Home पशुपालन Dairy Farm: इस तरह का बनाएं डेयरी फार्म, हर मौसम में आएगा काम, प्रोडक्शन भी बढ़ेगा
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Dairy Farm: इस तरह का बनाएं डेयरी फार्म, हर मौसम में आएगा काम, प्रोडक्शन भी बढ़ेगा

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. पशुपालन में पशुओं के आवास यानि डेयरी फार्म का अहम रोल रोता है. एक्सपर्ट का तो यहां तक कहना है कि डेयरी फार्म मैनेजमेंट काफी हद तक उत्पादन को लेकर जिम्मेदार हैं. बेहतर डेयरी फार्म होगा तो पशु ज्यादा दूध का प्रोडक्शन करेंगे. कमी रहेगी तो पशुओं के प्रोडक्शन पर बुरा असर पड़ेगा. क्योंकि पशुओं को वहां मिलने वाली सुविधा से उनकी सेहत पर भी अच्छा और खराब प्रभाव पड़ता है. इसलिए हमेशा ही पशुओं के लिए आइडियल डेयरी फार्म का निर्माण करना चाहिए. तभी डेयरी कारोबार में फायदा मिलेगा.

वैसे तो डेयरी फार्म को तीन तरह की कैटेगरी में बांटा जा सकता है. मसलन, खुला हुआ डेयरी फार्म, बंद डेयरी फार्म और आधा खुला और आधा बंद डेयरी फार्म. यहां हम आपको आधा खुला और आधा बंद डेयरी फार्म के बारे में बताने जा रहे हैं.

कैसा होता है आधा खुला फार्म
एक्सपर्ट कहते हैं कि आधा खुला डेयरी फार्म बंद और पूरी तरह से खुले आवासों की कमियों को दूर करता है. इसलिए फार्म की यह विधि पशु पालकों के लिए ज्यादा फायदेमंद है. इसमें पशु को खिलाते समय, दूध निकालते समय और इलाज करते समय बांधा जाता है. बाकी समय में उसे खुला रखा जाता है. इस आवास में हर पशु को 12-14 वर्ग मीटर की जगह की आवश्यकता होती है. जिसमें से 4.25 वर्ग मीटर ढका हुआ और 8.6 वर्ग मीटर. खुला हुआ रखा जाता है. वयस्क पशु के लिए चारे की नांद 75 सेमी चौड़ी और 40 सेमी गहरी रखी जाती है. जिसकी अगली तथा पिछली दीवारें 75 से 130 सेमी की होती हैं.

कितनी जगह होगी जरूरत
खड़े होने का स्थान की बात की जाए तो 180-210 सेमी लम्बा और नांद के लिए 120 सेमी. रखा जाता है. फर्श की ढलान नांद से नाली की तरफ 2.5-4.0 सेमी होना चाहिए. खड़े होने का फर्श सीमेंट या ईटों का बनाना चाहिए. नाली 30-40 सेमी चौड़ी तथा 5-7 सेमी गहरी होनी चाहिए. वहीं इसके किनारे गोल रखने चाहिए. इसमें हर 1.2 मीटर के लिए 2.5 सेमी ढलान रखना चाहिए. बाहरी दीवारें 1.5 मीटर ऊंची रखी जानी चाहिए. इस विधि में बछड़ो बछड़ियों तथा ब्याने वाले पशु के लिए अलग से ढके हुए स्थान में रखने की व्यवस्था की जाती है. डेयरी फार्म में काम करने वाले के बैठने तथा दाने चारे को रखने के लिए भी ढके हुए भाग में स्थान रखा जाता है.

हर मौसम में होगी सेफ्टी
एक्सपर्ट का कहना है कि एक बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि गर्मियों के लिए शेड के चारों तरफ छायादार पेड़ लगाने चाहिए और सर्दियों तथा बरसात में पशुओं को ढके हुए भाग में रखना चाहिए. सर्दियों में ठंडी हवा से बचाने के लिए बोरे अथवा पोलीथीन के पर्दे लगाए जा सकते हैं. इस तरह के आवास से गर्मी में जहां पशुओं को गर्मी से बचाया जा सकता है तो वहीं ठंड के मौसम में ठंड लगने से. जबकि बरसात में बारिश के पानी से.

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