नई दिल्ली. मछली पालन कई तरह से किया जाता है. बहुत से मछली पालक तालाब में मछलियों को पालकर अच्छी खासी कमाई करते हैं. जबकि मछली से कमाई के परंपरागत कामों में से एक नदी और समुद्र से मछली को पड़कर बेचना भी है. इस काम में हजारों की संख्या में मछुआरे लगे हुए हैं, जो समुद्र और नदियों से मछली पकड़ कर बेचते हैं. जिससे उन्हें बाजार में अच्छी खासी आमदनी होती है. सरकार भी इन मछुआरों की मदद को लेकर योजनाएं चलाती रहती है. ताकि मछुआ समुदाय के लोगों को मछली पकड़ने में आसानी हो सके.
हरियाणा सरकार की ओर से मछली पालन से जुड़े अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले परिवार के लोगों के लिए मछली जल खरीद पर अनुदान सहायता नाम से योजना चलाई जा रही है. हरियाणा सरकार के मत्स्य पालन विभाग की ओर से चलाई जा रही इस योजना के तहत मछुआरों को जाल खरीदने के लिए सरकार सब्सिडी दी जाती है. ताकि वह जाल खरीद कर मछली पकड़ने का काम आसानी के साथ कर सकें और अपनी आजीविका कमा सकें. हालांकि इस योजना का लाभ सभी को नहीं मिलता है जो इसके पात्र होंगे उन्हें को फायदा मिलता है. आइए इसके बारे में जानते हैं.
कितना मिलता है पैसा
पात्रता की बात की जाए तो लाभार्थी के पास परिवार का पहचान पत्र होना जरूरी है. अगर वह हरियाणा का निवासी है, तभी उसे इस योजना का फायदा मिलेगा. अनुसूचित जाति से संबंधित होना भी जरूरी है. वहीं जाल खरीद की जीएसटी भुगतान की बिल भी फायदा पाने के लिए विभाग के सामने पेश करनी होगी. इस योजना के तहत आवेदन करने वाला कोई भी व्यक्ति दो वर्ष में एक बार से इस योजना के लिए आवेदन कर सकता है. इस योजना के तहत 40 हजार रुपये की कीमत की मछली जाल की खरीद पर 60 फीसदी तक सरकार की ओर से वित्तीय सहायता दी जाती है. जिसकी अधिकतम सीमा 24 हजार रुपए निर्धारित की गई है.
फायदा पाने के लिए होने चाहिए ये दस्तावेज
योजना के तहत फायदा पाने के लिए मछली किसान और विभाग के बीच कॉन्ट्रैक्ट भी साइन होगा. आवेदन करने वाले को बर्थ सर्टिफिकेट, हाई स्कूल का सर्टिफिकेट, पैन कार्ड, मतदाता कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस में से कोई एक दस्तावेज देना होगा. वहीं पहचान पत्र के तौर पर राशन कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड या मतदाता कार्ड भी दिया जा सकता है. किसी भी सरकारी संस्थान से मछली पालन का प्रशिक्षण ट्रेनिंग प्रमाण पत्र सर्टिफिकेट होना जरूरी है. मछली जाल की खरीद की जीएसटी भुगतान बिल भी देनी होगी.
Leave a comment