Home डेयरी Animal News: इस बीमारी में घट जाता है पशु का दूध उत्पादन, जानें क्या है इलाज और उत्पादन बढ़ाने का तरीका
डेयरी

Animal News: इस बीमारी में घट जाता है पशु का दूध उत्पादन, जानें क्या है इलाज और उत्पादन बढ़ाने का तरीका

चारे की फसल उगाने का एक खास समय होता है, जोकि अलग-अलग चारे के लिए अलग-अलग है.
प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. दूध देने वाले पशु जब कभी पतला गोबर करने लगें तो मान लीजिए कि इससे पशु का दूध उत्पादन भी कम होगा. क्योंकि ये बिल्कुल तय बात है. अगर आपका पशु भी पतला गोबर कर रहा है तो आपको तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए. वहीं इसके साथ आपके लिए ये जानना भी बेहद जरूरी है कि ऐसा क्या किया जाए जिससे पशु का दूध उत्पादन कम न हो और वो अपनी क्षमता के मुताबिक दूध उत्पादन करता रहे. क्योंकि ऐसा न किया जाए तो डेयरी फार्मिंग में आपको नुकसान होने लगेगा. मान लीजिए आपका पशु 10 लीटर दूध का उत्पादन कर रहा है और उसका उत्पादन 5 लीटर हो गया तो इससे डेयरी फार्मिंग में नुकसान होने लगेगा.

हालांकि इस समस्या का भी इलाज है और इससे पशु का दूध उत्पादन भी कम नहीं होगा. एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि जब पशु पतला गोबर करते हैं तो आमतौर पर पशुपालकों के मन में ये सवाल होता है कि कहीं ऐसा तो नहीं पशु ने कुछ गलत चीज खा ली, कुछ ज्यादा तो नहीं खा लिया या कहीं इसके पेट में कीड़े तो नहीं है.

पशु की कराएं डीवार्मिंग
एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर आपका पशु पतला गोबर कर रहा है और आपने दो-तीन महीने से डीवार्मिंग नहीं कराई तो सबसे पहला काम ये करें कि पशु की डीवार्मिंग कराएं. आप चाहें तो डॉक्टर की सलाह पर दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं जब आप डीवार्मिंग करा लेंगे तो हो सकता है कि पशु को और ज्यादा पतले दस्त होने लगें. यहां पर घबराने की जरूरत नहीं है. यहां हम आपको एक और तरीका बताने जा रहे हैं, जिसके इस्तेमाल से पशु का दस्त भी सही हो जाएगा और उसका दूध उत्पादन भी सही रहेगा.

पशु को पिलाएं छाछ
ऐसे में छाछ पशु की मदद कर सकता है लेकिन छाछ को ज्यादा नहीं पिलाना चाहिए उसको पिलाने की भी मात्रा फिक्स है. ऐसे में पशु को 1 लीटर छाछ पिलाना चाहिए. आप चाहें तो छाछ को आधा लीटर शाम में आधा लीटर सुबह में पिला सकते हैं. या फिर चाहें तो एक साथ भी पिला सकते हैं. हालांकि छाछ को पिलाने की तरीका यह है कि उसे मीठा कर दिया जाए. मीठा करने के लिए 50 ग्राम सुबह और 50 ग्राम शाम में उसमें मिश्री मिलना चाहिए. याद रखें 100 ग्राम से ज्यादा मिश्री पशु को नहीं देना है.

सौंफ का पाउडर भी खिलाएं
अगर आपके पास मिश्री उपलब्ध न हो तो चीनी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन मिश्री ज्यादा बेहतर मानी जाती है. एक्सपर्ट का कहना है कि इससे पशु का दूध उत्पादन में बढ़ जाएगा और डाइजेशन भी बेहतर हो जाएगा और पशु को जो भी दिक्कतें हैं वह ठीक हो जाएंगी. वहीं दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए सुबह-शाम पशु को 50-50 ग्राम सौंफ का पाउडर देना चाहिए. लगातार चार दिन सौंफ का पाउडर पशु को दे देंगे तो इसे बेहतरीन रिजल्ट देखने को मिलेगा.

Written by
Livestock Animal News Team

Livestock Animal News is India’s premier livestock awareness portal dedicated to reliable and timely information.Every news article is thoroughly verified and curated by highly experienced authors and industry experts.

Related Articles

डेयरी

Dairy Sector: भारत और न्यूजीलैंड की साझेदारी से डेयरी सेक्टर को मिले ये तीन बड़े फायदे, पढ़ें यहां

नई दिल्ली. राष्ट्रीय डेयरी बोर्ड NDDB और इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड के चेयरमैन...

This scheme aims at the development and conservation of indigenous breeds, genetic upgradation of bovine population, enhancement of milk production and productivity of bovines thereby making dairying more remunerative to farmers. The following steps have been undertaken under the scheme.
डेयरी

Dairy: इस राज्य में 50 लाख लीटर दूध का होगा उत्पादन, बनाया गया ये प्लान

नई दिल्ली. मध्यप्रदेश में सरकार दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए कई...

डेयरी

Milk Production: सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाले किसान हुए सम्मानित, जानें किसे मिला पहला ईनाम

नई दिल्ली. मध्यप्रदेश में दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए पशुपालकों को...