नई दिल्ली. हरियाणा और राजस्थान के कुछ इलाकों में इन दिनों लंपी वायरस का असर दिख रहा है. इसके चलते कई पशुओं की मौत हुई है. जबकि कई पशु इस वायरस की चपेट में हैं. कई गांवों में इसका असर दिखाई दे रहा है. वहीं सरकार लंपी डिसीज से बचाने के लिए प्रयास में जुटी है. राजस्थान सरकार की ओर से कहा गया है कि उनकी ओर से पशुओं को लंपी रोग से बचाने के लिए तमाम प्रयास किए गए हैं और मुकम्मल तैयारी कर ली गई है. दवाओं का भी इंतजाम किया गया है.
बात करें अगर लंपी वायरस की तो जिसे लंपी स्किन डिजीज वायरस भी कहा जाता है, यह असल में एक प्रकार का पॉक्स वायरस है. इसका संबंध गोट पॉक्स और शीप पॉक्स वायरस की फैमिली से मिला है. यह एक संक्रामक बीमारी है जो एक पशु से दूसरे पशु को होती है. इसकी शुरुआत पशुओं के बालों से होती है. इससे बुखार होता है तो त्वचा पर बड़ी गांठें निकल आती हैं. इनसे रेशा गिरता रहता है. पशुओं के थनों में सूजन आ जाती है. इलाज नहीं मिलने पर पशु की मौत हो जाती है.
लंपी स्कीन डिजीज के क्या हैं लक्षण
शरीर पर दाने निकलना
दूध कम देना
भूख न लगाना
संक्रमित पशु को बुखार आना
पशुओं के बजन में कमी
आंखों से पानी टपकना
मुंह से लार बहना
जानिए कैसे कर सकते हैं बचाव
पशुओं को एक जगह से दूसरी जगह न लेकर जाएं.
संक्रमित पशु को अलग रखें.
तबेले की साफ सफाई रखें.
मच्छरों को भगाने के लिए स्प्रे करें.
संक्रमित पशु को गोट पॉक्स वैक्सीन लगवाएं
पशु शु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, भादरा, राजस्थान डॉ. संजीव, खंड ने बताया कि 66 लंपी वायरस संक्रामक है भादरा तहसील के गांवों में केस मिल रहे हैं.
कई गोवंश ठीक भी हो रहे हैं. बालसमंद और भादरा की सीमा सटी हुई है. ऐसे में पशुओं के माइग्रेशन को रोकना जरूरी है, ताकि हरियाणा में इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके.
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