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Scheme: हरियाणा सरकार देसी गाय के पालन पर दे रही है आर्थिक मदद, योजना के बारे में पढ़ें यहां

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सीमन और राठी गाय की प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली. सरकार किसानों को फायदा पहुंचाने और उनकी इनकम को डबल करने के लिए कई सारी योजनाएं चला रही है. सरकार की तरफ से मछली पालन, मुर्गी पालन और पशुपालन को लेकर योजनाएं चला जा रही हैं. पशुपालन के तहत चल रही योजनाओं का मकसद डेयरी फार्मिंग का बिजनेस शुरू कराना है. ताकि किसान पशुपालन करके रोज दूध का उत्पादन करें और इससे ज्यादा से ज्यादा कमाई करें. सरकार का मानना है कि किसानों की आय को दोगुना करने के लिए कहीं न कहीं पशुपालन सबसे बेहतर तरीका है. इसी वजह से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं.

आज के इस आर्टिकल में हम ​आपको हरियाणा सरकार की ओर से चलाई जा रही है योजना के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसका फायदा उठाकर किसान अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकें. आइए इस योजना के बारे में जानते हैं.

देसी गाय पालने पर मिलेंगे 30 हजार रुपए
बता दें कि हरियाणा सरकार ने इस साल 1 लाख एकड़ भूमि पर प्राकृतिक खेती का लक्ष्य रखा है. योजना का उद्देश्य जहरमुक्त खेती, पर्यावरण की रक्षा और भूमि की सेहत सुधारना है. इसमें प्राकृतिक खेती के साथ देसी गाय पालने पर 30 हजार रुपए सब्सिडी भी मिलेगी. कृषि और किसान कल्याण विभाग ने इसके लिए सभी जिलों में लक्ष्य तय किए हैं. करनाल में सबसे ज्यादा 16 हजार एकड़, सोनीपत और यमुनानगर में 10-10 हजार एकड़, रोहतक में 7 हजार, जबकि चरखी दादरी और फतेहाबाद में 1500-1500 एकड़ का लक्ष्य रखा गया है. 22 जिलों में 1 लाख एकड़ पर खेती कराई जाएगी.

प्राकृतिक खेती करने पर मिलेंगे 4 हजार प्रति एकड़
वहीं राठी व साहीवाल नस्ल की गाय खरीदने पर किसानों को 30 हजार रुपए तक की सब्सिडी मिलती है. पहले यह राशि 25 हजार थी. प्राकृतिक खेती करने पर प्रति एकड़ 4 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी. इसके अलावा किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. इसके लिए राज्य स्तरीय प्रशिक्षण केंद्र कुरुक्षेत्र में बनाया गया है. प्राकृतिक खेती में गाय के गोबर और गोमूत्र से जीवामृत, घनजीवामृत, बीजामृत जैसे चार मिश्रण तैयार किए जाते हैं। ये मिश्रण खेत में डाले जाते हैं.

यहां करने फायदा उठाने के लिए रजिस्ट्रेशन
योजना का लाभ लेने के लिए किसान हरियाणा कृषि विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते हैं. कृषि विभाग एसडीओ देवेंद्र कुहाड़ ने बताया कि पंजीकरण के बाद कृषि विभाग की टीम खेत का निरीक्षण व वैरीफिकेशन करेगी. गाय की जांच पशुपालन विभाग करेगा.

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