नई दिल्ली. राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान एनडीआरआईद्धए करनाल ने दूध में मिलावट का तेजी से पता लगाने से संबंधित 09 टेक्नोलॉजी का दक्षिण भारत के चेन्नई स्थित अग्रणी डेयरी उद्योग हटसन एग्रो प्रोडक्ट्स लिमिटेड में व्यावसायीकरण किया. इस अवसर पर एनडीआरआई के निदेशक और कुलपति डॉ. धीर सिंह ने कहा कि संस्थान अपने वैज्ञानिकों द्वारा विकसित विभिन्न हितधारकों के लिए टेक्नोलौजी के व्यावसायीकरण के लिए कोशिश कर रहा है. लाइसेंस समझौता इस दिशा में एक एक मजबूत कदम है. उन्होंने आगे कहा कि ये टेक्नोलॉजी दूध में न्यूट्रलाइजर्स, यूरिया हाइड्रोजन, पेरोक्साइड, ग्लूकोज, सुक्रोज, माल्टोडेक्सट्रिन, फॉर्मेल्डिहाइड और नमक का तेजी से पता लगाने के लिए पेपर स्ट्रिप आधारित टेस्ट से संबंधित है.
हासिल किया टेक्नोलॉजी का पेटेंट
उन्होंने आगे बताया कि इसके अलावा दूध में डिटर्जेंट की मौजूदगी का पता लगाने के लिए एक तेज टेस्ट का व्यवसायीकरण हतुसन एग्रो प्रोडक्ट्स लिमिटेड में भी किया गया है. इन तकनीकों को संस्थान में डेयरी रसायन विज्ञान और पशु जैव रसायन प्रभाग के वैज्ञानिकों द्वारा कई जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है. संस्थान ने इन टेक्नोलॉजी के लिए पेटेंट भी हासिल किया है. तेजी के अलावा इन परीक्षणों की पहचान सीमा पारंपरिक टेस्टों से बेहतर है और सभी परीक्षण दूध के नमूने पर 10 मिनट के भीतर किए जा सकते हैंं. यहां तक कि कुछ परीक्षण तुरंत परिणाम प्रदान कर सकते हैं.
खराब और अच्छे दूध हो सकेगा अलग
संयुक्त निदेशक अनुसंधानद्ध और सह.आविष्कारक डॉ. राजन शर्मा ने कहते हैं कि विकसित परीक्षणों का उपयोग दूध प्राप्त करने वाले स्टेशनों पर किया जा सकता है. इतना ही नहीं इस तरह डेयरी उद्योग को अपने मूल स्थान पर अच्छी गुणवत्ता वाले दूध को खराब गुणवत्ता वाले दूध से अलग करने में मदद मिलेगी. सबसे अहम ये है कि ये उपयोगकर्ता के बहुत ही फ्रेंडली हैं और उन्हें विशेष उपकरणों की आवश्यकता नहीं होती है. जिससे गैर तकनीकी कर्मियों को भी उन्हें एग्जीक्यूट करने की अनुमति मिलती है.
मिलावट मुक्त दूध मिलेगा
हटसन एग्रो प्रोडक्ट्स लिमिटेडए चेन्नई के मुख्य परिचालन अधिकारी सीओओ शनमुगा प्रियन ने बताया कि कंपनी वर्तमान में दूध, दही, आइसक्रीम, डेयरी, व्हाइटनर, स्किम्ड मिल्क पाउडर, घी, पनीर आदि जैसे उत्पादों का निर्माण और मार्केटिंग कर रही है. इसके ब्रांडों में अरुण अरोक्या, हटुसन और एचएपी इबाको आदि शामिल हैं. कंपनी तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना में फैले लगभग 19 डेयरी संयंत्रों में प्रति दिन 40 लाख लीटर से अधिक दूध का प्रबंधन कर रही है. कंपनी का पूरे भारत में 11 से अधिक राज्यों में विपणन नेटवर्क है और विदेशी बाजार में भी इसकी उपस्थिति है. साल 2023.24 में कंपनी का टर्न.ओवर 8000 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा. उन्होंने कहा कि दूध में मिलावट का तेजी से पता लगाने की इन तकनीकों से कंपनी को अपने उपभोक्ताओं को स्वच्छए सुरक्षित और मिलावट मुक्त दूध सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.
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