नई दिल्ली. मछली पालन करना एक तरह का की जलीय खेती है जो मुख्य रूप से तालाब में की जाती है. इसलिए खेती में तालाब खेत मछली का जीरा बीज यानि मछली फसल डाली जाती है. जिस तरह से खेत में अच्छी फसल उगाने के लिए अच्छे बीज, सही मिट्टी, उचित मात्रा में जल खाद और उचित देखभाल की जरूरत पड़ती है. ठीक उसी तरह से मछली की अच्छी फसल के लिए तालाब की मिट्टी का अच्छा होना बेहद जरूरी है. साथ ही साथ अच्छा जीरा फसल, खाद, आहार और देखरेख की जरूरत भी पड़ती है.
तालाब में मछली बीज का संचय किया जाता है. जिसमें उचित वातावरण एवं भोजन की व्यवस्था कर 8 से 10 माह तक पाला जाता है. फिर इसे बेचा जा सकता है. मछली पालन में कृषि और पशुपालन दोनों का ही समायोजन है. तालाब में मछलियों का आहार उत्पादन कृषि की तरह तथा मछलियों को उचित वातावरण पशुपालन की तरह प्रदान करना पड़ता है.
धूप मिलना है जरूरी
तालाब अगर घर के आसपास हो तो अच्छा है. तालाब के लिए उबड़ खाबड़ या पथरीली जमीन को नहीं चुनना चाहिए. तालाब के लिए समतल जमीन चुने. ऊंची जमीन पर तालाब का पानी जल्दी सूख जाता है. बहुत नीचे जगह भी न चुने. इसमें बरसात का पानी भर जाएगा और मछलियां तालाब से बाहर निकल सकती हैं. तालाब यदि घर के नजदीक हो तो उसकी देखभाल अच्छी तरह से हो सकती है. खुली जगह का चयन करें तालाब के चारों ओर घने एवं बड़े पेड़ ना हों ताकि तालाब को भरपूर धूप मिले.
चिकनी मिट्टी वाली जगह का चुनाव करें
आसपास यदि पानी का साधन हो तो अच्छे अच्छा है. जिससे जरूरत पड़ने में तालाब में पानी भरा जा सके. यदि ऐसा नहीं है तो तालाब वर्षा पर निर्भर रहता है. चिकनी मिट्टी वाली जमीन को तालाब निर्माण के लिए उपयुक्त माना जाता है. तालाब निर्माण के दौरान पानी का निकास एवं प्रवेश व्यवस्था ध्यान रखना चाहिए. तालाब बनाने में लगभग 25 से 35% जमीन तालाब के बांध बनाने में इस्तेमाल हो जाती है. जीरो से 0.75 एकड़ तालाब बनाया जाता है.
गहराई कितनी होनी चाहिए
तालाब की लंबाई-चौड़ाई की बात की जाए तो तालाब की लंबाई चौड़ाई ढाई से तीन गुना
होनी चाहिए. तालाब की लंबाई एवं चौथाई का अनुपात 3.01 उत्तम है. तालाब का वातावरण उसकी गहराई पर निर्भर करता है. गहराई इतनी होनी चाहिए कि सूरज की रोशनी तल तक पहुंच सके. अधिक गहरा तालाब ऑक्सीजन के अभाव में विषैली गैस उत्पन्न करता है. आसपास से पानी आने की व्यवस्था हो. तालाब की गहराई तीन से चार फीट रखनी चाहिए. जो तालाब बरसात के पानी पर निर्भर है वहां गहराई 10—11 फीट किया जा सकता है.
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