Home मछली पालन Fish Aquarium: समय-समय पर बदलते रहे फिल्टर, ऐसे करें एक्वेरियम की देखरेख
मछली पालन

Fish Aquarium: समय-समय पर बदलते रहे फिल्टर, ऐसे करें एक्वेरियम की देखरेख

फिश एक्वेरियम को कभी भी सीधे धूप के सामने नहीं रखना चाहिए.
प्रतीकात्मक तस्वीर

नई ​दिल्ली. बहुत से लोग कांच के मटकों में दो या तीन छोटी-छोटी मछलियां रखना पसंद करते हैं. लेकिन जो लोग बड़े डब्बानुमा कांच का एक्वेरियम रखते हैं उनके लिए बहुत जरूरी है कि उनका एक्वेरियम सभी सुविधाओं से लैस हो. फिश एक्वेरियम में फ़िल्टर, हीटर आदि हो. पानी की नियमित सफाई के लिए फिल्टर बहुत जरूरी है. बाजार में अलग-अलग प्रकार के फिल्टर मिलते हैं, जैसे मैकेनिकल फिल्टर, जैविक फिल्टर और केमिकल फिल्टर. लेकिन उन्हें खरीदने से पहले बहुत जरूरी है इस बात को ध्यान में रखना कि अक्वेरियम का आकार क्या है और उस एक्वेरियम में लगभग कितनी संख्या में मछलियां रहने वाली हैं.

फिश एक्वेरियम को कभी भी सीधे धूप के सामने नहीं रखना चाहिए. एक्वेरियम किसी ऐसे स्थान पर रखें जहां से उनके गिरने की आशंका बिल्कुल भी ना हो. एक्वेरियम में पानी को साफ करने वाला फिल्टर बिजली से चलता है, इसीलिए कोशिश करें कि फिश एक्वेरियम को बिजली के प्लग के पास रखें. छोटे एक्वेरियम के लिए आमतौर पर गोल्डन फिश, नीयन टेट्रा, जेबराफिश और बौना गुरामी मछलियों को आदर्श माना जाता है.

मछलियों के जिंदा रहने के लिए बेहद जरूरी है सफाई: मछलियों की लंबी उम्र के लिए बहुत जरूरी है कि फिश एक्वेरियम सफाई समय समय पर हो. फिश एक्वेरियम में लगा हुआ फिल्टर सिस्टम पानी के दूषित पदार्थों को खत्म करता है. इसके अलावा नियमित अंतराल पर एक्वेरियम का पानी बदलना भी बहुत जरूरी होता है. महीने में कम से कम एक बार मछलियों को पानी से बाहर निकालकर अक्वेरियम की गहन सफाई बहुत जरूरी होती है.

तापमान को सही बनाए रखें: इसके साथ ही बहुत जरूरी है कि पानी के तापमान को सही रखने और पर्याप्त रोशनी के लिये अक्वेरियम में हीटर तथा प्रकाश की भी पूरी व्यवस्था हो. एक्वेरियम का पानी साफ रहे इसके लिए बहुत जरूरी है कि उस में लगाए गए सजावटी सामान भी पूरी तरह से साफ हो. इसके अलावा सप्ताह में एक बार अक्वेरियम के पानी के पीएच सर को भी नापा जाना जरूरी है.

ऐसे करें मछली की सेहत की जांच: फिश एक्वेरियम की मछली के सेहत की जांच करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि इस बात को ध्यान में रखें कि वह लगातार तैर रही है या नहीं. कहीं उस पर किसी प्रकार के धब्बे तो नजर नहीं आ रही हैं. यदि किसी मछली में यह दोनों लक्षण नजर आ रहे हैं तो उसे दूसरी मछलियों से अलग स्थान पर रखना चाहिए. अन्यथा दूसरी मछलियों के बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

how to treat a fish ulcer
मछली पालन

Fish: मछली बीज का ज्यादा उत्पादन लेने के लिए पढ़ें एक्सपर्ट की ये सलाह

मत्स्य बीज पक्षेत्र सुनारू फतुहा पटना के सहायक मत्स्य निदेशक डॉ. टुनटुन...