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Lumpy Disease: लंपी रोग से बचाव के लिए सरकार ने बनाया ये प्लान, अफसरों की जिम्मेदारी की गई तय

दो महीने का टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है, जिससे रोग के प्रसार को समय रहते रोका जा सके.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. राजस्थान में शासन सचिव पशुपालन, गोपालन और मत्स्य डॉ. समित शर्मा की मौजूदगी में पशुपालन को लेकर हुई अहम बैठक में लंपी रोग से बचाव के लिए सरकार की ओर निर्देश अफसरों को दिए गए. अफसरों की जिम्मेदारी भी तय की गई. वहीं इससे पहले सेक्स सॉर्टेड सीमन तकनीक के उपयोग की समीक्षा करते हुए डॉ समित शर्मा ने कहा कि यह पशुपालन के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है जो पशुपालकों को चार गुना फायदा देगी. उन्होंने अधिकारियों से इस तकनीक के उपयोग की अब तक की प्रगति की जानकारी ली. अधिकारियों ने बताया कि अब तक प्रदेश में एक लाख 60 हजार स्टाªॅ की आपूर्ति जिलों को की जा चुकी है.

उन्होंने कहा कि आपूर्ति के बावजू मात्र 22 हजार 486 कृत्रिम गर्भाधान किया गया है इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए शासन सचिव ने अगले एक महीने में इसका उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जिससे पशुपालकों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने कृत्रिम गर्भाधान का इन्द्राज पशुधन एप पर किए जाने के भी निर्देश प्रदान किए.

अफसरों को क्या मिला निर्देश
लंपी रोग प्रतिरोधक सहित अन्य संक्रामक रोगों से बचाव के लिए किए जा रहे वैक्सीनेश की समीक्षा करते हुए डॉ शर्मा ने टीकाकरण की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि निर्धारित समयावधि में शत प्रतिशत टीकाकरण पूर्ण किया जाना सुनिश्चित करें.

उन्होंने निर्देश दिए कि जहां भी लंपी के लक्षणों की शिकायत मिलती है वहां पशुओं को आइसालेट करें. जब तक कि उनकी जांच की रिपोर्ट नहीं आ जाती पूरी एहतियात बरतें.

कहा कि जिलों में सभी संबंधित विभागों के साथ समन्वय कर रोग के फैलाव को रोकने के लिए काम करें.

सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि पशु चिकित्सा संस्थाओं मेें उनकी मांग के अनुरूप दवाओं की उपलब्धता हर हाल में सुनिश्चित की जाए. जिससे किसी भी परिस्थिति में दवाइयों की कमी से कार्य बाधित न हो.

उन्होंने चिकित्सालयों में उपलब्ध दवाओं और उपकरणों के नियमित सही इस्तेमाल पर बल दिया और कहा कि जिन संस्थाओं में दवाओं का समय पर समुचित उपयोग नहीं हो पा रहा है उन दवाओं को जरूरत के मुताबिक अन्य संस्थाओं में वितरित करने के निर्देश भी दिए.

डॉ शर्मा ने नवीन पशु चिकित्सा संस्थाओं के लिए पट्टों की उपलब्धता की प्रगति पर भी संतोष व्यक्त करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सभी जिलाधिकारी से मिलकर इस संबंध में काम को और गति दें.

गौरलतलब है कि अब तक 324 भवनों के लिए जमीन के पट्टे प्राप्त हो चुके हैं जबकि शेष पट्टे भी शीघ्र प्राप्त हो जाएंगे.

वहीं शासन सचिव ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पशु चिकित्सकों से व्यक्तिगत रूप से बात की और उनकी सराहना करते हुए अन्य चिकित्सकों को उनसे प्रेरणा लेने की सलाह दी.

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