नई दिल्ली. बकरी पालन कर रहे हैं तो आपको ये भी पता होना चाहिए कि बकरी आवास कैसा होना चाहिए. अगर बकरी के आवास के बारे में जानकारी नहीं होगी तो फिर बकरी पालन में नुकसान उठाना पड़ सकता है. बकरी आवास को एक्सपर्ट की सलाह पर बनाना चाहिए. उसकी डिजाइन और आवास में क्या-क्या व्यवस्था करनी चाहिए इन सबकी मालूमात होगी तो फिर बकरी पालन से और ज्यादा फायदा उठाया जा सकता है. अगर आवास प्रबंधन नहीं करना जानेंगे तो फिर बकरी बीमार भी पड़ सकती है.
एक्सपर्ट कहते हैं कि बकरी आवासों को ऊंची जगह पर बनाना चाहिए. वहां से पानी के जल की निकासी की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए. यदि छत के ऊपर छप्पर डाल दिया जाये या फैलने वाली बेलें चढ़ा दी जायें तो आवास के अन्दर गर्मी का प्रभाव कम हो जाता है. लोहे की चद्दरों वाले आवासों के ऊपर सफेद पेंट भी किया जा सकता है.
जरूरत के मुताबिक जगह दें
एक्सपर्ट के मुताबिक बकरियों को आवास में छत से ढकी एवं खुली दोनों जगहों की जरूरत पड़ती है. ढकी जगह से जानवर धूप, ओस एवं वर्षा से बचता है तथा खुली जगह (बाड़ा) में वह आराम तथा व्यायाम करता है. पूरे आवास का 1/3 ढकी जगह के रूप में तथा 2/3 हिस्सा बाड़े के रूप में रखा जाता है. बकरे एवं बकरियों को उनकी उम्र एवं कार्य के अनुसार जगह की आवश्यकता घटती-बढ़ती रहती है. बकरियों को आवश्यकतानुसार जगह न देने पर उनका स्वास्थ गिरता है, उनकी बढ़त कम हो जाती है तथा उत्पादन क्षमता में कमी आती है. जाहिर कि ऐसा होगा तो बकरी पालक को ज्यादा फायदा नहीं मिलेगा.
खुले आसमान के नीचे बकरियों को न रखें
एक्स्पर्ट सलाह पर अगर आवास बनाते हैं तो आवास की दीवारों में होल बनाना चाहिए. दरअसल आवास की दीवारों में हवा आने के लिये जो जगह बनायी जाती है उसी से आवास में रोशनी एवं धूप भी आती है. बकरी आवासों का हवादार होना अति आवश्यक है. मसलन ज्यादा गर्मी है तो छेद से हवा आएगी बकरियों को गर्मी कम लगेगी. मौसम के अनुसार हवा के आने-जाने की जगहों को कम ज्यादा किया जा सकता है. वहीं हमेशा इस बात पर ध्यान दें कि खुले आसमान के नीचे बकरियों को न रखें. एक्सपर्ट कहते हैं खुले आसमान की बजाय बकरियों को यदि एक ऐसी जगह पर रखा जाये जो कि केवल ऊपर से ढका हो तो उससे भी उनको राहत मिलती है. बताते चलें कि 30 प्रतिशत गर्मी ऊपर से आती है. ऊपर ढकने से यह गर्मी पशुओं तक नहीं पहुँच पाती.
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