Home पशुपालन Animal Husbandry: कैसे करते हैं पशुओं की पहचान, क्या है इसका तरीका और क्यों है जरूरी जानें यहां
पशुपालन

Animal Husbandry: कैसे करते हैं पशुओं की पहचान, क्या है इसका तरीका और क्यों है जरूरी जानें यहां

livestock animal news
प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. आपने अक्सर पशुओं के कान पर एक पीले रंग के टैग को देखा होगा. प्ला​स्टिक के इस पीले टैग को यूं ही नहीं लगाया जा सकता है. बल्कि इसका मकसद होता है. दरअसल, इसे यूआईडी टैगिंग कहा जाता है. बताते चलें कि ये टैग सिर्फ पशु की पहचान के लिए नहीं, बल्कि पशु को कितने टीके लगाए गए हैं इसकी भी जानकारी देता है. इस बात को पता लगाने के लिए पशुओं के कान में लगे पीले रंग के टैग पर एक आधार नंबर भी दर्ज किया जाता है. इसी के आधार पर पशुओं का टीकाकरण करके गंभीर रोगों से बचाने में मदद मिल रही है.

एक्सपर्ट कहते हैं कि जब पशुपालक पशु खरीदते हैं तो उन्हें पशुओं की जांच-पड़ताल कर लेना चाहिए. ये काम यूआईडी टैगिंग से आसानी से किया जा सकता है. बताते चलें कि किसी पशु को विशेष रुप से पहचाने के लिए उसके शरीर पर निशान बनाने की प्रक्रिया को पशु पहचान कहते हैं.

किसी विश्वसनीय एवं पर्याप्त डाटाबेस के डेवलपमेंट और पशु के ऊपर किसी भी रिकॉर्ड के लिए हेतु पशु की पहचान अति आवश्यक है.

भारत सरकार पहले से ही पशुओं के संक्रामक रोगों की रोकथाम व नियंत्रण कानून (PCICDA), 2009 पास कर चुकी है जो पशु पहचान को अनिवार्य बनाता है.

भारत सरकार ने इस कानून को इसलिए पास किया ताकि इस कि इससे उचित कदम उठाए जा सकें. इस मामले में अंतरराष्ट्रीय नीतियों के अनुसार पर्याप्त हैं.

पशु पहचान के तमाम तरीके जैसे टैटू, छापा, कान का बिल्ला, RFID, Injectable, Bolus इत्यादि हैं.

ईयर टैग इन सब में एक सर्वाधिक प्रचलित तरीका है और जिसमें एक खास संख्या का इस्तेमाल होता है, जिसके तहत संख्या की नकल की कोई संभावना नहीं होती है.

यदि बिल्ला ठीक लगा है तो इससे कोई समस्या नहीं होती और पशु के कान में यह सालों तक कायम रहता है.

प्रत्येक पशु जो कान के बिल्ले के साथ पंजीकृत हुआ है, इनाफ (INAPH) सूचना प्रणाली उसकी पूरी जानकारी (नस्ल, आयु, गर्भावस्था, दुग्ध उत्पादन, पशुपालक का पूरा ब्योरा आदि दर्ज होता है. ताकि पशु का एक स्थायी पार-पत्र बनाया जा सके.

पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन विभाग, भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर पशु पहचान की व्यवस्था को संचालित करने के लिए NDDB को नामित किया है.

NDDB देश में स्थित सभी ईयर टैग उपभोक्ता एवं उत्पादन संस्थाओं के लिए इन विशिष्ट पशुपहचान संख्याओं को उत्पन्न कर उन्हें सम्बन्ध्ति संस्थाओं को उपलब्ध कराता है.

खास पहचान संख्याओं को प्राप्त करने के लिए, उपभोक्ता एवं उत्पादन संस्थाएं जरूरत के मुताबिक क्रय आदेश (P.O.) की प्रति संलग्न कर NDDB को आवेदन कर सकती है.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

CIRB will double the meat production in buffaloes, know what is the research on which work is going on. livestockanimalnews animal Husbandry
पशुपालन

Animal Husbandry: आपदा के दौरान इस तरह करें पशुओं की हिफाजत, यहां पढ़ें टिप्स

बाढ़ के पानी के बाद जल भराव के कारण परजीवियों की संख्या...

The Central Government has notified the Animal Birth Control Rules, 2023 in supersession of the Animal Birth Control (Dogs) Rules, 2001 to strengthen the implementation of the animal birth control programme.
पशुपालन

Animal News: ‘अगर इस तरह के कदम उठाए जाएं तो इंसानों के साथ कुत्तों को भी किया जा सकता है सेफ’

उन्होंने कहा कि ये मामले हमें रोकथाम, प्रतिक्रिया और जागरूकता की उन...

Animal husbandry, heat, temperature, severe heat, cow shed, UP government, ponds, dried up ponds,
पशुपालन

Animal Husbandry: बाढ़ की स्थिति में कैसे करें पशुओं के लिए चारा प्रबंधन, एक्सपर्ट ने बताया तरीका

ये जानकारियां बेहद ही अहम हैं, जिससे आपको इस मुश्किल घड़ी में...

goat farming sheep farming
पशुपालन

Flood: बाढ़ के दौरान बकरियों के झुंड और भेड़ों को बीमारियों से बचाने के लिए उठाएं ये जरूरी कदम

अगर बकरियों का फूट-एंड-माउथ डिजीज और हीमोरेजिक सेप्टिसीमिया के खिलाफ टीकाकरण नहीं...