नई दिल्ली. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा घोषित मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना के प्रस्ताव को मंत्रि परिषद की मंजूरी मिल गई है. इस योजना में हर विधानसभा क्षेत्र से सबसे पहले ऐसे गावों का चयन किया जाएगा, जिनकी जनसंख्या कम से कम दो हजार और गौवंश की संख्या कम से कम 500 है. ऐसे गांवों को मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम के रूप में विकसित कर आत्मनिर्भर बनाया जाएगा. सरकार का प्रयास है कि अलग-अलग विभागों और योजनाओं के क्रियान्वयन के माध्यम से चयनित गांवों का चतुर्मुखी विकास कर इस तरह आत्मनिर्भर बनाया जाए कि दूसरे गांव इनसे प्रेरणा लेकर स्वयं आत्मनिर्भर बनें.
ये तमाम गांव में स्वच्छता एवं हरियाली के साथ-साथ गौसेवा और आध्यात्मिकता से समन्वित आर्थिक आत्मनिर्भरता प्रत्यक्ष नजर आएगा. ग्राम अधोसरंचना श्रेणी- गौशाला, ग्राम पंचायत, सामुदायिक, स्कूल एवं आआंगनबाड़ी भवन, स्वास्थ्य केन्द्र, यात्री प्रतीक्षालय, सोलर स्ट्रीट लाइट, पुस्तकालय, सर्वसुविधायुक्त आजिविका भवन, ग्रामीण आजीविका के लिए वर्कशेड, पशु चिकित्सालय, गांव तक पहुंच मार्ग, आंतरिक नाली, कंट्रोल दुकान और गोदाम, हर घर जल, आर्ट एण्ड क्राफ्ट सेंटर, बायोगैस सयंत्र, शांतिधाम निर्माण, गौ-समाधि स्थल, सेग्रीगेशन शेड, जल निकासी के लिए नाली, कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र, ग्राम में सौर उर्जा एवं गैर परम्परागत उर्जा क्षेत्र में विकास, पात्र परिवारों के लिए जलवायु अनुकूल आवास तथा व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक शौचालय, उद्यान, सिंचाई स्रोत विकास एवं द्विप एरीगेशन की सुविधा होगी.
मध्य प्रदेश में बढ़ेगा रोजगार
दरअसल, सहकारिता के माध्यम से गौपालन और डेयरी विकास को बढ़ावा देकर ग्रामीण परिवारों को रोजगार, स्वरोजगार दिलाया जाएगा. इसमें नंदन फलोद्यान, पोषण वाटिका, दुग्ध संग्रहण केन्द्र, वनोपज आधारित लघु उद्योग, कृषि फल उपज आधारित उद्योग, ग्राम में उपलब्ध कौशल आधारित सेवाओं के विकास की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. जल संरक्षण के तहत जल संचयन संरचनाएं, रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग, नलकूप रिचार्ज, डगवेल रिचार्ज, स्टॉप डेम/चेकडेम तालाबों का संरक्षण आदि किया जाएगा. प्राकृक्तिक कृषि, धार्मिक स्थलों, भूमियों का संरक्षण, स्वच्छता वाहन, धूसरा जल प्रबंधन, मल-कीचड प्रबंधन, राजस्व अभिलेखों को अद्यतन करना, समग्र ईकेवाइसी, होम स्टे, हस्तशिल्प कला केन्द्र, शाला और आंगनबाड़ी के बच्चों के लिये पौष्टिक भोजन, अतिक्रमण मुक्त ग्राम तथा ग्राम की स्थानिक योजना.
इन प्रस्तावों को भी मिली मंजूरी
क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निर्माण योजना में वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2029- 30 तक 1766 पुलों के पुनर्निर्माण के लिए 4 हजार 572 करोड़ रूपये की स्वीकृति मिली. भोपाल के आरजीपी परिसर में 10 एकड़ भूमि को हस्तांतरित कर राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय की स्थापना किए जाने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी. इसके लिए तीन वर्षों में प्रति वर्ष एक करोड़ 5 लाख रुपए राशि दी जाएगी. पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के छात्रावासों में मेस संचालन को स्वीकृति. 108 छात्रावासों में 9050 विद्यार्थियों के लिए 14 करोड़ अनावर्ती तथा 17 करोड़ आवर्ती व्यय कुल 31 करोड़ रुपए की स्वीकृति. नए कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मप्र न्यायायिक विज्ञान प्रयोगशालाओं में 202 वैज्ञानिक अधिकारी सहित कुल 1266 पदों की स्वीकृति दी गयी. जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत तीन नव गठित जिलों में जिला संयोजक जनजातीय तथा अनुसूचित जाति जिला कार्यालयों की स्थापना एवं कुल 48 पदों का सृजन, 381.30 करोड़ रुपये वित्तीय व्यय के रूप में दिए जाने की मंजूरी.
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