नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में गाय के दूध का प्रोडक्शन बढ़ाने के मकसद से सरकार ने नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना की शुरुआत साल 2023 में हुई थी. इस स्कीम के तहत किसानों और पशुपालकों को 25 स्थानीय नस्ल की गायें प्रदान की जाती है. जो दूध उत्पादन में इजाफा और अतिरिक्त आय का मौका देती है. वहीं सरकार की ओर से किसानों को देशी गायें उपलब्ध कराकर इस योजना का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में दूध उत्पादन को बढ़ावा देना है. अब यचसल उठता है कि इस योजना के तहत किन किसानों को फायदा हो सकता है, आइए जानते हैं इसकी डिटेल.
लाभार्थी का चयन की बात की जाए लाभार्थी का उत्तर प्रदेश का स्थानीय निवासी होना चाहिए. फायदा पाने वालों के पास आधार कार्ड अथवा पहचान पत्र होना चाहिए. गोपालन अथवा महिष पालन का कम से कम तीन वर्षों का अनुभव होना भी जरूरी है. तथा इसका प्रमाण सम्बन्धित मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा दिया गया होना चाहिए. वहीं इकाई स्थापना हेतु लगभग 0.5 एकड़ भूमि आवश्यक भी जरूरी है.
चारे के लिए 1.5 एकड़ की जमीन होनी चाहिए
इसके अतिरिक्त लगभग 1.5 एकड़ की भूमि चारा उत्पादन हेतु स्वयं की अथवा पैतृक/ साझेदारी अथवा न्यूनतम 07 वर्षों के लिए पंजीकृत अनुबंध पर ली गयी हो तथा भूमि परियोजना के अनुकूल (जलभराव इत्यादि से मुक्त) हो. वहीं पूर्व में संचालित कामधेनु अथवा मिनी कामधेनु अथवा माइक्रो कामधेनु योजना के लाभार्थियों को इस योजना का लाभ नही दिया जा सकेगा. वहीं मुख्य विकास अधिकारी एवं मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के संयुक्त खाते में अर्जित ब्याज की धनराशि मिशन निदेशक, नन्द बाबा दुग्ध मिशन के पक्ष में वापस की जायेगी. लाभार्थी का चयन, प्राप्त आवेदन आनलाइन व आफलाइन के माध्यम से, किया जायेगा. जिसकी हार्डकापी सम्बन्धित जनपद के मुख्य विकास अधिकारी अथवा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी कार्यालय में उपलब्ध करायी जायेगी. आवेदनों की संख्या अधिक होने की स्थिति में मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा ई-लाटरी के माध्यम से चयन किया जायेगा.
इस तरह होगा फायदा पाने वालों का चयन
मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, लीड बैंक ऑफिसर, उप दुग्धशाला विकास अधिकारी और सत्यापन एवं अनुश्रवण पर फायदा पाने वाले चयन की जिम्मेदारी होती है. सत्यापन समिति-सत्यापन के गठित समिति में सम्बन्धित उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, पशु चिकित्साधिकारी तथा पशुधन प्रसार अधिकारी होंगे. इस समिति द्वारा इकाइयों का सत्यापन विभिन्न चरणों के पूर्ण होने पर किया जाएगा तथा इसकी सूचना जनपद स्तरीय समिति को दी जायेगी. सत्यापन समिति के कहने पर जनपद स्तरीय समिति (मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, लीड बैंक ऑफिसर एवं उप दुग्धशाला विकास अधिकारी) द्वारा स्थापित इकाइयों हेतु अनुदान राशि की मांग मिशन निदेशक, नन्द बाबा दुग्ध मिशन को प्रस्तुत की जायेगी.
फिर पैसा कर दिया जाएगा ट्रांसफर
जनपद स्तर पर मुख्य विकास अधिकारी एवं मुख्य पशु चिकित्साधिकारी का संयुक्त बचत खाता किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में खोला जाएगा. मिशन निदेशक, नन्द बाबा दुग्ध मिशन द्वारा मांग के अनुरूप पैसा जनपद स्तर पर मुख्य विकास अधिकारी एवं मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के संयुक्त बचत खाते में हस्तांतरित की जायेगी. सत्यापन समिति द्वारा सत्यापन के बाद जारी रिपोर्ट एवं अनुशंसा के अनुसार अनुदान धनराशि जनपद स्तरीय मुख्य विकास अधिकारी एवं मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के संयुक्त खाते से लाभार्थी के बैंक खाते में अन्तरित की जायेगी. सीडीओ और मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के संयुक्त खाते में अर्जित ब्याज की धनराशि मिशन निदेशक, नन्द बाबा दुग्ध मिशन के पक्ष में वापस की जायेगी. जिला लेवल पर हासिल मासिक प्रगति रिपोर्ट के आधार पर निदेशक, प्रशासन एवं विकास पशुपालन विभाग के स्तर पर मॉनीटरिंग एवं तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया जायेगा एवं इस संबंध में मिशन निदेशक, नन्द बाबा दुग्ध मिशन को भी अवगत कराया जाएगा.
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