Home मछली पालन Fish Disease: इन 7 बीमारियों से मछली पालन को होता है बड़ा नुकसान, यहां पढ़ें डिटेल
मछली पालन

Fish Disease: इन 7 बीमारियों से मछली पालन को होता है बड़ा नुकसान, यहां पढ़ें डिटेल

Fisheries,Fish Farming, Fish Farming Centre, CMFRI
मछलियों की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मछलियों में कुछ रोग फैलने से तालाब में एक साथ कई मछलियां मर जाती हैं. जिस वजह से मत्स्य पालक को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है. मत्स्य पलकों को मछली में होने वाली रोगों की जानकारी जरूर होना चाहिए. अगर उन्हें जानकारी नहीं है तो उन्हें बार-बार नुकसान उठाना पड़ सकता है. अगर बीमारी की जानकारी हो गई तो समय पर उसका उपचार किया जा सकता है और मछलियों को मरने से और इसके साथ ही होने वाले नुकसान से भी बचाजा सकता है.

मछली विशेषज्ञों कहना है कि कई बार पानी के अंदर गंदगी रहती है और इसकी क्षरीयता घटती और बढ़ती रहती है. पानी में विभिन्न प्रकार के विषाणु-जीवाणु भी पैदा हो जाते हैं, जो मछली के शरीर में तमाम तरह के बीमारियां को पैदा कर देते हैं. जिस वजह से मछलियां मर जाती हैं. तथा उनके खाने से इंसानों के शरीर पर गलत असर पड़ता है. इसलिए मछलियों का हेल्दी रहना बिल्कुल जरूरी है नहीं तो मछलियों का सेवन करने पर इंसानों में भी बीमारी का खतरा रहता है.

फफूंद रोग (Fungal Disease)
यह रोग तालाब में सैपरोलिगिनाइट नामक फफूँद के उत्पन्न होने से पैदा होता है. इस रोग के लगने पर मछली के शरीर में धागे के समान सफेद चकते दिखाई देते है जो धीरे-धीरे मछली के गलफडें, ऑख एवं परों पर भी फैल जाते है जिससे मछली की मृत्यु हो जाती हैं.

सफेद धब्बा रोग (White Spot Disease)
यह रोग इक्थियोफथीरिया नामक प्रोटोजोआ से उत्पन्न होता है जो कि मछली की त्वचा के भीतर अपने को व्यवस्थित कर लेता है. जिस कारण मछली के शरीर में जगह-जगह सफेद धब्बे दिखाई देने लगते है.

पूंछ व परों का सडना (Tail & Finrod disease)
यह रोग गेरोमोनास फारमीकेन्स नामक जीवाणु के कारण होता है. इसमें प्रारम्भ में यह जीवाणु पूंछ या पर के किनारे पर चिपककर उसे छितराने लगता है फिर धीरे-धीरे पूंछ या पर को छितराकर सड़ा देता है. जिससे मछली पानी में तैरने में असमर्थ हो जाती है एवं मर जाती हैं.

फोडा रोग (Cancer Disease)
यह रोग ऐरोमोनास सालमोनिसिडा नामक जीवाणु से होता है. यह जीवाणु मछली की रक्त सिराओं में एकत्रित होकर बढ़ते रहते है. जहां से यह रक्त नलिकाओं की दीवार को तोडकर मांसपेशियों से होते हुए शरीर के बाहरी भाग में आ जाते है. एक उभार के रूप में विकसित होते रहते हैं. जो कि बाद में फोडे का रूप धारण कर लेता है. इसके अलावा गलफड़ों की रक्त शिराओं को भी अवरूद कर देता है जिस कारण मछलियां मरने लगती है.

अल्सर (Alser Disease)
यह रोग अफैनोमाइसिस इनवेडेन्स नामक फफूंद से होता है. इसके लगने से मछली के शरीर पर जगह-जगह जख्म बन जाते हैं. शुरू में यह किसी एक स्थान पर होता है. फिर धीरे-धीरे संकमण के रूप में शरीर के अन्दर तक फैलकर अल्सर का रूप धारण कर लेता है. जिससे मछली मरना शुरू हो जाती है. यह एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है. ऐसे रोगी तालाब के पानी का यदि किसी अन्य तालाब से सम्पर्क हो जाता है तो वह तालाब भी रोग ग्रस्त हो जाता हैं.

मत्स्य जूं (Argulus Disease)
यह रोग उस तालाब में अधिक पाया जाता है जिसमे मत्स्य श्रावकों (प्रजनकों) को रखा जाता है. यह एक कीट (इनसैक्ट) होता है जो मछली के पंखों एवं पूंछ पर छोटे-छोटे जूं के समान बाहरी ओर से चिपके रहते हैं और अपना भोजन ग्रहण करते रहते हैं. जिससे मछली के शरीर पर छोटे-छोटे घाव बन जाते हैं. एवं मछली की ग्रोथ (बढ़वार) भी रूक जाती है. इस रोग के लगने से मछलियां तालाब में इधर-उधर, उपर-नीचे अप्राकृतिक रूप से दौड़ती रहती है कभी-कभी मत्स्य जूँ की अधिकता के कारण मछलिया मर भी जाती हैं.

कृमि रोग (Parasitic Disease)
यह रोग मछलियों की आहार नाल में पाये जाने वाले फीता कृमि जैसे लिग्यूला बोथरियो सिफैलस, कैमेलनस आदि से उत्पन्न होता है. इस रोग से मछली की त्वचा का रंग बदलकर मैला (गन्दा) हो जाता है तथा मछली की भोजननली फूल जाती है जिस कारण मछली की मृत्यु हो जाती है. कभी-कभी मछली की त्वचा पर गायराडैक्टाइलस नामक चपटे कृत्रिमों का संक्रमण हो जाता है जिस कारण त्वचा का रंग बदल जाता है. शरीर से स्केल गिरने लगते है जिस कारण त्वचा छिल जाती है एवं मछलियों को बैचेनी होने लगती है और मछली तालाब में इधर-उधर भागती रहती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

livestock animal news, Fish Farming,Fish Farming Benefits,Fisheries, Fish pond
मछली पालन

Fish Farming: मछलियों को तालाब से बाहर निकालते समय क्या करना चाहिए, पढ़ें यहां

मछली पालक को को मछलियों के तालाब से बाहर निकालने के तरीकों...

Fisheries,Fish Farming, Fish Farming Centre, CMFRI
मछली पालन

Fish Farming: मछलियों को फीड देने का क्या है सही समय, पढ़ें यहां

मछलियों की ग्रोथ और ज्यादा प्रोडक्शन के लिए जरूरी है कि समय-समय...

Animal Husbandry, Fish, Duck Farming, Poultry Farming
मछली पालन

Fish Farming: ज्यादा प्रोडक्शन और ग्रोथ के लिए नए-पुराने तालाब का कैसे करें मैनेजमेंट

हवा की दिशा वाला बांध अधिक मजबूत होना चाहिए. तालाब के मिट्टी...

Budget 2024
मछली पालन

Union Budget 2024: अब सस्ता हो जाएगा मछली और झींगा फीड, सरकार ने घटाई इम्पोर्ट डयूटी

सरकार ने इस सेक्टर को राहत देते हुए बड़ा कदम उठाया है...