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Animal Husbandry: जन्म से लेकर विकास होने तक बछड़े का कैसे रखें ख्याल, क्या-क्या करें

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. पशुपालन एक बेहतरीन और मुनाफे वाला व्यवसाय का रूप लेता जा रहा है. पशुपालन करके किसानों किस तरह आय बढ़ाई जाए, इस पर सरकार का भी फोकस है. सरकार कई योजनाएं चलाती है. जिससे किसान पशुपालन की ओर रुख करें. उनकी आय दोगुनी हो सके. पशुपालन में कई बातों का ख्याल रखना जरूरी होता है. मसलन उनके खान-पान उनके रहन-सहन का खास ख्याल रखा जाता है. दुधारू पशुओं के साथ-साथ उनके नवजात बच्चों का भी ख्याल रखना जरूरी होता है. क्योंकि बछड़ों का ख्याल नहीं रखा गया तो वह बीमार हो सकते हैं और उनकी मौत भी हो सकती है.

जिसके चलते किसानों को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसलिए जरूरी है कि जन्म से लेकर जब तक की बछड़े विकास न कर जाएं उन्हें पोषण दिया जाना चाहिए. उन्हें आराम देना चाहिए. इन सब बारे में पशुपालक को पता होना चाहिए. इसको लेकर पशु एवं डेयरी विभाग ने एडवाइजरी जारी की है. आईए जानते हैं.

30 मिनट के अंदर खिलाए कोलोस्ट्रम
जब पशु बछड़े को जन्म दे तो 30 मिनट के अंदर उसे कोलेस्ट्रॉल खिला देना चाहिए. बछड़े दूध पिलाना कोलेस्ट्रॉल खिलाने का सबसे प्रभावी तरीका है. बछड़ों को कोलेस्ट्रॉल खिलाने की आवश्यकता होती ही है. दूध निकालर या पहले प्राप्त की कोलोस्टॉम का उपयोग करके कोलेस्ट्रॉल प्राप्त किया जा सकता है.

दूसरे सप्ताह में क्या करना चाहिए
बछड़ा जब दूसरे सप्ताह में प्रवेश कर जाए तो उसे अच्छी गुणवत्ता वाले अनाज को खिलाना चाहिए. इससे उसे तमाम पोषक तत्व मिलेंगे और उसके विकास में भी आसानी होगी. बछड़ा जल्दी हेल्दी होगा. तीसरे सप्ताह के दौरान कृमि नाशक दवा भी देना चाहिए. उसके तीसरे छठे माह की उम्र में भी देना चाहिए. बछड़े को अच्छी गुणवत्ता वाली सूखी घास दी जा सकती है.

स्वच्छ और आराम बिस्तर दें
बछड़े के रहन-सहन का भी अन्य पशुओं की तरह ख्याल रखना चाहिए. सबसे जरूरी है कि बछड़े का बिस्तर बहुत ही साफ सुथरा हो और उसे पर किसी भी तरह का बैक्टीरिया ना हो. बछड़े को ऐसा बिस्तर उपलब्ध कराना चाहिए जिस पर धूल न इकट्ठा हो धूल से बछड़े को नुकसान पहुंच सकता है.

टीकाकरण करवाएं
बछड़े को 22 दिन से दूध छुड़ाने तक की उम्र के बच्चों का टीकाकरण किया जाना जरूरी होता है. छोटे बच्चों का तरह सबसे आम टीका 2- या 4-तरफ़ा क्लॉस्ट्रिडियल है. बछड़ को पहला टीका लग जाने के 28 दिन बाद ओपीवी, रोटा वायरस वैक्सीन और पेन्टावेलेन्ट का दूसरा टीका दिया जाता है.

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