Home पशुपालन Animal Husbandry: लुवास में 26 सितंबर को होगी पशुओं की नीलामी, यहां पढ़ें नियम और शर्तें
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Animal Husbandry: लुवास में 26 सितंबर को होगी पशुओं की नीलामी, यहां पढ़ें नियम और शर्तें

दुधारू पशुओं के बयाने के संकेत में सामान्यतया गर्भनाल या जेर का निष्कासन ब्याने के तीन से 8 घंटे बाद हो जाता है.
गाय-भैंस की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एंव पशु विज्ञान विश्वविद्यालय ने हिसार हरियाणा ने पशु नीलामी सूचना जारी की है. पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय के सभागार मे 58 भैंसों व 11 झोटी और 21 कटड़ों व झोटों की नीलामी 26 सितंबर को सुबह 8:30 बजे से होगी. हालांकि नीलामी की कुछ शर्तें और नियम हैं. इसे मानने पर ही इस नीलामी में भाग लिया जा सकता है. मसलन, नीलामी में भाग लेने वाले बोलीदाता अपने आधार कार्ड की प्रति व 10 हजार रुपए प्रत्ति पशु की पहले से जमा राशि नगद जमा करवाकर हिस्सा लेना होगा. जिसने अग्रिम जमा राशि जमा करवाई है उसी व्यक्ति को नीलामी स्थल में प्रवेश करने की अनुमति होगी. प्रत्येक बोलीदाता को अग्रिम जमा राशि की रसीद एवं आधार कार्ड साथ रखना अनिवार्य है।

पशु की सबसे अधिक बोली लगाने वाले व्यक्ति को पशु नीलामी समिति की मंजूरी के उपरांत ही बेचा जाएगा. एक अग्रिम जमा राशि पर एक ही पशु छुड़वाया जा सकता है. यदि बोतीदाता अधिक पशु लेना चाहता है तो 10 हजार रुपए प्रति अतिरिक्त पशु जमा करना होगा.

यहां पढ़ें हर एक डिटेल
26 सितंबर को सुबह 8:30 बजे के बाद होने वाली नीलामी के पशुओं को भैंस फार्म (लुवास) में 24 और 25 सितंबर की सुबह 9:00 बजे से शाम 3:00 बजे तक देखा जा सकता है.

पशुओं की नीलामी में भाग लेने के लिए बोलीदाता दो दिन पहले 24 और 25 सितंबर को सुबह 9:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक नगद अग्रिम जमा राशि जमा करवा सकते हैं.

बोलीदाता जिन्होंने नगद अग्रिम जमा राशि बोली तिथि से पहले जमा करवाई है वो रसीद पर्ची व अपना आधार कार्ड की प्रति दिखाकर दिनांक 26 सितंबर को सुबह 8:30 बजे नीलामी स्थल में प्रवेश कर पशु नीलामी में भाग ले सकते हैं.

अगर बोलीदाता के नाम से कोई पशु छूटता है तो बोली दी गई कीमत को नीलामी के के बाद दो दिन के अंदर विभाग के कार्यालय में नगद जमा करवानी होगी. नीलामी में खरीदा पशु पहचान सत्यापन के पश्चात उसी बोलीदाता को दिया जाएगा जिसने उसे बोली में खरीदा है.

बोलीदाता के नाम से कोई पशु नहीं छूटता है तो बोलीदाता द्वारा नगद जमा अग्रिम जमा राशि पहचान सत्यापन के पश्चात उसी दिन बोली समाप्त होने के पश्चात पा अगले दिन नगद वापस कर दी जाएगी.

यदि पशु चोली से दो कार्य दिवस के अंदर नहीं ले जाया जाएगा तो 250 रुपए प्रति दिन प्रति पशु अतिरिक्त चार्ज लिया जाएगा जो अधिकतम बोली तिथि के अगले दस दिन तक मान्य होगा.

यदि बोली के अगले दस दिन के अंदर बोलीदाता पशु ले जाने में असमर्थ रहता है तो बोली रद्द समझी जाएगी व जमा की गई अग्रिम जमा राशि जब्त कर ती जाएगी.

नीलामी में पशु छुड़वाने पर पूरी राशि जमा करवाने के बाद पशु को बाहर ले जाने के लिए संबंधित अधिकारी से गेट पास लेना होगा. गेट पास पर वाहन नंबर तथा पशु का टैग नंबर अंकित रसीद दिखाने के बाद ही पशु बाहर ले जाने दिया जाएगा.

ताजा ब्याही भैंस के साथ उसका नवजात कटड़ा, कटड़ी उसी स्थिति में दिया जाएगा जब वह नीलामी सूची में दिखाया गया होगा. वहीं नवजात की कीमत भैस के अतिरिक्त होगी जोकि खाता मूल्य, बुक वैल्यू के आधार पर निर्धारित की जाएगी.

बोलीदाता प्रत्येक बड़े पशु की बोली पर कम से कम 1000 रुपए और छोटे कटहे / कटड़ियो की बोली पर कम से कम 500 रुपए बढ़ाएंगे.

पशु जहां है जैसा है के आधार पर बोली की जाएगी कोई फेर बदल मान्य नहीं होगा.

इच्छुक बोलीदाताओं को नीलामी से पहले पशुओं के स्वास्थ्य एवं प्रजनन संबंधित रिकार्ड की जांच करनी चाहिए. पशु की नीलामी के बाद किसी भी बीमारी या विकार या अन्य दिक्कतों के लिए विभाग जिम्मेवार नहीं होगा.

नीलामी समय से नीलामी सूची के पशुओं को होने वाली किसी भी नुकसान, चोट मौत के लिए विभाग जिम्मेवार नहीं होगा.

नीलामी सूची में पशुओं की संख्या घट बढ़ सकती है. किसी भी विवाद की स्थिति में पशु नीतामी समिति का निर्णय अंतिम होगा. नीलामी समिति बिना किसी स्पष्टीकरण के किसी भी बोली को रद्द कर सकती है.

किसी भी पशु को अंतिम बोली पर छोड़ने पान छोड़ने का अधिकार पशु नीलामी समिति का होगा. पशु नीलामी समिति द्वारा पशु की नीलामी छोड़ने के बाद किसी भी बोली को स्वीकार अथवा रद्द करने तथा किसी भी प्रकार की कमी को दूर करने का अधिकार पशु नीलामी समिति के पास आरक्षित है जो सर्वमान्य होगा.

नीलामी के दौरान किसी भी प्रकार की शर्तों में परिवर्तन या स्पष्टीकरण करने का विशेषाधिकार नीलामी समिति के पास सुरक्षित होगा. पशु की गाड़ी में लोड करने की जिम्मेदारी बोलीदाता की होगी.

बोली में पशु छुड़‌वाने व बोली की पूरी कीमत जमा करवाने के बाद पशु को गाड़ी में तोड करने के दौरान किसी भी प्रकार की दुर्घटना की जिम्मेदारी विभाग की नहीं होगी.

हरियाणा राज्य क्षेत्र से पशु पशुओं के परिवहन के लिए परमिट प्राप्त करना सफत बोलीदाता की जिम्मेदारी है. किसी भी कानूनी कार्रवाई के लिए हिसार न्यायालय का क्षेत्राधिकार लागू होगा.

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