Home पशुपालन Sheep Farming: भेड़ पालन से हासिल करना चाहते हैं ज्यादा फायद तो इन 5 प्वाइंट्स को जरूर पढ़ें
पशुपालन

Sheep Farming: भेड़ पालन से हासिल करना चाहते हैं ज्यादा फायद तो इन 5 प्वाइंट्स को जरूर पढ़ें

ganjam sheep
गंजाम भेड़ की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. भेड़ पालन से ग्रामीण इलाकों के किसान अच्छा खासा मुनाफा हासिल कर सकते हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि भेड़ो से अधिक आय हासिल करने के लिए उनकी नस्ल सुधार किया जाता है. इसके लिए स्थानीय गद्दी व रामपुर बुशैहरी नस्ल की भेड़ों का शुद्ध विदेशी रैम्बुले या रशियन मरीनो नर भेड़ों से प्रजनन कराते हैं. इस प्रजनन के बाद पैदा होने वाले मेमने में 50 प्रतिशत गुण देशी नस्ल के तथा 50 प्रतिशत गुण विदेशी नस्ल के आते हैं. इस नई नस्ल को एफ-1 जनरेशन नाम दिया गया है. इसके बाद इन एफ-1 जनरेशन की भेड़ों का फिर से शुद्ध विदेशी रैम्बुले या रशियन मरीनो नर भेड़ों से प्रजनन करवाकर एफ-2 जनरेशन के मेमने हासिल किए जाते हैं.

इस प्रजनन के बाद पैदा हुई संतान में 25 प्रतिशत गुण देशी नस्ल के तथा 75 प्रतिशत गुण विदेशी नस्ल के आते हैं. इस प्रक्रिया से निरंतर पैदा हो रही एफ-2 जनरेशन की भेड़ों का प्रजनन करवाने के लिए ऐसे मेंढे जिनमें 75 प्रतिशत गुण विदेशी नस्ल तथा 25 प्रतिशत गुण देशी नस्ल के हों का ही प्रयोग करना चाहिए. ताकि पैदा होने वाली संतान में विदेशी नस्ल के 75 प्रतिशत गुण कायम रह सकें. आइए भेड़ पालन व्यवसाय को ज्यादा फायदेमंद बनाने के लिये कुछ महत्वपूर्ण जानकारी को जानते हैं.

ये है अहम जानकारियां, पढ़ें यहां
भेड़ आम तौर पर नौ महीने की आयु में पूर्ण वयस्क हो जाती है लेकिन स्वस्थ मेमने लेने के लिये यह जरूरी है कि उसे एक वर्ष का होने के बाद ही गर्भधारण कराया जाए. भेड़ों में प्रजनन आठ वर्ष तक होता है. गर्भवस्था औसतन 147 दिन कि होती है.

भेड़ 17 दिन के बाद 30 घंटे के लिये गर्मी में आती है. गर्मी के अंतिम समय में मेंढे से सम्पर्क करवाने पर गर्भधारन की अच्छी सम्भावनायें होती है.

गर्भवस्था तथा उसके पश्चात जब तक मेमने दूध पीते है भेड़ के पालन पोषण पर अधिक ध्यान देना चाहिये. एक मादा भेड़ को गर्भवस्था तथा उसके कुछ समय पश्चात तक संतुलित एवं पोष्टिक आहार अन्य भेड़ों की अपेक्षा अधिक देना चाहिये.

भेड़ों को मिलते बार नर या मादा का अनुपात 1:40 से अधिक नहीं होना चाहिये|प्रजनन हेतु छोड़ने के दो माह पूर्व से ही उनके आहार पर विशेष ध्यान दें. इस अवधि में संतुलित आहार तथा दाने की मात्रा भी बढा दें.

प्रजनन हेतु छोड़ने से पहले यह बात अवश्य देख लें कि मेंढे के बहय जननेन्द्रियों की ऊन काट ली गई है तथा उसके खुर भी काट क्र ठीक क्र लिये गये हैं.

नर मेमनों कि डेढ़ साल से पहले प्रजनन के लिये उपयोग न करें. तथा समय समय पर उनकी जननेन्द्रिया की जांच कर लें. यह बात विशेष ध्यान देने योग्य है कि वयस्क नर भेड़ों को तरुण भेड़ों के साथ प्रजनन के लिये छोड़ना चाहिये.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

live stock animal news, Survey on farmers, farmers' income, farmers' movement, MSP on crops, Chaudhary Charan Singh Agricultural University, HAU, agricultural economist Vinay Mahala, expenditure on farming.
पशुपालन

Animal Husbandry: डेयरी पशुओं की इन चार परेशानियों का घर पर ही करें इलाज, यहां पढ़ें डिटेल

वैकल्पिक दवाओं की जानकारी पशुपालकों के लिए जानना बेहद ही अहम है....