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Heat Wave: पानी की तलाश में शहर की ओर भाग रहे हिरन, झुंड देख चौंक पड़े ग्रामीण

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प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली. भीषण गर्मी ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. इसका असर जानवरों पर भी हो रहा है. पालतू जानवरों के लिए उनके पालक व्यवस्था कर रहे हैं लेकिन बेसहारा जानवरों की परेशानी बढ़ गई है. भोजन, पानी न मिलने और गर्मी की वजह से जानवर चिड़चिड़े हो रहे हैं. बौखलाए जानवर हमलावर हो रहे हैं. इतना ही नहीं तालाबों और जंगलों मे नहरों के सूख जाने कीवजह से अब जानवरो ने शहरों की रुख कर लिया है, जिससे उन्हे पीने को पानी मिल सके.ऐसा ही कुछ उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले मे मंगलवार को देखने को मिला जब दो दर्जन से अधिक हिरणों का झुंड पानी की तलाश में इधर-उधर भटकता देखा गया. लोगों ने उनके लिए पानी का इंतजाम करने का प्रयास किया लेकिन हिरन भाग खड़े हुए, हालांकि थोड़ी देर बाद उसी स्थान पर आकर पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई.

भीषण गर्मी ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया है.उत्तर प्रदेश सहित देश के कई हिस्सो में में गर्मी अपने पूरे चरम पर है. तापमान 47 तो कहीं-कहीं 48 को भी पार हो चुका है. अभी से इतनी गर्मी पड़ना शुरू हो गई है तो जून मे क्या होगा. हालात ये हो गए हैं कि हीट वेव के चलते पक्षियो को पानी तक ठीक से नहीं मिल पा रहा है. नहर-कुओं में भी पानी नहीं बचा है. ऐसे में पानी के लिए पक्षी इधर-उधर भटक रहे हैं.

जंगलों में खुदा दिए हैं छोटे-छोटे तालाब
हालांकि बहुत सी जगहो पर प्रशासन और स्थानीय लोगों ने अपने-अपने स्तर से पशु-पक्षियों के लिए पानी का इंतजाम किया है. इसमें किसी ने छोटे-छोटे होज बनवा दिए हैं तो किसी ने जंगलों में छोटे-छोटे तालाब खोदवा दिए हैं, जिससे पशु यहां आकर अपनी प्यास को बुझा सके.बावजूद इसके जंगलों के पशुओं ने पानी की तलाश में शहर का रुख कर लिया है, जिससे उन्हें पीने का पानी मिल सके.

कासगंज शहर की ओर दौड़ पड़ा हिरनों का झुंड
उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में लगातार पारा 45 डिग्री रहने से भीषण गर्मी पड़ रही है. कटरी क्षेत्र के वन्यजीव भी भीषण गर्मी से परेशान हैं. तालाब सूखे होने की वजह से वन्यजीव पानी की तलाश में उन क्षेत्रों में आ रहे हैं. जिन क्षेत्रों में नदी व राजवहा हैं. मंगलवार की दोपहर ढोलना क्षेत्र में ग्रामीणों ने दो दर्जन से अधिक हिरणों का झुंड देखा तो लोगों में कौतूहल देखने के लिए मिला. गंगा की कटरी क्षेत्र में वन व घने पेड़ों की वजह से सैकड़ों की संख्या में हिरण रहते हैं. भीषण गर्मी की वजह से यह हिरण पानी के लिए परेशान दिखते हैं. ढोलना क्षेत्र में राजवाह, नदी व नहर होने की वजह से हिरण झुंड में पानी पीने के लिए आते हैं.

महिलाओं ने हाथों में परिंडे लेकर लिया पक्षियों की प्यास बुझाने का संकल्प
जैसलमेर जिले में इन दिनों भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है. मौसम विभाग ने हीट वेव की चेतावनी भी जारी कर रखी है. ऐसे में इंसानों के साथ साथ पशु-पक्षियों के भी बुरा हाल है. ग्रामीण इलाकों में पशु पक्षियों के लिए पीने के पानी के लिए ग्रीन मैन नाम से मशहूर नरपत सिंह राजपुरोहित ने गांवों में पक्षियों के पीने के पानी के लिए मिट्टी के परिंडे लगाने का अभियान चलाया. फतेहगढ़ इलाके के डेगराय ओरण इलाके में शुक्रवार को उन्होंने महिलाओं को परिंडे लगाने के लिए मोटिवेट कर सांवता गांव में महिलाओं के हाथों करीब 120 परिंडे पेड़ों आदि पर लगाकर संकल्प भी लिया. ग्रीन मैन नरपत सिंह ने बताया कि उनकी मुहिम है कि इन बेजुबानों के लिए पानी की व्यवस्था हो. ऐसे में महिलाओं को ही जागरूक करके उनके ही हाथों से परिंडे लगाने का अभियान चलाया गया. साथ ही महिलाओं को परिंडे लगाने के बाद उनमें लगातार पानी भरने और मूक पक्षियों के लिए लगातार प्रयास करने का संकल्प भी दिलाया. वन्यजीव प्रेमी सुमेर सिंह भाटी ने बताया की हमारे देगराय ओरण में 120 परिंडे सांवता गांव में लगाए. ग्रीन मैन ने युवाओं को प्रेरित किया व महिलाओं ने संकल्प लिया कि सुबह पहला काम परिंडो में पानी डालने का रहेगा. इस दौरान जोगराज सिंह, हरीश गर्ग, नेनाराम, प्रकाश और करना राम आदि साथ रहे.

पक्षियों के लिए वनों में बनाए गए छोटे तालाब
उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले के गंगावन, भागीरथ वनों में पक्षियों को पानी उपलब्ध कराने के लिए छोटे तालाब बनाए गए हैं. इन तालाबों को जंगहों में थोड़ी-थोड़ी दूर पर खोदवाया गया है, जिससे पशुओं को पानी के लिए बहुत दूर तक न भटकना पड़े. इन तालाबों में वन विभाग की ओर से पानी भरवाया जाता है. अलग-अलग जगहों पर कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, जिससे वे तालाबों में पर नजर रख सकें. जैसे ही तालाब खाली होते हैं, उन्हें पाइप लाइन जरिए या फिर टैंकरों से भरवा दिया जाता है. इस बारे में वन रेंजर विवेक कुमार ने लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज से बात करते हुए कहा कि आगामी दिनों में गर्मी काफी तेज होगी. कासगंज के वनों में हजारों की संख्या में पक्षियों का बसेरा रहता है. पेड़ों की छांव व पानी के लिए पानी उपलब्ध होने से पक्षियों को काफी राहत मिलेगी.

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