नई दिल्ली. थनैला बीमारी दुधारू पशु में होने वाली एक संक्रामक बीमारी है. इस बीमारी पशुओं के थनों के अंदरूनी हिस्से में होती है. इससे कई तरह की समस्याएं पशुओं को हो जाती हैं. जिन पशुओं को थनैला बीमारी होती है, उनका दूध पीने से इंसान भी बीमार हो सकते हैं. इसलिए इसे ज्यादा खतरनाक बीमारी माना जाता है. एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि इसलिए इस रोग से प्रभावित पशुओं का इलाज जल्द से जल्द करना चाहिए, नहीं तो इसके परिणाम बहुत खतरनाक होते हैं. वहीं थनैला बीमारी की वजह से दूध उत्पादन में भी कमी आ जाती है. इससे भी डेयरी फार्मिंग में नुकसान होने लगता है.
एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि थनैला बीमारी का इलाज तब संभव है, जब आपको मालूम पड़ जाएगा कि पशु को थनैला बीमारी है. ज्यादा देर होने पर पशु खराब हो जाता है. फिर वो डेयरी फार्मिंग के काम नहीं आता है. पशु चिकित्सा अगर पशुओं की जांच करता है तो वह आसानी से यह बता सकता है कि पशु थनैला रोग से ग्रसित है या नहीं लेकिन आम किसानों के लिए यह थोड़ा मुश्किल होता है. हालांकि एक देसी उपाय हैं, जिससे आप भी थनैला बीमारी के बारे में पता लगा सकते हैं कि पशु इससे बीमार है या नहीं. इसके बाद पशु का इलाज कराया जा सकता है.
इस तरह तैयार करें जांच करने वाला लिक्विड
पशु को थनैला रोग है या नहीं, इसको पता करने के लिए कपड़ा धोने का सोडा लेना होगा. आमतौर पर कपड़े धोने का सोडा हर घर में मौजूद होता है. सोडा के जरिए पशुओं के थनैला रोग होने की जांच करने का तरीका बेहद ही आसान है. इसके लिए आपको एक गिलास पानी लेना होगा. उसके बाद एक चम्मच सोडा ले लें और उसे पानी के अंदर डाल दें. अच्छी तरीके से उस चम्मच को घूमाकर सोडा और पानी को मिक्स कर देना है. जब पूरी तरह से यह मिक्स हो जाए तो समझ लें कि अब थनैला रोग की जांच करने वाला लिक्विड तैयार हो गया है.
इस तरह करें जांच
इसके बाद आपको पशु के थन से दूध लेना है. जिस हिस्से से पशु को दूध निकलना है उन चारों हिस्से से दूध आपको एक कप में या बर्तन में ले लेना है. उसी बर्तन से फिर एक चम्मच दूध लेना है और एक चम्मच दूध को सोडे वाले लिक्वड में डालें. इससे आपको पता चल जाएगा कि पशु को थनैला रोग है या नहीं. अगर दूध नॉर्मल है और इफेक्ट न आए पानी की तरह दूध है तो ये समझ लें कि पशु को थनैला रोग नहीं है.
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