्लांट, नस्ल सुधार टेक्नोलॉजी नस्ल ग्रोथ फार्म, पशु वेस्ट से धन प्रबंधन (कृषि अपशिष्ट प्रबंधन), पशु टीका और दवा निर्माण का काम होगा.

पशुपालन अवसंरचना विकास निधि का इस्तेमाल सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जाएगा. योजना के उद्देश्य की बात की जाए तो दूध और मांस प्रोसेसिंग क्षमता तथा प्रोडक्ट वेरायटी बढ़ाने में मदद करना और उसके जरिए गांवों के दूध व मांस के असंगठित उत्पादकों को दूध व मांस के संगठित बाजार तक की पहुंच उपलब्ध कराना है.

उत्पादकों को मिलेगा ज्यादा दाम
इसका फायदा ये भी होगा कि उत्पादकों को अधिक से अधिक दाम मिलेगा. देश की बढ़ती हुई जनसंख्या के लिए प्रोटीन-युक्त अच्छी गुणवत्ता वाले खाद्य की उपलब्धता होगी. वहीं विश्व के सर्वाधिक कुपोषित बच्चों वाले इस देश से कुपोषण को दूर भी किया जा सकेगा. उद्यमिता का विकास और रोजगार-सृजन भी इससे होगा. निर्यात को बढ़ावा देना और निर्यात में दूध और मांस के योगदान को बढ़ाना है. इसके अलावा मवेशियों, भैंस, भेड़, बकरी, शूकर और कुक्कुट को क्वालिटी पशु आहार उपलब्ध कराना और वाजिब मूल्य पर संतुलित राशन प्रदान करना है.

AHIDF योजना के तहत फायदा पाने वाली संस्थाएं
AHIDF के तहत मदद पानी वाली संस्थाओं की बात की जाए तो इसमें किसान उत्पादक संगठन (FPO) निजी कंपनियां, एकल उद्यमी, धारा 8 कंपनियां और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम शामिल हैं. इसके तहत पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (AHIDF) द्वारा पशुपालन और डेयरी विभाग, मत्स्य पालन मंत्रालय, पशु पशुपालन और डेयरी कार्यान्वित किया जाएगा. डेयरी सेक्टर नई इकाइयों की स्थापना और मौजूदा डेयरी प्लांट इकाइयों की क्वालिटी और स्वच्छ दूध प्रोसेसिंग सुविधाओं, पैकेजिंग सुविधाओं के साथ मजबूत करना या डेयरी प्रोसेसिंग से संबंधित अन्य गतिविधियां के​ लिए मदद मिलेगी.

वैल्यू एडेड डेयरी उत्पाद का निर्माण करना
वैल्यू एडेड डेयरी उत्पाद को बनाने के लिए आइसक्रीम इकाई, पनीर निर्माण इकाई, टेट्रा पैकेजिंग सुविधाओं के साथ बेहद हाई तापवाली (यूएचटी) दूध प्रोसेसिंग इकाई, फ्लेवर्ड मिल्क निर्माण इकाई, दूध पाउडर निर्माण इकाई, मट्ठा पाउडर निर्माण इकाई, कोई अन्य दुग्ध उत्पाद और वैल्यूड एडेड इकाई निर्माण और डेयरी प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन के लिए जरूरी किसी भी उपकरण और मशीनरी का निर्माण, जिसमें गुणवत्ता परीक्षण, मिलावट और गंदगी के परीक्षण के लिए मशीनरी का निर्माण भी शामिल है. ​इसमें बल्क मिल्क कूलर, दूध परीक्षण उपकरण और मिलावट व गंदगी परीक्षण तथा डेयरी प्लांट से संबंधित अन्य उपकरणों का निर्माण किया जा सकता है.

मीट प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन
ग्रामीण, शहरी क्षेत्रों में भेड़, बकरी, पोल्ट्री, भैंस के मांस प्रोसेसिंग की इकाई की स्थापना और वर्तमान प्रोसेसिंग सुविधाओं को मजबूत करना है. बड़े पैमाने की यूनिफाइड मांस प्रोसेसिंग सुविधाएं, प्लांट इकाई, मीट प्रोडक्ट जैसे सॉसेज, नगेट, हैम, सलामी, बैकन अथवा अन्य मांस उत्पाद के कारखाने लगाना या मौजूदा वैल्यू एडिशन कारखानों को मजबूत किया जाएगा. ये सुविधाएं या तो मीट प्रोसेसिंग इकाइयों का यूनिफाइड काा हिस्सा हो सकती है. हर मीट प्रोसेसिंग प्लांट में वेस्ट धोने का प्लांट (ईटीपी), मांस सूक्ष्मजीवी परीक्षण प्रयोगशाला, वेस्ट परीक्षण प्रयोगशाला, पचौनी रखने के लिए रेफ्रिजेरेटेड स्टोरेज, खाल प्रोसेसिंग क्षेत्र और इनके परीक्षण व रेफ्रिजरेशन प्रोडक्टों व वैल्यू एडिशन प्रोडक्ट को कम से कम 24 घंटे तक ठंडा रखने के लिए रेफ्रिजरेशन सुविधाएं देना है.

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