नई दिल्ली. पालतू जानवरों को अगर उसके पालने वाले दुलार दें तो बदले में जानवर भी उसका वफादार बन जाता है. बकरियों की तमाम प्रजातियों में एक ऐसी बकरी है जो दुलार की भूखी होती है. अगर इस बकरी को पालने वाला मालिक दुलारता है तो बदले में वह तेजी के साथ ग्रोथ करती हैं और इसका फायदा आगे चलकर बकरी पालक को मिलता है. दरअसल, खास नस्ल की यह बकरी जिसे जमुनापारी कहा जाता है, ह्यूमन टच को बहुत पसंद करती हैं. अगर पशुपालक इन्हें छूता है उनके शरीर को सहलाता है तो ये इसे मालिश समझती हैं और बहुत खुश होती हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि जमनापारी नस्ल की बकरियां उम्मीद करती हैं कि दिन में कम से कम एक बार उसकी देखभाल के लिए पशुपालक खुद उसके पास आएं.
जब पशुपालक बकरी पर हाथ फेरता है तो अपने बकरी अपने सिर को उसके शरीर से रगड़ती हैं. यह इस बात की निशानी है कि बकरी को अपने पशुपालक पर बहुत प्यार आ रहा है. एक्सपर्ट कहते हैं कि ऐसा करने से बकरी तेजी के साथ बढ़ती है और इसका फायदा पशुपालकों को मिलता है.
घर वालों के साथ रहना पसंद करती हैं
एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि जमनापारी नस्ल की बकरी गृहनगर इटावा का एक गांव है. वहां आज भी घरों में इस नस्ल की बकरी 4 से 5 की संख्या में पाली जाती हैं. इसके लिए अलग से कोई बाड़ा या शेड तैयार नहीं किया जाता है. घर में ही ये यहां-वहां घूमती रहती हैं. कभी दिल किया तो चारपाई पर बैठ गईं तो कभी दिल करने पर आंगन में घूमने लगती हैं. घर परिवार के सदस्यों के बीच घुस कर बैठी रहती हैं. साथ ही खाना खाती हैं. यही वजह है कि इस ह्यूमन टच बहुत पसंद है.
गंदगी में रहना पसंद नहीं करती हैं ये बकरियां
इस बकरी की खासियत यह भी है कि साफ सफाई बहुत पसंद करती हैं. जैसे ही अगर इसके शेड में गंदगी होती है, जमीन गीली रहती है तो यह पूरी रात जमीन पर नहीं बैठती हैं. खड़े-खड़े ही पूरी रात गुजार देती हैं. उसे गंदगी के पास खड़ा होना जरा सा भी पसंद नहीं है. जहां कहीं गंदगी होती है तो वहां से दूर खड़ी हो जाती हैं. गंदगी होने पर मौका मिलते ही शेड से बाहर आ जाती हैं. इसी वजह से एनिमल एक्सपर्ट जब जमुनापारी बकरी को पालने की सलाह देते हैं तो साफ सफाई का खास ख्याल रखने की भी हिदायत देते हैं.
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