नई दिल्ली. मुर्गी पालन में आवास व्यवस्था का भी बहुत ही बड़ा और अहम रोल है. इसका सीधा असर प्रोडक्शन पर पड़ता है. एक्सपर्ट का कहना है कि ज्यादातर किसान आंगन में मुर्गीपालन करते हुए मुर्गियों के लिये सही आवास व्यवस्था का प्रबन्ध नहीं करते हैं. दिन में मुर्गियों को खेतों में छोड़ दिया जाता है और रात में सुरक्षा के लिये उन्हें पेड़ों पर चढ़ा दिया जाता है. या फिर छोटे से दड़बों में बंद कर दिया जाता है. जबकि सही आवास व्यवस्था नहीं होने से मुर्गियों के उत्पादन क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. इसके साथ ही उनमें मृत्यु दर भी ज्यादा होती है.
मुर्गियों का दड़बा बनाते समय यहा ध्यान में रखें कि आमतौर पर एक वयस्क मुर्गी को 2 से 2.5 वर्ग फिट की जगह की आवश्यकता होती है. दडबा जमीन से थोड़ा उपर ढलान वाली जगह बनाना चाहिये. ताकि बरसात में अंदर पानी न भर सके. दड़बा साफ सुथरा हवादार और नमी रहित (सूखा) होना चाहिये. मुर्गीघर की लम्बाई पूर्व-पश्चिम में होनी चाहिये. ताकि मुर्गियों को धूप व सूरज की प्रकाश मिल सके. दड़बे में रोशनी की व्यवस्था उचित होना बेहद ही जरूरी है. दड़बे की सफाई रोज करनी चाहिये तथा समय-समय पर कीटाणुनाशक दवा का छिडकाव करना चाहिये.
बिछावन ऐसा होना चाहिए
एक्सपर्ट का कहना है कि 20 मुर्गियों के लिये 8 फिट लम्बा, 5 फिट चौड़ा व 5 फिट ऊंचा दड़बा बनाना चाहिये. इस दड़बे में एक दरवाजा तथा दो जाली की खिड़कियों होनी चाहिये. ताकि स्वच्छ हवा अन्दर आ सके. दड़बे में फर्श कच्चा अथवा पक्का रख सकते हैं लेकिन फर्श पर चावल की भूसी/गेहूं का भूसा/सूखी घास आदि की 3-5 सेमी बिछावन बिछानी चाहिए. समय-समय पर इसे पलटते रहना चाहिये. जिससे बिछावन सुखा रहे. क्योंकि बिछावन अगर गीला हो गया तो फिर इससे मुर्गियों को दिक्कत हो सकती है.
मुर्गीपालक को होगा नुकसान
एक्सपर्ट का कहना है कि जिस तरह से मुर्गियों को संतुलित आहार दिया जाना चाहिए, ठीक उसी तरह से बेहतर आवास व्यवस्था भी होनी चाहिए. आवास व्यवस्था अगर नहीं हुई तो फिर इसका सीधा असर मुर्गियों के उत्पादन पर पड़ेगा. जाहिर सी बात है कि उत्पादन पर असर पड़ेगा तो फिर इससे मुर्गी पालकों को नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसके अलावा संतुलित आहार की भी जरूरत होती है. जिसमें सभी पोषक तत्व उचित मात्रा में उपलब्ध हों जो कि शरीर के सर्वांगीण विकास तथा उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिये आवश्यक होते है और शरीर को स्वस्थ एवं रोग मुक्त रखने में भी सहायक होते है.
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