नई दिल्ली. गर्मी के मौसम में पशुओं के शरीर का तापमान सामान बनाए रखने में काफी दिक्कत होती है. गर्मी के तनाव के कारण जब पशुओं के शरीर का तापमान 40 डिग्री बढ़ जाता है तो पशुओं को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है. जबकि पशुओं के शरीर में इसके लक्षण भी दिखाई देने लगते हैं. खासकर गर्मी के तनाव के दौरान गायों में समान तापमान बनाए रखने के लिए भोजन की मात्रा में कमी हो जाती है. दूध उत्पादन में भी 10 से 25 फ़ीसदी की गिरावट देखी जाती है.
वहीं दूध में वसा का प्रतिशत में भी कमी हो जाती है. प्रजनन क्षमता में भी इसका असर पड़ता है. पशुओं में प्रतिरक्षा प्रणाली में बेहद कमी आती है और इस जैसे कई लक्षण दिखाई देते हैं. इसलिए गर्मी के सीजन में पशुओं को स्वस्थ रखने और उनके उत्पादन स्तर को बनाए रखने के लिए कई जरूरी चीज हैं, जो किसानों को करना चाहिए. यदि किसानों ने इन बातों पर ध्यान नहीं दिया तो पशुओं से उत्पादन कम हो जाएगा और जिसका सीधा नुकसान उनको होगा. ऐसे में इस आर्टिकल में जानते हैं कि गर्मियों में पशुओं का किस तरह से ख्याल रखना चाहिए.
गर्मी में पशुओं का ख्याल कैसे करें
-गर्मी के दिन के वक्त पशुओं को सीधी धूप से बचना चाहिए उन्हें चराने के लिए कहीं नहीं ले जाना चाहिए.
-पशुओं को बांधने के लिए हमेशा छायादार हवादार जगह का चयन पशुपालक द्वारा होना चाहिए.
-पशुओं के पास हमेशा ही पानी की उपलब्धता होनी चाहिए.
-पशुओं को हरा चारा जरुर खिलाना चाहिए.
-यदि पशुओं में आसमान्य लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करना जरूरी होता है.
-संभव हो तो दिन के समय डेयरी शेड में कूलर, कुकर आदि का उपयोग किया जा सकता है.
-पशुओं को संतुलित आहार देना बेहद ही जरूरी होता है.
-ज्यादा गर्मी होने में पशुओं के शरीर पर पानी भी छिड़का जा सकता है.
-हर दिन प्रति दुधारू पशु को 50 से 100 ग्राम मीठा सोडा खिलाना चाहिए.
पशुपालन के लिए क्या है जरूरी सलाह
-बढ़ती गर्मी की वजह से पशुओं के दिन में दो बार सुबह और देर शाम नहीं लाना जरूरी होता है.
-पशुओं के दिन में तीन से चार बार ताजा एवं साफ पानी पिलाना चाहिए.
-गर्मियों में दूध का उत्पादन कम होने लगता है. इसलिए दुधारू पशुओं को रोजाना कैल्शियम भी देना चाहिए.
-पशुओं के लिए बोए गया चारा जैसे मक्का, ज्वार और बाजरा की 5 से 7 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें.
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