नई दिल्ली. जिस तरह से पशुपालन में पशुओं को पानी की जरूरत होती है. उसी तरह से पोल्ट्री फार्मिंग में भी पानी की जरूरत होती है. मुर्गियों को कितना पानी दिया जाना चाहिए, इसकी जानकारी होना जरूरी है. ठंडे मौसम के मुकाबले गर्मियों में पानी की जरूरत बढ़ जाती है. एक्सपर्ट कहते हैं कि पोल्ट्री के लिए पानी एक सबसे महत्वपूर्ण चीज है. क्योंकि यह कई आवश्यक कार्यों की पूर्ति करता है. एक दिन के चूजों को पानी के प्रति आकर्षित करने के लिए, पानी में कुछ चूजों की चोंच को डुबोकर उन्हें ब्रूडर घर में छोड़ दिया जाता है.
वहीं ये देखना चाहिए कि पानी साफ, ताजा और ठंडा होना चाहिए. खाने या पानी हासिल करने के लिए चूज़ों को 2 मीटर से अधिक नहीं चलना चाहिए. पानी के सोर्स को थर्मल सोर्स से 1 मीटर के अंदर होना चाहिए. 100 चूजों के लिए एक पानी स्थान उपलब्ध करें. जब पानी को किसी बर्तन में रख दिया जाता है तो कूड़े या वेस्ट द्वारा प्रदूषण को रोकने के लिए लोहे या फिर प्लास्टिक ग्रिल के साथ बर्तन को ढकें.
गर्दन को झुकाना न पड़े
जब बर्तन को “सही ऊंचाई” पर रखा जाता है, तब पानी का रिसाव कम होता है, जिस के कारण बेहतर कचरा प्रबंधन होता है. बर्तन की ऊंचाई इस प्रकार रखनी चाहिए कि बर्तन के किनारे पक्षियों की पीठ के समान स्तर पर हों. ताकि पक्षियों को पानी पीने के दौरान अपनी गर्दन को झुकाना या खींचना न पड़े. सामान्य तौर पर, एक पक्षी को दिए गए फूड की दोगुनी मात्रा में पानी की जरूरत होती है. गर्मी के मौसम में इसकी जरूरत खाए गए फीड से 3-4 गुना बढ़ जाती है. बेहतर जीवन क्षमता के लिए प्रारंभिक 5 दिनों के दौरान पानी में इलेक्ट्रोलाइट्स और विटामिन के साथ मन्द प्रतिजैविक उपलब्ध कराएं.
ताकि पानी आसानी से पी सकें
खाने से पहले चूजों को पानी पनीे के लिए प्रोत्साहित करें. जब निपल कनेक्ट बर्तन का इस्तेमाल किया जाता है, तब पानी के दबाव को कम रखें ताकि पक्षी पानी के बर्तन पर लटकी पानी की बूंद को देख सकें. पानी जल के नमूनों का कॉलिफोर्म व अन्य बैक्टीरियल गिनती के लिए समय-समय पर विश्लेषण किया जाना चाहिए. यदि इसमें बैक्टीरिया की संख्या ज्यादा है तो इस पानी को साफ़ सुथरा बनाना अत्यावश्यक है. कुएं, पानी के टैंक और पाइपलाइन व अन्य पानी के सोर्स के नमूनों की जांच करके इसे साफ़ सुथरा करने से पहले और बाद में भी दर्ज करें. सूक्ष्मजीवों की जांच के लिए बैक्टीरियल रहित बोतल का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
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