Home मछली पालन Fisheries: ऐसे करें मछली पालन, साल में होगी 3.50 लाख रुपये की कमाई
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Fisheries: ऐसे करें मछली पालन, साल में होगी 3.50 लाख रुपये की कमाई

rohu fish
रोहू मछली की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. भारत में मछली पालन का क्रेज धीरे-धीरे बढ़ रहा है और इसकी मांग भी तेजी के साथ बढ़ रही है. चिकित्सक भी लोगों को मछली खाने की सलाह देते हैं. ऐसे में मछली पालन व्यवसाय के प्रति लोगों का रुझान देखने को मिल रहा है. एक्सपर्ट कहते हैं कि मछली पालन के लिए सबसे जरूरी जो चीज है वो तालाब का निर्माण करना. यदि तालाब खोदने के बाद नीचे की मिट्टी जालोढ़ है तब तो सोने में सुहागा हो जाता है. क्योंकि जलोढ़ मिट्टी में पानी देर तक ठहरता है. यदि मिट्टी अलग है तो अब तालाब के तल पर जलोढ़ मिट्टी फैला सकते हैं.

3 हजार फिंगरलिंग डालें
एक्सपर्ट की राय के मुताबिक एक एकड़ जमीन पर तालाब बनवाने पर उसमें 5 टन खाद का छिड़काव किया जाता है. तालाब में पानी का स्तर 5 फीट रखा जाता है. इसमें प्रतिदिन 20 किलो गोबर डालना चाहिए. एक सप्ताह के बाद एक-एक तालाब के लिए 10 ग्राम वजन वाले 200 ग्रास कार्प, 200 ग्लास कार्प, 200 मृगल, 200 कैटला, 200 बोतला और 200 रोहू सहित कुल 3000 हजार फिंगरलिंग डालना चाहिए. वहीं चारा डालते समय तालाब में ये चेक करें कि सतह का रंग हरा तो नहीं है. कहीं मछलियां बाहर आकर अपना मुंह तो नहीं खोल रहीं हैं. ऐसा हो तो तुरंत तालाब के पानी का एक हिस्सा निकाल देना चाहिए.

ऐसा बनाना चाहिए तालाब
इसके स्थान पर नया पानी डालना चाहिए. नहीं तो मछलियों की हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है. करीब 8 महीने के बाद मछलियां तैयार हो जाती हैं. इसके बाद आप उसे पड़कर बेच सकते हैं. 1 साल में एक छोटे से तालाब से 3.50 लख रुपए से अधिक का मुनाफा कमाया जा सकता है. खास बात यह है कि तालाब में हमेशा आयातकार बनाएं. तालाब से अतिरिक्त पानी निकालने के लिए एक नाली या फिर पाइप होना ही चाहिए. साथ ही तालाब का मुंह पूर्व और पश्चिम दिशा की ओर रखना चाहिए.

हरा चारा भी दिया जा सकता है
एक्सपर्ट कहते हैं कि एक एकड़ तालाब में 3000 फिंगरलिंग डालने पर उनके शरीर के वजन का 5% चारा खिलाना चाहिए. चारे को सुबह शाम करके दो भागों में बांटा जा सकता है. हालांकि अभी बाजार में तैयार चारा भी उपलब्ध है. जिसका इस्तेमाल किया जाता है. भूसी और मूंगफली की खली कुछ समान मात्रा मिलाकर स्वयं चारा तैयार किया जा सकता है. जरूरत के अनुसार ग्रास कार्प को हरा चारा भी दिया जा सकता है.

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