नई दिल्ली. हरियाणा में इन दिनों दुग्ध संघ यानि मिल्क सोसाइटी और वीटा डेयरी दोनों ही परेशानियों में हैं. दरअसल, हाल ही में रोहतक, जींद आदि जगहों पर वीटा डेयरी के प्लांट पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं. दुग्ध संघ की ओर से किए गए इस प्रदर्शन के दौरान आरोप लगाया गया कि लगातार दूध की सप्लाई करने के बाद भी उन्हें भुगतान नहीं किया जा रहा है. जबकि नियम है कि 10 दिन के अंदर भुगतान हो जाए. मिल्क सोसाइटी का कहा कि वीटा पर करीब 100 करोड़ रुपये का बकाया है. महीनों बीत गए बावजूद इसके चुकाया नहीं गया है. जबकि दूसरी ओर वीटा डेयरी के अधिकारियों का कहना है कि 150 करोड़ रुपए का भुगतान सरकार के पास रुका हुआ है, इसी वजह से दुग्ध संघ को उनका भुगतान करने में मुश्किल हो रही है.
किसानों के सामने भी खड़ी हुई मुश्किल
बता दें कि हरियाणा की हजारों मिल्क सोसाइटी रोजाना वीटा डेयरी के अलग-अलग प्लांट पर दूध पहुंचाती हैं. वीटा डेयरी का नियम है कि 10 दिन के बाद समिति को उनके दूध का भुगतान कर दिया जाए. हालांकि नवंबर के बाद से सोसाइटियों को दूध का भुगतान नहीं मिल पाया है. वीटा से भुगतान न होने की हालत में गांव-गांव उन किसानों को अभी रुपया नहीं दे पा रही है, जिससे वह रोजाना सुबह शाम दूध लेती है. ऐसे में मिल्क सोसाइटियों के साथ ही उन छोटे किसानों को भी संकट का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते मिल्क सोसाइटी प्रदर्शन करने को मजबूर हो रही है.
इस वजह से रुका है भुगतान
मीडिया रिपोर्ट की माने तो हरियाणा में मिड डे मील योजना के तहत स्कूलों में बच्चों के लिए दूध जाता है. वहीं आंगनबाड़ी केंद्रों में छोटे बच्चों के लिए भी दूध का पाउडर सप्लाई किया जाता है. कई महीनों से लगातार दूध और दूध पाउडर सप्लाई हो रहा है लेकिन इसके बदले रुपयों का भुगतान वक्त से नहीं किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि डेयरी का प्रदेश सरकार पर दूध और दूध पाउडर का करीब 150 करोड़ रुपया बकाया है. यही वजह है कि डेयरी वाले कह रहे हैं कि जब 150 करोड़ रुपए मिले तो मिल्क सोसाइटियों का भी 90 से 100 करोड रुपए का भुगतान कर दिया जाए.
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