नई दिल्ली. पशुपालन एवं डेयरी विभाग हर साल राज्य पशुपालन विभाग के माध्यम से आयोजित एंटीग्रेटेड सैंपल सर्वे के जरिये दूध, मांस, अंडा और ऊन उत्पादन का राज्य-वार आकलन किया करता है. सर्वे में ये बात निकल कर सामने आ चुकी है कि साल 2022-23 के दौरान देश में कुल दूध उत्पादन 230.58 मिलियन टन था. जबकि इस अवधि में प्रति व्यक्ति उपलब्धता 459 ग्राम प्रति दिन थी. रही बात दूध की खपत की तो राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (NSSO) नियमित अंतराल खपत का सर्वे करता है, जिसमें दूध और दूध उत्पादों की खपत सहित परिवारों द्वारा खाद्य और गैर-खाद्य उत्पादों की खपत की जानकारी जुटाई जाती है. इसके मुताबिक साल 2022-23 के दौरान ग्रामीण क्षेत्र में प्रति व्यक्ति दूध की खपत 164 ग्राम प्रति दिन और शहरी क्षेत्र में प्रति व्यक्ति 190 ग्राम प्रति दिन थी.
बतात चलें कि भारत में वर्ष 2022-23 के दौरान दूध की प्रति व्यक्ति उपलब्धता खपत से अधिक थी. भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FASSI) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के तहत एक ऐसा निकाय है जो भारत में खाद्य की सुरक्षा और गुणवत्ता को सुनिश्चित करने का काम करता है. FASSI देश भर में उपभोक्ताओं को सुरक्षित खाद्य उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
की जाती है सख्त कार्रवाई
इस दिशा में, कमिटेड राज्य व संघ राज्य अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से खाद्य सुरक्षा और मानक (FSS) अधिनियम, 2006 और उसके तहत बनाए गए नियमों के तहत निर्धारित गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों तथा अन्य जरूरतों के पालन की जांच के लिए डेयरी उत्पादों, मसालों और फोर्टिफाइड चावल सहित विभिन्न खाने वाले प्रोडक्ट की नियमित निगरानी, निरीक्षण और रैंडम सैंपलिंग करता है. मानकों का पालन न करने की स्थिति में, FSS अधिनियम के तहत निर्धारित प्रावधानों के अनुसार दोषी खाद्य व्यवसाय संचालकों (एफबीओ) के खिलाफ कार्रवाई भी करता है.
तुरंत जांच के लिए ये कदम उठाया जाएगा
इसके अलावा, FASSI ने साल 2011, 2016, 2018, 2020, 2022 और वर्ष 2023 में दूध और दूध प्रोडक्ट की पूरे भारत में निगरानी करती है. वर्ष 2018, 2020 और वर्ष 2022 में FASSI द्वारा की गई दूध निगरानी की रिपोर्ट www.fssai.gov.in/cms/national-surveys.php पर सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध है. FASSI ने राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों को दूध और दूध उत्पादों की स्क्रीनिंग/तुरंत जांच के लिए फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स तैनात करने को भी कहा है. देश में दूध में मिलावट की समस्या को दूर करने और गुणवत्ता मानकों के लिए पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा उठाए गए कदमों का ब्यौरा अनुबंध-I में दिया गया है.
हजारों लाख रुपये की योजनाएं मंजूर
राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) योजना के तहत, अमृतसर जिले सहित पंजाब में 18 हजार 441.39 लाख रुपये की केंद्रीय हिस्सेदारी सहित 27 हजार 907.38 लाख रुपये की कुल परियोजना लागत से 10 परियोजनाएं शुरू की गई हैं, और इसमें से अब तक 15 हजार 509.46 लाख रुपये जारी किए जा चुके हैं. NPDD परियोजनाओं के तहत अमृतसर दुग्ध संघ को 1873.13 लाख रुपये का केंद्रीय हिस्सा मिला है, जिसमें से 1504.22 लाख रुपये का उपयोग किया जा चुका है.
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