Home डेयरी Dairy Animal: डेयरी व्यवसाय के लिए गाय पालन करना चाहते हैं तो इन 5 गायों से करें शुरुआत
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Dairy Animal: डेयरी व्यवसाय के लिए गाय पालन करना चाहते हैं तो इन 5 गायों से करें शुरुआत

गिर क्रॉस गाय की कीमत को तय करने के लिए सबसे पहले उसके दूध की मात्रा और ब्यात को देखा जाना चाहिए.
गिर गाय की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. पशुपालन करके मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है. इस बात को हर पशुपालक जानते हैं. पशुपालन में अगर आप गाय पालते हैं तो इसके दूध को बेचकर कमाई की जा सकती है. गाय का दूध बेहद ही पौष्टिक होता है. लोग इसे पीना पसंद करते हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि कई विकसित देशों में भैंस के मुकाबले गाय के दूध का इस्तेमाल ज्यादा होता है. कई रिसर्च से भी साबित हो चुका है कि गाय का दूध बेहद ही गुणकारी है. भारत में गाय को पूजा भी जाता है, इसलिए इसकी अहमियत भी ज्यादा है. सरकार गाय पालने को लेकर मदद भी करती है. अगर आप भी गाय पालन शुरू करना चाहते हैं तो ये खबर आपके लिए है.

गाय के दूध इतना अच्छा होता है कि डॉक्टर छोटे बच्चों को भी मां के दूध के बाद गाय का दूध देने की सलाह देते हैं. अब बात गाय पालन की जाए तो भारत में देशी और विदेशी गाय की पहचान करना काफी आसान है. देसी गायों में कूबड़ पाया जाता है. इसी वजह से इन्हीं कूबड़ धारी भारतीय नस्ल की गाय भी कहा जाता है. एक्सपर्ट का कहना है कि देशी गाय जिस क्षेत्र की है, अगर उसी क्षेत्र में पाली जाए और सही दाना पानी दिया जाए तो उत्पादन अच्छा होता है. इस आर्टिकल में आप देशी गाय की कुछ खास नस्लों के बारे में बताने जा रहे हैं.

हरियाणवी नस्ल कहां की है
हरियाणवी नस्ल की गाय हरियाणा से ताल्लुक रखती है. मगर उत्तर प्रदेश, राजस्थान के क्षेत्र में भी खूब पाली जाती है. यह गाय सफेद रंग की होती है. इससे दूध उत्पादन भी अच्छा होता है. इस नस्ल के बैल खेती में अच्छा कार्य करते हैं.

साहिवाल गाय के बारे में पढ़ें
साहिवाल गायों को दूध व्यवसाय काफी पसंद करते हैं. ये गाय सालाना 2000 से 3000 लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती हैं. एक बार मां बनने पर लगभग 10 महीने तक यह दूध देने में सक्षम हैं. इन्हें भारत की सर्वश्रेष्ठ प्रजाति माना जाता है. पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में पाई जाती हैं.

राठी नस्ल के बारे में जानें
राठी राजस्थान की गाय मानी जाती है. राठस जनजाति के नाम पर इसका नाम रखा गया था. इन्हें ज्यादा दूध देने के लिए पाला जाता है. ये गाय राजस्थान के गंगानगर, बीकानेर और जैसलमेर इलाकों में खूब पाली जाती हैं. प्रतिदिन 6 से 8 लीटर दूध देने की क्षमता होती है.

गिर नस्ल की क्या है खासियत
गिर नस्ल की गाय मूलत गुजराती इलाकों से आती है. गिर के जंगलों में पाए जाने के कारण इनका नाम गिर पड़ा है. इन्हें भारत में सबसे ज्यादा दूध देने वाली नस्ल माना जाता है. इस नस्ल की एक गाय दिन में 50 से 80 लीटर तक दूध दे देती है. इस गाय के थन बड़े होते हैं. देश ही नहीं विदेश में भी इस गाय की काफी डिमांड है. इजराइल और ब्राज़ील के लोग गिर गाय को पालना पसंद करते हैं.

हल्लीकर नस्ल की जानकारी यहां लें
हल्लीकर नस्ल गाय का कर्नाटक में पाई जाने वाली नस्ल है. मैसूर, कर्नाटक में नस्ल सबसे ज्यादा पाली जाती है. इस नस्ल की गायों की दूध देने की क्षमता भी काफी ज्यादा होती है.

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