Home पशुपालन Animal: पशुओं और उनके रहने की जगह की कैसे करें साफ-सफाई, जानें यहां बीमार पशु के गोबर का क्या करें
पशुपालन

Animal: पशुओं और उनके रहने की जगह की कैसे करें साफ-सफाई, जानें यहां बीमार पशु के गोबर का क्या करें

murrah buffalo breed characters
प्रतीकात्मक फोटो:

नई दिल्ली. जिस तरह आम इंसान खुद को साफ रखता है ताकि उसे किसी तरह की बीमारी न लगे. रोज सुबह उठाकर नहाता है और बॉडी को साफ करता है. ठीक उसी तरह से जानवरों को भी साफ सुथरा करने की जरूरत है. जानवर खुद से अपने आपको साफ तो कर नहीं पाएंगे इसलिए जरूरी है कि पशुपालक उनकी सफाई करें. जब जानवरों को नहलाया जाए तो अच्छी तरह से सफाई की जाए. कहीं भी गोबर या दूसरी किसी तरह की गंदगी दिखाई दे तो सफाई करना चाहिए.

एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि पशुपालकों को जानवरों की और उनके रहने के स्थान की भी सफाई पर ध्यान देना चाहिए. रहने के स्थान को साफ रखने के साथ-साथ इंफेक्शन से बचाने के लिए फिनाएल आदि का इस्तेमाल करना चाहिए. आइए इस आर्टिकल में हम जानवरों से जुड़ी सफाई के बारे में समझते हैं.

पशुओं का स्थान
पशुओं के रहने का स्थान प्रतिदिन साफ होना चाहिए. कहीं भी गन्दगी नहीं रहना चाहिए. हो सके तो शाम को भी झाड़ू लगा देना चाहिए. घर आंगन को कीटाणु नाशक दवा जैसे फिनाएल, ब्लीचिंग पाउडर, डेटाल, चूना इत्यादि के घोल से धोकर साफ एवं शुद्ध करना चाहिए. दीवारों को चूना या मिट्टी से पोत देना चाहिए. चूने में कार्बोलिक एसिड या कौरोसीभ सब्लीमेट भी मिलाया जा सकता हैं.

बीमार पशु का गोबार
बीमार पशु का गोबर, मूत्र, बिछावन इत्यादि बीमारी का गोबर, मूत्र, कूड़े करकट, बिछावन का घास पात पुआल आदि सुबह में साफ कर देना चाहिए. इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए बल्कि कहीं दूर एक जगह गड्डा बना कर डाल देना चाहिए. फिर उसमें आग लगाकर जला देना चाहिए. हो सके तो उस स्थान की एक फुट मिट्टी हटाकर उसमें चूना मिलाकर किसी दूर स्थान पर गाड़ देना चाहिए. उस जमीन को करीब एक माह तक सूखने देना चाहिए.

खाने पीने का बर्तन –
यदि खाने का नाद मिट्टी का हो तो उसे तोड़ देना चाहिए और उसमें चूना मिलाकर गाड़ देना चाहिए. यदि खाने पीने का बर्तन सिमेंट या लकड़ी का हो तो गर्म पानी में कीटाणुनाशक दवा मिलाकर रगड़-रगड़ कर साफ करना चाहिए. यदि लोहे का हो तो आग में जलाकर शुद्ध किया जा सकता हैं. बीमारी के कीटाणुओं को नष्ट करने के लिए रासायनिक के अलावा सूर्य की ताप, अग्नि और खौलता हुआ पानी प्रयोग में लाया जा सकता हैं. इसके स्थानों एवं खाने पीने के बर्तनों की शुद्धि की जाती हैं.

संक्रामक रोग की सूचना देना
संक्रामक रोगों के रोकथाम के लिए सरकार की ओर से मुफ्त में या कुछ शुल्क लेकर पशुओं को टीका लगाने की व्यवस्था है. सभी पशुओं को टीका लगवा देना चाहिए. महामारी से बचने के लिए प्रत्येक साल बरसात शुरू होने के पहले सभी पशुओं को गलाघोंटू (HS) लंगड़ा (BQ) और एंथ्रेक्स रोग का टीका लगवा देने से बीमारी का खतरा नहीं रहता है. सरकार की ओर से जब कभी टीका लगाया जा रहा हो तब पशु पशुओं को टीका लगवा लेना चाहिए. टीका दो प्रकार का होता है. जैसे मसूरी लस और प्रतिलसी (वैक्सीन और एन्टी सीरम Vaccine and Anti-serum) संक्रामक रोग से बचने के लिए वैक्सीन और एन्टी सीरम का प्रयोग किया जाता हैं. इससे पशुओं के शरीर में रोग मुक्ति का संचार होता हैं.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

पशुपालन

CM Yogi बोले- IVRI की वैक्सीन ने UP में पशुओं को लंपी रोग से बचाया, 24 को मिला मेडल, 576 को डिग्री

प्रदेश सरकार के साथ मिलकर 2 लाख से अधिक कोविड जांच करवाईं....

milk production
पशुपालन

Animal News: अच्छी क्वालिटी का सीमेन कहां से खरीदें, जानें इस बारे में

जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है. क्योंकि उच्च गुणवत्ता वाले सीमन...

CIRB will double the meat production in buffaloes, know what is the research on which work is going on. livestockanimalnews animal Husbandry
पशुपालन

Animal Husbandry: पशुपालन के मुनाफे और नुकसान से जुड़े इन चार सवालों के जवाब पढ़ें यहां

बायो सिक्योरिटी के तहत विभिन्न रोगाणुओं से होने वाले संक्रमण के जोखिम...

HF Cross Cow milk per day
पशुपालन

Animal Husbandry: गर्मी में कैसे होती है थनैला बीमारी, बचाव और इलाज के बारे में भी जानें यहां

एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि गर्मी में होने वाले थनैला रोग की...