नई दिल्ली. ऑल इंडिया ब्रायलर ब्रीडर एसोसिएशन के अध्यक्ष और आईबी ग्रुप के एमडी बहादुर अली ने कहा कि मक्का का इस्तेमाल एथेनॉल में हो रहा है, लेकिन एथेनॉल में मक्का जाने से उसका कोई असर पोल्ट्री सेक्टर पर नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि मक्का की कहीं कोई कमी देखने को मिलेगी तो इसके लिए सरकार है. कुछ स्टॉकिस्ट इस बात को फैला रहे हैं कि मक्का की कमी है लेकिन अगर ऐसा होगा भी तो मक्का की इंपोर्ट ड्यूटी हटाकर और जीएम मक्का को भारत में अनुमति देकर भी सरकार पोल्ट्री सेक्टर, किसान और स्टार्च इंडस्ट्री का भला कर सकती है. वो आगे कहते हैं कि पिछले एक साल में मक्का महंगी तो हुई है. 20 हजार टन से आज मक्का का दाम 23 से 24 हजार रुपए टन पहुंच गया है लेकिन उम्मीद है कि ब्रोकन राइस मक्का की कमी की भरपाई कर देगा.
कैसे होगी मक्का की भरपाई
गौरतलब रहे कि इससे पहले भी पोल्ट्री सेक्टर से जुड़े कई संगठन मक्का इंपोर्ट करने और जीएम मक्का की खेती की अनुमति देने की मांग करते चले आ रहे हैं. बहादुर अली आगे कहते हैं कि भारत से 35 लाख टन मक्का एक्सपोर्ट होती है, जिस पर सरकार ने रोक लगा दी है. अब बाहर जाने वाली मक्का पोल्ट्री और एथेनॉल में काम आएगी. इतना ही नहीं ऐसी चर्चा है कि इस बार धान का उत्पादन भी बढ़ा है. जिसकी वजह से पोल्ट्री के लिए ब्रोकन राइस ज्यादा मिलने की उम्मीद है. ऐसे में एथेनॉल के लिए जाने वाली मक्का की भरपाई इस तरह से हो सकेगी.
इसके उत्पादन की अनुमति देने की मांग
उन्होंने कहा कि देश की कुल मक्का उत्पादन का 60 फ़ीसदी हिस्सा तो पोल्ट्री सेक्टर को ही चाहिए होता है. हर साल पोल्ट्री सेक्टर 8 से 10 फीसदी की दर से बढ़ रहा है. जबकि मक्का का उत्पादन 4 से 5 फ़ीसदी की दर से बढ़ा है. ऐसे में स्टार्च इंडस्ट्री और एथेनॉल के लिए मक्का भी चाहिए होता है. इसलिए सरकार से मांग है कि वह इंपोर्ट ड्यूटी को खत्म करें. इंपोर्ट की अनुमति दें. वहीं जीएम मक्का जिससे 32 से 40 फीसदी तक मक्का उत्पादन बढ़ जाएगा कि देश में खेती करने की अनुमति सरकार को देनी चाहिए.
15 फीसदी करने की मांग
इस पूरे मसले पर पोल्ट्री एक्सपर्ट और फेडरेशन के कोषाध्यक्ष रिकी थापर का कहना है कि बीते कुछ साल में मक्का के दाम बहुत बढ़े हैं. पोल्ट्री फील्ड तैयार करने में मक्का का बड़ा रोल है. इसको देखते हुए कंपाउंड लाइव स्टॉक और फीड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन और पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया ने केंद्र सरकार से देश में जीएम मक्का की खेती करने की इजाजत मांगी है. वहीं वेट्स इन पोल्ट्री संस्था ने भी केंद्रीय पशुपालन और दिल्ली मंत्री को पत्र लिखकर मक्का आयात पर लगने वाली ड्यूटी खत्म करने या फिर 15 फीसदी करने की मांग की है.
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