नई दिल्ली. एक आंकड़े के मुताबिक देश में तकरीबन 75 फीसद लोग नॉनवेजिटेरियन हैं. इसमें सबसे ज्यादा चिकन खाया जाता है. इसके बाद बफैलो, फिर बकरी और भेड़ के मीट का नंबर आता है. बात अगर बफैलो मीट की जाए तो इसको भी खाने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. हालांकि इसकी उपलब्धता बहुत से शहरों और कस्बों में नहीं है. क्योंकि इसको प्रोसेसिंग करने का विकल्प मौजूद नहीं है. छोटे स्तर पर ही इस व्यवसाय को किया जाता है. जबकि कुछ बदलाव करके सालभर इसकी उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकती है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अरब देशों में बफैलो मीट की डिमांड खासी अच्छी है. भारतीय भैसों का मांस वहां पर एक्सपोर्ट किया जाता है. बड़े कामर्शियल स्लाटर हाउस में बफैलो कटिंग के बाद मीट को टुकड़ों में भेजा जाता है. इससे उसकी शेल्फ लाइफ भी बढ़ जाती है. हालांकि देश में घरेलू मार्केट इस तरह से कवर नहीं हो पा रहा है. अगर देश में प्रोसेसिंग यूनिट खुलने लगें तो फिर यहां भी बफैलो मीट को लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है. जिससे डिमांड भी बढ़ेगी और लोगों को इससे फायदा भी होगा.
पूरे वर्ष मिलेगा मीट
गौरतलब है कि परंपरागत मांस उत्पादों जिसमें बफैलो मीट भी शामिल है का अधिकांश भाग आमतौर पर उनके कम भंडारण स्थिरता के कारण देशी भौगोलिक क्षेत्र तक ही सीमित होता है. शहरीकरण में वृद्धि और मांस उपभोग करने वाली वर्ग की संख्या में वृद्धि को देखते हुए, विशेष रूप से उन परंपरागत मांस उत्पादों का व्यापारिकरण जो शेल्फ स्थिर हैं, की अच्छी संभावना है. रेटॉर्ट प्रोसेसिंग परंपरागत मांस उत्पादों की शेल्फ लाइफ बढ़ाने और विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में उनकी लोकप्रियता के लिए एक उम्मीद जगाने वाली तकनीक है. शेल्फ-स्थिर परंपरागत मांस उत्पादों के बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए रेटॉर्ट पाउच प्रोसेसिंग का अनुप्रयोग पूरे वर्ष उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करेगा और उनके निर्यात संभावनाओं को भी बढ़ाएगा.
ये मशीने करेंगी मदद
पारंपरिक मांस उत्पादों की प्रोसिंग क्षमता विशेष भूगोलिक क्षेत्र तक सीमित है और यह स्थानीय लोगों के हाथों में है, जो उत्पादों को पारंपरिक तरीके से या तो नियमित रूप से या त्योहार के समय या किसी विशेष अवसर पर प्रोसेसिंग करते हैं. उनमें से अधिकांश केवल छोटे, स्थानीय और क्षेत्रीय कारोबारी शामिल हैं. इन उत्पादों का बड़े पैमाने पर उत्पादन और सभी स्थानों पर पूरे वर्ष उपलब्धता उनके विपणन क्षमता को और बढ़ाएगी. खाद्य ग्रेड स्टेनलेस स्टील से बने उपयुक्त स्वदेशी उपकरण/ मशीनरी की उपलब्धता, जहाँ आवश्यक हो, बड़े पैमाने पर और समान उत्पादन में मदद कर सकती है.
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