नई दिल्ली. बकरी पालन एक बेहतरीन व्यवसाय है, जो किसानों की आय को बढ़ाने में बहुत ही लाभदायक होता है. बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार भी लोन भी उपलब्ध कराती है. कोई भी किसान अगर बकरी पालन शुरू करना चाहता है तो उसे कुछ ऐसे सवाल हैं जो उनके जहन में जरूर आते होंगे. ऐसे में उनके जवाब उन्हें पता होने चाहिए. ताकि बकरी पालन में उन्हें नुकसान न उठाना पड़े और किस तरह से बकरी पालन किया जाना चाहिए. वह उन्हें पता होना चाहिए.
कितनी जगह की होती है जरूरत
सबसे जरूरी यह है कि बकरी पालन के लिए जगह कितनी होनी चाहिए. एक्सपर्ट कहते हैं कि बकरी पालन के लिए जरूरी जगह की बात की जाए तो एक व्यस्क मादा बकरी के लिए 12 वर्गफीट की जगह की जरूरत होती है. जबकि एक व्यस्क नर बकरे के लिए 15 फीट की जगह की जरूरत होती है. एक बकरी के बच्चे के लिए 8 वर्ग फीट की जगह की जरूरत होती है. बकरी पालन शुरू करने में 25 से 30 हजार रुपये का खर्च आता है. अगर आप बड़े पैमाने में बकरी पालन करना चाहते हैं तो बकरियों के लिए रहने की जगह का निर्माण, भोजन पानी आदि जैसे खर्चों में काम से कम 2 लाख से 3 लख रुपये का खर्च आ सकता है.
दूध और मीट के लिए पाले ये बकरियां
बकरी पालन व्यवसाय ग्रामीण क्षेत्र के लिए लाभदायक माना जाता है. बकरी पालन में दूध उत्पादन के लिए सानेन, जमुनापारी, जखराना, बीटल और बरबरी नस्ल की बकरियों को पाला जाता है. बकरी पालन में मांस उत्पादन के लिए ब्लैक बंगाल, बीटल, उस्मानाबादी, गुजरी, बोअर और करौली नस्ल की बकरियों को मुफीद माना जाता है. 10 बकरियों के लिए 100 से 120 फीट यानी 10गुणे12 फीट की जमीन की जरूरत होती है. 10 बकरियां में एक बकरा रखना चाहिए. बकरियों को पालने में करीब 60 हजार रुपए का खर्च आता है. इसमें एक बकरी खरीदने पर 5 से 6 हजार रुपये खर्च करना होगा.
बकरी पालन के लिए बनवाना होता है लाइसेंस
बकरियों को पोषण के लिए प्रतिदिन सूखा चारा एवं दाना देना चाहिए. सुखे चारे में गेहूं की भूसी, सूखी पत्तियां, धान की भूसी, उड़द मकई की भूसी या अरहर की भूसी शामिल होना चाहिए. दाने में 57% मक्का, 20% मूंगफली की खली, 20% चोकर, दो फीसदी खनिज मिश्रण और 1 फीसदी नमक होना चाहिए. भारत में बकरी पालन के लाइसेंस की आवश्यकता होती है. बकरी पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए आपका स्थानीय पशुपालन विभाग से संपर्क करना होगा.
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