Home मीट Goat Meat: क्यों सबसे महंगा बिकता है बकरी का मीट, क्या है इसकी वजह जानें यहां
मीट

Goat Meat: क्यों सबसे महंगा बिकता है बकरी का मीट, क्या है इसकी वजह जानें यहां

goat farming
प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. बकरी पालन को अब सिर्फ गांव के लोग ही नहीं करते हैं बल्कि शहरों में भी बड़े पैमाने पर बकरी पालन किया जा रहा है. बाकायदा साइंटिफिक तरह से बकरियों को पाला जा रहा है और इससे मोटा मुनाफा कमाया जाता है. बकरी पालन करने वाले ज्यादातर लोग इसे बेचकर ही कमाई करते हैं. बकरी पालक से बकरी को खरीदकर बाजार में मीट के तौर पर बेचा जाता है. वहीं आम ग्राहक इसे खरीदते हैं. भारतीय बाजार में बकरी का मीट सबसे महंगा बिकने वाला मीट है. हो सकता है कि आप सोचते हों कि इसके पीछे की क्या वजह है तो आइए इस आर्टिकल में जानते हैं.

दरअसल, बकरी को एशिया महाद्वीप का पशुधन कहा जाता है. क्योंकि 95 प्रतिशत बकरी एशिया महाद्वीप के विकासशील देशों में ही पाई जाती हैं. जबकि उपभोक्ताओं द्वारा बकरी के मांस को ज्यादा वरीयता दी जाती है. क्योंकि अन्य जानवरों के मांस की तरह बकरियों के मांस में कोई धार्मिक भावना नहीं जुड़ी है. कम उत्पादन के कारण बकरी का मांस हमारे घरेलू बाजार में सबसे महंगा है. वहीं बकरी का मांस अन्य मीट के मुकाबले ज्यादा टेस्टी और गुणकारी भी होता है.

आसानी से रह लेती हैं बकरियां
यही वजह है कि बकरी पालन में अच्छी आर्थिक सम्भावनों के मद्देनजर, बहुत से प्रगतिशील किसान, बड़े व्यवसायी एवं तकनीकी लोग व्यवसायिक बकरी पालन के लिए आगे आ रहे हैं. भारतीय बकरी की नस्लों की शुरुआत प्राकृतिक चयन द्वारा स्पेशल क्लाइमेट और कंडीशन की वजह से हुआ है. जिससे यहां पाई जाने वाली अधिकांश नस्लें मुश्किल जलवायु में आसानी से रह लेती हैं. वहीं गर्मी और बारिश की बीमारियों, कम पोषण व पानी की कमी जैसी तमाम मुश्किलों के बावजूद आसानी से सहन कर लेती हैं.

बकरियों की कई नस्ले हैं
एक्सपर्ट के मुताबिक भारतीय बकरियों की 20 प्रमुख नस्लें हैं. ये मोटे तौर पर बड़ी, मध्यम और छोटी नस्लों के रुप में विभाजित की गयी हैं. बड़े आकार की नस्लें जैसे जमुनापारी, बीटल, जखराना, आदि दूध वाली नस्लों के रुप में जानी जाती हैं. मध्यम आकार की नस्लें जैसे, बरबरी, उस्मानाबादी, मारवाड़ी आदि द्विकाजी नस्लें हैं जो मांस व दूध दोनों के लिए जानी जाती हैं. छोटे आकार की नस्लें जैसे, बंगाल, मुख्यतया माँस के लिए जानी जाती हैं.

हर क्षेत्र के लिए है बेहतर
बकरी एक ऐसा पशु है जो विभिन्न नस्लों के रुप में हिमालय की ऊंची पहाड़ियों से लेकर राजस्थान के मरुक्षेत्र, पठारी भाग व समुद्र तटीय जलवायु सभी स्थानों पर आसानी से पाली जाती हैं. फीड एवं कृषि संगठन (2007) के अनुसार विश्व में बकरियों की संख्या 85.02 करोड़ है, जिनमें से 12.54 करोड़ बकरियाँ भारत में हैं. यह विश्व की कुल आबादी का 14.75 प्रतिशत है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

gadhi mai mela
मीट

Export: इस राज्य ने पशुओं के निर्यात पर लगाई रोक, वजह जानकर चौंक जाएंगे आप

गढ़ी मेला 15 नवंबर से शुरू हो चुका है लेकिन इसमें विशेष...

poultry farming
मीट

Poultry Meat: अमेरिका से आया इस पोल्ट्री मीट का पहला कंटेनर, जी-20 सम्मेलन में हुआ था समझौता

भारत में रहने वाले विदेशियों में टर्की के मीट की खासी डिमांड...

halal meat
मीट

Halal Meat: हलाल मीट के लिए अब देश ने बनाए अपने नियम और लोगो, यहां पढ़ें डिटेल

कुछ लोगों ने हलाल प्रोडक्ट का बहिष्कार किया था. कई शहरों में...