नई दिल्ली. शासन सचिव पशुपालन, गोपालन और मत्स्य डॉ. समित शर्मा की अध्यक्षता में सोमवार को पशुधन भवन के सभागार में पशुपालन विभाग की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में सेक्स सॉर्टेड सीमेन, मंगला पशु बीमा योजना, भारत पशुधन एप, निःशुल्क आरोग्य योजना तथा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई. संबंधित अधिकारियों ने इन विषयों पर प्रस्तुति दी. समीक्षा बैठक में पशुपालन निदेशक तथा आरएलडीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. आनंद सेजरा, अतिरिक्त निदेशक डॉ सुरेश मीना, डॉ विकास शर्मा तथा पशुपालन विभाग के वित्तीय सलाहकार श्री मनोज शांडिल्य सहित विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
शासन सचिव डॉ. शर्मा ने क्लीनिकल विषयों जैसे मेडिसिन, सर्जरी एवं गायनोलॉजिकल विषयों में विशेषज्ञता प्राप्त पशु चिकित्सा अधिकारियों को पॉलीक्लिनिक में नियुक्त करने के निर्देश दिए, जिससे पशुपालकों को विशेषज्ञ सेवाओं का अधिकतम लाभ मिल सके. उन्होंने इस कार्य को जल्द से जल्द करने पर बल दिया. शासन सचिव ने जिलों के नोडल अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सम्बन्धित जिले की संस्थाओं में विभागीय कार्मिकों की उपस्थिति शत-प्रतिशत सुनिश्चित करें.
दवाओं की उपलब्धता को दिया निर्देश
उन्होंने कहा कि विभागीय कर्मचारियों को पूर्ण ईमानदारी और निष्ठा के साथ कार्य करना चाहिए तथा निष्क्रियता एवं जड़ता को समाप्त कर कार्यों को समयबद्ध ढंग से पूरा करना चाहिए. उन्होंने विभाग में अकर्मण्यता और कदाचार रोकने के लिए परिपत्र जारी करने के निर्देश भी दिए. मंगला पशु बीमा योजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए डॉ. शर्मा ने योजना के तहत जारी स्वास्थ्य प्रमाण-पत्रों और बीमा कार्य पर संतोष व्यक्त किया और इसे जल्द पूरा कर पशुपालकों को योजना का लाभ प्रदान करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सा संस्थानों में फील्ड की मांग के अनुरूप प्रभावी और जेनरिक दवाओं की उपलब्धता हर हाल में सुनिश्चित होनी चाहिए ताकि किसी भी परिस्थिति में दवाइयों की कमी से कार्य बाधित न हो.
ताकि पशुपालकों को मिल सके फायदा
सेक्स सॉर्टेड सीमन के कार्य में तेजी लाते हुए उन्होंने इसके शीघ्र उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जिससे पशुपालकों को शीघ्र इसका लाभ समय पर मिल सके. एफएमडी टीकाकरण कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए डॉ. शर्मा ने कहा कि टीकाकरण का कार्य संतोषजनक है लेकिन अभी भी कुछ जिलों में प्रगति धीमी है. उन्होंने कहा कि केवल टीकाकरण कर देना ही पर्याप्त नहीं है भारत पशुधन एप पर इसका इद्रांज भी बहुत आवश्यक है. जिससे कार्य की पारदर्शिता बनी रहे और बाद में भुगतान में भी कोई अड़चन न आए. उन्होंने संख्या के साथ साथ गुणवत्ता पर भी विशेष जोर देने की बात कही. आखिरी में उन्होंने उत्कृष्ट कार्य करने वाले कार्मिकों को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें सम्मानित करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए.
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