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Meat: मीट की वजह से बढ़ रही है इस तरह के पैकिंग कंटेनरों की डिमांड

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रेड मीट की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मौजूदा वक्त में खाद्य पैकेजिंग में भारत जैसे लागत-संवेदनशील बाजार में, पैकेजिंग लागत को कम करने का दबाव तेजी से बढ़ रहा है. जबकि भारत में अधिक रिफाइंड पैकेजिंग की मांग बढ़ रही है, इसके साथ पैकेजिंग आपूर्तिकर्ताओं के लिए लागत पर अतिरिक्त दबाव भी आ रहा है. सरकार ने राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन कार्य योजना के तहत रिसाइकलिंग को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए हैं. जबकि रिसाइकलिंग वह मंत्र है, जिसे दोनों सरकारें और निर्माताओं को काफी कुछ सीखना है. बता दें कि इसका उपयोग वह क्षेत्र है, जिससे पैकेजिंग क्षेत्र इनोवेशन के मामले में बहुत कुछ पेश कर सकता है.

एक्सपर्ट का कहना है कि पारिस्थितिकीय रूप से अनुकूल टिकाऊ पैकेजिंग कार्यक्रम को हटाने, घटाने, फिर उपयोग, रिसाइकिलिंग, नवीनीकरण, राजस्व और बढ़ाने के लिए लक्षित होना चाहिए.

बढ़ रहा है प्रोसेस्ड फूड का सेवन
उपभोक्ता जागरूकता और शिक्षा एक चुनौती है जिसे फिर से उपयोग किए जाने योग्य पैकेजिंग की दिशा में सही सफलता के साथ पूरा करना होगा. ग्राहकों को रिसाइकलिंग और पैकेजिंग कचरे को कम करने की आदत में लाने के लिए ईमानदारी से प्रयास किए जाने चाहिए. भारत में पतले दीवार वाले कंटेनरों की मांग बढ़ रही है. क्योंकि मांस के उत्पादों जैसे प्रोसेस्ड फूड का सेवन बढ़ रहा है. ये पतले दीवार वाले कंटेनर हल्के होते हैं और रेफ्रिजरेशन के लिए उपयुक्त होते हैं. पतले दीवार वाले कंटेनरों का उत्पादन महत्वपूर्ण निवेश की आवश्यकता नहीं करता है और छोटे खिलाड़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करता है.

ताकि ट्रैक किया जा सके प्रोडक्ट
बता दें कि AIDC (स्वचालित पहचान और डेटा कैप्चर) उद्योग पैकेजिंग में सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है, जिसमें भारत के लिए अपने आईटी क्षमताओं का उपयोग करके वैश्विक बाजार में सॉफ्टवेयर, समाधान और उत्पादों का बड़ा हिस्सा हासिल करने की अपार संभावनाएँ हैं. बहुराष्ट्रीय कंपनियों की आपूर्ति श्रृंखला में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में, भारतीय कंपनिया भी RFID-इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद कोड (EPC) प्रौद्योगिकी को अपनाने लगी हैं ताकि उत्पादों को आपूर्ति श्रृंखला के माध्यम से यात्रा करते समय ट्रैक किया जा सके.

लेबलिंग की जरूरतों को करता है पूरा
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने 2011 में खाद्य सुरक्षा और मानक नियमावली बनाने का प्रस्ताव रखा और इसके संबंध में अपनी दिशानिर्देश जारी किए. यह नियम उन सभी खाद्य पदार्थों के लिए स्पष्ट रूप से लेबलिंग की जरूरतों को प्रदान करता है जो भारत में पैक किए जाते हैं. यह पैक किए गए खाद्य पदार्थों को लेबल करने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश देता है, जिसमें उत्पादन की तारीख, उपयोग के लिए सर्वोत्तम तारीख, पैकेजिंग की तारीख आदि के विवरण शामिल हैं.

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